पार्टी को विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष अनुरोध दायर करने का अधिकार: महाना ने विधायकों के निष्कासन पर कहा
सं जफर खारी
- 24 Jun 2025, 11:28 PM
- Updated: 11:28 PM
अयोध्या (उप्र), 24 जून (भाषा) उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी से निष्कासित तीन विधायकों के राजनीतिक भविष्य पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि नियमों के अनुसार, यदि कोई विधायक पार्टी की मंशा के विपरीत काम करता है तो पार्टी विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष अनुरोध दायर करने की हकदार है।
सपा के तीन बागी विधायकों अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह और मनोज कुमार पांडेय को सोमवार को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। गोसाईगंज से सपा विधायक अभय सिंह, गौरीगंज से पार्टी विधायक राकेश प्रताप सिंह और ऊंचाहार से विधायक मनोज कुमार पांडेय ने पिछले साल फरवरी में हुए राज्यसभा चुनाव में कथित तौर पर दल से बगावत करते हुए सत्तारूढ़ (भाजपा) के पक्ष में वोट किया था।
मंगलवार को भगवान रामलला के दर्शन और पूजा-अर्चना करने अयोध्या आए महाना ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ऐसे अनुरोध पर निर्णय उसकी योग्यता के आधार पर किया जाता है। इस मामले में, उनकी सदस्यता को लेकर कोई अनुरोध दायर नहीं किया गया है।’’
उन्होंने कहा कि किसी राजनीतिक दल से निष्कासित विधायकों को स्वतंत्र माना जाता है।
अध्यक्ष ने यह भी बताया कि हालांकि निष्कासन एक दिन पहले ही हुआ है, लेकिन इसकी कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। साथ ही, निष्कासित सदस्यों को अलग से मान्यता देने के लिए कोई आवेदन नहीं किया गया है।
महाना ने कहा कि आवेदन मिलने पर नियमानुसार कदम उठाए जाएंगे।
निष्कासित विधायकों ने अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी के फैसले की कड़ी आलोचना की तथा इसके आंतरिक नेतृत्व और वैचारिक भटकाव पर सवाल उठाए।
सपा ने इन तीनों विधायकों के निष्कासन का एलान करते हुए ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘समाजवादी सौहार्दपूर्ण सकारात्मक विचारधारा की राजनीति के विपरीत साम्प्रदायिक विभाजनकारी नकारात्मकता तथा किसान, महिला, युवा, कारोबारी, नौकरीपेशा और ‘पीडीए विरोधी’ विचारधारा का साथ देने के कारण’’ तीनों विधायकों को पार्टी से निष्कासित किया गया है।
पार्टी ने कहा, ‘‘इन लोगों को हृदय परिवर्तन के लिए दी गयी ‘अनुग्रह-अवधि’ की समय-सीमा अब पूर्ण हुई। भविष्य में भी ‘जन-विरोधी’ लोगों के लिए पार्टी में कोई स्थान नहीं होगा और पार्टी के मूल विचार की विरोधी गतिविधियां सदैव अक्षम्य मानी जाएंगी।’’
सपा ने कहा, ‘‘जहां रहें, विश्वसनीय रहें। सहृदयपूर्ण शुभकामनाएं।’’
सपा का आरोप है कि उसके विधायकों --अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह और मनोज कुमार पांडेय ने पिछले साल फरवरी में हुए राज्यसभा चुनाव में अपनी पार्टी से बगावत करते हुए भाजपा प्रत्याशियों को वोट दिया था। पार्टी ने उनके खिलाफ तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की थी।
इस बीच, 2024 में राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले सपा के मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा दे चुके पांडेय ने 'पीटीआई वीडियो' से बात करते हुए सपा से निष्कासित किए जाने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कई सवाल उठाए।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस घटनाक्रम से हैरान हूं। मुझे समाजवादी पार्टी चलाने वालों पर दया आती है। कोई पार्टी किसी ऐसे व्यक्ति को कैसे निकाल सकती है जो पहले ही एक लाख लोगों की भीड़ के सामने और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो चुका है?’’
पांडेय ने सपा पर हमला करते हुए उस पर हिंदू मान्यताओं का अनादर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी राजनीतिक दल भगवान राम का अपमान कैसे कर सकता है, रामचरितमानस को कैसे जला सकता है और हिंदू देवी-देवताओं के बारे में अपमानजनक टिप्पणी कैसे कर सकता है?’’
भाषा सं जफर