छत्तीसगढ़: शासन और पैन आईआईटी के मध्य गैर-लाभकारी संयुक्त उद्यम कंपनी के गठन की मंजूरी
संजीव जितेंद्र
- 11 Jul 2025, 08:05 PM
- Updated: 08:05 PM
रायपुर, 11 जुलाई (भाषा) छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तर्ज पर छत्तीसगढ़ राजधानी क्षेत्र के विकास के लिए एक प्राधिकरण की स्थापना के लिए मसौदा विधेयक को मंजूरी दे दी।
सरकार ने जनजातीय समूहों व अन्य वंचित वर्गों के गरीब युवा, महिलाओं तथा तृतीय लिंग के लोगों के संस्थागत विकास के लिए छत्तीसगढ़ शासन और पैन आईआईटी एलुमनी रीच फॉर इंडिया फाउंडेशन (पैनआईआईटी) के साथ मिलकर एक गैर-लाभकारी संयुक्त उद्यम कंपनी के गठन को भी मंजूरी दी है।
अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में शुक्रवार को यहां हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
अधिकारियों ने बताया कि इस संयुक्त पहल के माध्यम से अनुसूचित जनजाति और अन्य वंचित समुदायों के गरीब युवाओं, महिलाओं और तृतीय लिंग के लोगों को संस्थागत व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास तथा ग्रामीण उद्यमिता के माध्यम से सशक्त व विकसित किया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि आईआईटी के पूर्व छात्रों द्वारा बनाई गई सोसायटी पैनआईआईटी राज्य सरकारों के साथ गैर लाभकारी संयुक्त उपक्रम बनाकर, राष्ट्रनिर्माण मिशन, व्यवसायिक, आजीविका शिक्षा व्यवस्था और ग्रामीण उद्यमिता के माध्यम से वंचित समुदायों के आय में सुधार लाने का कार्य करती है।
उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने राज्य के युवाओं को स्टार्टअप और नवाचार के जरिए सशक्त बनाने के लिए छात्र स्टार्ट-अप और नवाचार नीति लागू करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
अधिकारियों ने बताया कि इस नीति का उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों में नवाचार केंद्र स्थापित करना और कृषि, हरित ऊर्जा, स्वास्थ्य और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों पर खास ध्यान देना है।
उन्होंने बताया कि इस नीति का लक्ष्य राज्य के 100 तकनीकी संस्थानों के 50 हजार विद्यार्थियों तक पहुंच बनाना, 500 ‘प्रोटोटाइप्स’ का समर्थन करना, 500 बौद्धिक संपदा अधिकार फाइल करना और 150 स्टार्टअप्स को शुरू करना है, जिससे युवाओं को नई सोच और तकनीक विकसित करने में मदद मिलेगी।
अधिकारियों ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तर्ज पर छत्तीसगढ़ राजधानी क्षेत्र (स्टेट केपिटल रिजन) के विकास के लिए संबंधित प्राधिकरण की स्थापना के लिए विधेयक के प्रारूप का अनुमोदन किया।
उन्होंने बताया कि रायपुर, दुर्ग-भिलाई और नया रायपुर अटल नगर में तेजी से बढ़ती आबादी व शहरीकरण को देखते हुए सुव्यवस्थित और योजनाबद्ध विकास के लिए यह प्राधिकरण कार्य करेगा।
अधिकारियों ने बताया कि यह प्राधिकरण राजधानी क्षेत्र के लिए योजना बनाना, निवेश को बढ़ावा देना, विभिन्न सरकारी और निजी संगठनों के बीच समन्वय तथा शहर के विस्तार को सही ढंग से नियंत्रित करने का काम करेगा।
उन्होंने बताया कि 2031 तक इस क्षेत्र की आबादी 50 लाख तक पहुंचने की संभावना है, इसलिए भूमि का प्रभावी उपयोग और पर्यावरण की रक्षा करते हुए शहरी विकास सुनिश्चित करना जरूरी है।
अधिकारियों ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने राज्य के छोटे और मध्यम व्यापारियों को प्रोत्साहित करने तथा न्यायालयों में लंबित कर संबंधी मामलों को शीघ्र निपटाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए छत्तीसगढ़ बकाया कर, ब्याज एवं शास्ति के निपटान (संशोधन) विधेयक, 2025 के प्रारूप को मंजूरी दी है।
भाषा संजीव