केरल विश्वविद्यालय के कुलपति ने राज्यपाल से जुड़े कार्यक्रम को लेकर रजिस्ट्रार को निलंबित किया
जोहेब अविनाश
- 02 Jul 2025, 10:18 PM
- Updated: 10:18 PM
तिरुवनंतपुरम, दो जुलाई (भाषा) केरल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मोहनन कुन्नुमल ने एक निजी कार्यक्रम रद्द करने का नोटिस जारी करने के आरोप में बुधवार को तत्काल प्रभाव से रजिस्ट्रार के.एस. अनिल कुमार को निलंबित कर दिया।
सीनेट हॉल में हुए उस कार्यक्रम में भगवा ध्वज लिए हुए भारत माता की तस्वीर प्रदर्शित की गई थी और राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कार्यक्रम में भाग लिया था।
आदेश में आरोप लगाया गया है कि रजिस्ट्रार ने 25 जून को श्री पद्मनाभ सेवा समिति को विश्वविद्यालय सीनेट हॉल के उपयोग के लिए दी गई मंजूरी को कार्यक्रम शुरू होने के बाद रद्द कर दिया, जबकि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति (राज्यपाल) मंच पर मौजूद थे।
रजिस्ट्रार ने आरोप को खारिज करते हुए कहा कि नोटिस राज्यपाल के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से पहले जारी किया गया था और उनके पास यह साबित करने के लिए सबूत हैं।
कुलपति के इस कदम की राज्य की उच्च शिक्षा मंत्री आर. बिन्दु ने तीखी आलोचना की । उन्होंने डॉ. कुन्नुमल पर "शक्तियों का दुरुपयोग" करने का आरोप लगाया है।
मंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा कि संबंधित अधिनियम और नियमों के अनुसार, कुलपति के पास रजिस्ट्रार को निलंबित करने का अधिकार नहीं है, क्योंकि यह शक्ति ‘सिंडिकेट’ के पास है।
सिंडिकेट रजिस्ट्रार की नियुक्ति करने वाला प्राधिकारी होता है।
मंत्री ने कहा, "कुलपति मामले को सिंडिकेट के समक्ष रख सकते हैं। इसके अलावा मौजूदा कानून में कुलपति द्वारा रजिस्ट्रार के खिलाफ सीधी कार्रवाई करने का कोई प्रावधान नहीं है।"
केरल विश्वविद्यालय सीनेट परिसर में 25 जून को तनाव बढ़ गया था जब सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट (माकपा) की छात्र शाखा ‘स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (एसएफआई) के कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हुई थी और राज्यपाल की मौजूदगी में आयोजित समारोह में भारत माता की तस्वीर प्रदर्शित किए जाने के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ था।
एसएफआई कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम के आयोजकों - पद्मनाभ सेवा समिति - और पुलिस दोनों के साथ तीखी बहस की और सीनेट हॉल से तस्वीर को तुरंत हटाने की मांग की।
राज्यपाल के आगमन से पहले एसएफआई सदस्यों द्वारा जबरन हॉल में घुसने का प्रयास किए जाने पर विरोध प्रदर्शन हाथापाई में बदल गया था।
स्थिति तनावपूर्ण होते देख विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने कथित तौर पर हस्तक्षेप किया और कार्यक्रम आयोजित करने के लिए आयोजकों की अनुमति रद्द कर दी।
कहा जाता है कि आयोजकों ने राजभवन को इस घटनाक्रम की जानकारी दी थी, लेकिन राज्यपाल ने विरोध प्रदर्शनों की परवाह किए बिना कार्यक्रम में भाग लेने का फैसला किया।
भाषा जोहेब