लोकतंत्र के ताबूत में ठोकी गई हर कील मेरे दिल में ठोकी गई कील के समान: जेपी ने आपातकाल में लिखा था

लोकतंत्र के ताबूत में ठोकी गई हर कील मेरे दिल में ठोकी गई कील के समान: जेपी ने आपातकाल में लिखा था