बिहार पुलिस का दावा: गोपाल खेमका की हत्या के पीछे जमीन सौदा
प्रीति सुरेश
- 09 Jul 2025, 12:42 AM
- Updated: 12:42 AM
पटना, आठ जुलाई (भाषा) बिहार पुलिस ने मंगलवार को गोपाल खेमका हत्याकांड में सफलता हासिल करने का दावा किया और कहा कि व्यवसायी की हत्या का कारण एक भूमि सौदा था।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विनय कुमार एवं अन्य अधिकारियों ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शनिवार रात को खेमका के आवास के बाहर उन पर गोली चलाने के लिए इस्तेमाल आग्नेयास्त्र कथित शूटर के ठिकाने से बरामद कर लिया गया है।
गोपाल खेमका की शुक्रवार रात 11.40 बजे पटना में उनके आवास के बाहर बाइक सवार हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। यह घटना गांधी मैदान इलाके में खेमका के घर के गेट के पास उस दौरान हुई जब वह कार से उतरने वाले थे।
इससे सात साल पहले हाजीपुर में बदमाशों ने उनके बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
डीजीपी ने कहा, ‘‘जैसा कि पहले बताया गया है, कल बंदूकधारी उमेश यादव को गिरफ्तार किया गया, साथ ही अजय साव को भी गिरफ्तार किया गया, जिसे खेमका की हत्या के लिए 50,000 रुपये की अग्रिम राशि दी गई थी।’’
खेमका की हत्या की साजिश करीब डेढ़ महीने पहले रची गई थी।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक अन्य व्यवसायी साव ने खेमका को मारने के लिए उमेश यादव को चार लाख रुपये की सुपारी दी थी और 50,000 रुपये अग्रिम भुगतान किया था।
उन्होंने बताया कि शेष 3.5 लाख रुपये हत्या के कुछ घंटों बाद पांच जुलाई की सुबह जेपी गंगा पथ पर उसे दे दिए गए थे।
डीजीपी ने कहा, ‘‘हमने खेमका पर गोली चलाने में इस्तेमाल किया गया आग्नेयास्त्र बरामद कर लिया है। इसके अलावा यादव के घर से बड़ी संख्या में कारतूस भी बरामद किए गए हैं। पुलिस ने 59 कारतूस, 14 मैगजीन के साथ एक पिस्तौल भी बरामद की। बताया जाता है कि साव प्रॉपर्टी कारोबार से जुड़ा है और प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि उसने जमीन के सौदे के चलते ही हत्यारे को सुपारी दी थी।’’
हालांकि, उन्होंने कोई और ब्योरा नहीं दिया और कहा कि जांच अभी जारी है।
अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने साव के परिसर की भी तलाशी ली और कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, तकनीकी और वैज्ञानिक साक्ष्य तथा भूमि सौदों से संबंधित कई कागजात सहित कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए हैं।
उन्होंने कहा कि उनकी जांच की जाएगी और जांचकर्ता उनका मिलान खेमका के कॉल डिटेल रिकॉर्ड और मृतक के कंप्यूटर में संग्रहीत दस्तावेजों से करेंगे।
डीजीपी ने बताया कि अधिकारियों ने प्वॉइंट 38 बोर की एक पिस्तौल, 17 कारतूस और एक मोबाइल फोन बरामद किया है जिसका इस्तेमाल शूटर उमेश यादव से बातचीत करने के लिए किया गया था।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि उमेश यादव और अशोक साव करीब डेढ़ साल पहले नालंदा में एक शादी में मिले थे। तब से उमेश ने साव के लिए कई काम किए हैं।
डीजीपी ने कहा, ‘‘तकनीकी साक्ष्यों के वैज्ञानिक विश्लेषण के बाद ही घटना के पीछे के वास्तविक मकसद की स्पष्ट तस्वीर सामने आएगी। हम मामले से जुड़े कई अन्य लोगों से भी पूछताछ करेंगे। हमने मामले के सिलसिले में पटना के बेऊर जेल में बंद अजय वर्मा से भी पूछताछ की है।’’
उन्होंने कहा कि साव ने हमलावर को एक मोबाइल फोन, नौ एमएम की एक पिस्तौल, दो मैगजीन, 18 कारतूस, गोपाल खेमका की एक तस्वीर और उसकी कार का पंजीकरण नंबर भी मुहैया कराया था।
खेमका की हत्या के बाद उमेश जमाल रोड और पटना बाईपास होते हुए बाइक से भाग गया और मालसलामी स्थित अपने घर लौट आया, जहां उसने कपड़े, हेलमेट और अपराध में इस्तेमाल हथियार को छिपा दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘सीसीटीवी फुटेज से विशेष जांच दल (एसआईटी) को उमेश यादव की बाइक की पहचान करने में मदद मिली, जिससे पुलिस मालसलामी पहुंची, जहां स्थानीय लोगों ने उसकी पहचान की पुष्टि की।’’
डीजीपी ने कहा, ‘‘जांच में यह भी पता चला कि उमेश को अपने बच्चों की स्कूल फीस भरने के लिए पैसों की जरुरत थी और 50,000 रुपये अग्रिम मिलने के बाद वह अगली सुबह स्कूल गया और बकाया फीस लगभग 45,000 रुपये का भुगतान कर दिया।’’
डीजीपी ने बताया कि शुरुआत में उमेश ने हत्या को अंजाम देने के लिए विकास कुमार उर्फ राजा से संपर्क किया, लेकिन राजा ने चार लाख रुपए नकद मांगे। इसलिए उमेश ने खुद ही हत्या को अंजाम देने का फैसला किया।
खेमका और अशोक साव के बीच पहले भी कई मुद्दों पर तकरार हो चुकी है, जिसमें पिछले साल पटना के बांकीपुर क्लब में हुई तकरार भी शामिल है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘हम जांच कर रहे हैं कि क्या खेमका की हत्या और आठ साल पहले उनके दो बेटों पर हुए जानलेवा हमले के बीच कोई संबंध है।’’
खेमका के दो बेटों पर 2018 में राज्य की राजधानी से लगभग 30 किलोमीटर दूर हाजीपुर में गोलियों से हमला किया गया था। इस हमला में खेमका के छोटे बेटे गुंजन की मौत हो गयी थी, जबकि उनके बड़े बेटे गौरव बच गए। गौरव ने अपने पिता की हत्या के बाद सुरक्षा की मांग की है।
भाषा
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