पश्चिम बंगाल : वेतन विवाद को लेकर आईओसीएल के बॉटलिंग संयंत्र में प्रदर्शन
राखी वैभव
- 02 Jul 2025, 02:19 PM
- Updated: 02:19 PM
कोलकाता, दो जुलाई (भाषा) पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के बजबज स्थित इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) के बॉटलिंग संयंत्र में एलपीजी परिवहन ठेकेदारों और उनके वाहन चालकों के बीच वेतन को लेकर चला आ रहा विवाद मंगलवार रात को प्रदर्शन में तब्दील हो गया।
इस आंदोलन से अस्थायी रूप से उत्पादन प्रभावित हुआ और इसके चलते तीखी राजनीतिक प्रतिक्रियाएं सामने आईं।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर इस घटना को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) शासन में बढ़ती अराजकता और 'सिंडिकेट संस्कृति' का प्रतीक बताया।
उन्होंने दो वीडियो भी साझा किए, जिनमें प्रदर्शनकारियों को सिलेंडरों से एलपीजी गैस छोड़ते हुए देखा जा सकता है जिससे इलाके में दहशत फैल गई।
'पीटीआई-भाषा' स्वतंत्र रूप से इन वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं कर सका।
अधिकारी ने कहा, ‘‘कल का विरोध प्रदर्शन जिसमें आक्रोशित कर्मियों ने सड़कों पर सिलेंडरों से गैस छोड़ दी, एक बड़ी तबाही में बदल सकता था। एक चिंगारी से पूरा बॉटलिंग संयंत्र, पास का बजबज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीबीआईटी), जगन्नाथ गुप्ता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड हॉस्पिटल और आसपास का इलाका आग की लपटों में घिर सकता था। तृणमूल कांग्रेस के बेलगाम सिंडिकेट राज के कारण लोगों की जान, संपत्ति और आजीविका खतरे में पड़ गई।’’
उन्होंने दावा किया कि लोडिंग और अनलोडिंग के नियंत्रण को लेकर तृणमूल के प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच संघर्ष चल रहा है, जिससे कामगारों पर दबाव बढ़ा है और स्थिति खतरनाक हो गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह शासन नहीं, बल्कि निर्दोष लोगों की जान को खतरे में डालने वाली एक लापरवाह सत्ता की लड़ाई है।’’
अधिकारी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता देबांग्शु भट्टाचार्य ने कहा कि यह एक ‘‘औद्योगिक प्रर्दशन’’ था और पुलिस ने तुरंत उचित कार्रवाई की।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘शुभेंदु अधिकारी को पहले अपने अतीत की तरफ देखना चाहिए। वह खुद भी पहले सिंडिकेट चलाते थे और अब भी चला रहे हैं।’’
आईओसीएल के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि यह विवाद परिवहन ठेकेदारों और वाहन चालकों के बीच वेतन को लेकर है और कंपनी से इसका सीधा कोई संबंध नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रदर्शन के कारण शनिवार से डिस्पैच और उत्पादन प्रभावित हुआ। हालांकि, हमने वैकल्पिक केंद्रों से सिलेंडर की आपूर्ति सुनिश्चित की। अब बजबज प्लांट में उत्पादन फिर से शुरू हो गया है।’’
बजबज स्थित यह प्लांट आमतौर पर प्रतिदिन 45,000 से 50,000 एलपीजी सिलेंडर भरता है और कोलकाता में एलपीजी आपूर्ति के बड़े हिस्से की पूर्ति करता है।
भाषा राखी