सेना ड्रोन हमलों से निपटने का समाधान खोजने के लिए परीक्षण कर रही है: रक्षा विशेषज्ञ
संतोष धीरज
- 27 Jun 2025, 08:54 PM
- Updated: 08:54 PM
नयी दिल्ली, 27 जून (भाषा) एक शीर्ष रक्षा विशेषज्ञ ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय सेना ड्रोन हमलों से निपटने का समाधान ढूंढ़ने के लिए परीक्षण कर रही है। पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों के खिलाफ शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जवाब में इस्लामाबाद द्वारा बड़े पैमाने पर ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था।
पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमलों का बदला लेने के लिए सीमा पार आतंकी ढांचे पर भारत के हवाई हमलों का मुकाबला करने के लिए पाकिस्तान ने बड़ी संख्या में ड्रोन और युद्धक हथियारों का इस्तेमाल किया था।
रक्षा मंत्रालय के पूर्व प्रधान सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल वी जी खंडारे (सेवानिवृत्त) ने एसआईए-इंडिया द्वारा आयोजित ‘इंडिया स्पेस कांग्रेस’ के एक सत्र में कहा, ‘‘सशस्त्र बल पहले से ही ड्रोन रोधी समाधान ढूंढ़ने के लिए अपने परीक्षण कर रहे हैं।’’
भारत ने अपने स्वनिर्मित आकाशतीर वायु रक्षा प्रणाली का उपयोग करके पाकिस्तान द्वारा किए गए ड्रोन हमलों की श्रृंखला को विफल कर दिया था, जो युद्ध में रक्षा की प्रमुख पंक्ति के रूप में उभरी है।
लेफ्टिनेंट जनरल खंडारे (सेवानिवृत्त) ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान न तो भारतीय सेना और न ही भारतीय वायु सेना के पायलट ने सीमा पार की, लेकिन फिर भी वे पाकिस्तान के अंदर पहचाने गए लक्ष्यों पर तबाही मचाने में सफल रहे। हालांकि, उन्होंने कहा कि युद्ध में प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग से ‘जमीन पर तैनात सैनिकों’ के महत्व में कोई कमी नहीं आती है।
लेफ्टिनेंट जनरल खंडारे (सेवानिवृत्त) ने कहा कि सेना अपनी जमीनी कार्रवाई जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि आप किसी पर मुक्का मार सकते हैं, लेकिन जब तक आप जाकर उसके (दुश्मन के) मैदान पर खड़े नहीं होते, तब तक वह आपका नहीं है।
उन्होंने कहा कि जमीन पर तैनात सैनिक तय करेंगे कि उस विशेष क्षेत्र का मालिक कौन है और यही वह लाभ है जो बाद में हासिल होगा।
लेफ्टिनेंट जनरल खंडारे (सेवानिवृत्त) ने कहा कि अगर आप जाकर उस जमीन पर कब्जा नहीं करते हैं तो आप एक पराजित देश को किसी को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत करते हुए पाएंगे।
भाषा संतोष