आंध्र प्रदेश में घटती प्रजनन क्षमता से निपटने के लिए नीति आएगी: मुख्यमंत्री नायडू
प्रशांत रंजन
- 12 Jul 2025, 04:25 PM
- Updated: 04:25 PM
अमरावती, 12 जुलाई (भाषा) आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि राज्य सरकार घटती प्रजनन दर और जनसांख्यिकीय असंतुलन से निपटने के लिए जल्द ही एक नयी नीति की रूपरेखा पेश करेगी।
विश्व जनसंख्या दिवस पर शुक्रवार को अमरावती शिखर सम्मेलन में नायडू ने इस बात पर जोर दिया कि जनसंख्या को राज्य की सबसे बड़ी आर्थिक ताकत माना जाना चाहिए, न कि बोझ।
शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा, “जनसंख्या देश की सबसे मजबूत आर्थिक संपत्ति है। जनसंख्या वृद्धि पर एक मजबूत नीति जल्द ही पेश की जाएगी।”
उन्होंने कहा कि बढ़ते खर्च के कारण युवा दंपती बच्चे पैदा करने से कतरा रहे हैं, जबकि भविष्य में संसद की सीटें बढ़ सकती हैं, लेकिन दक्षिणी राज्यों में प्रतिनिधित्व कम हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के अपने पहले के प्रयासों को याद किया और कहा कि आज की जनसांख्यिकीय प्रवृत्तियों के कारण जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण के बजाय प्रबंधन पर ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता है।
नायडू ने कहा, “2004 से पहले, मुख्यमंत्री के तौर पर मैंने परिवार नियोजन को प्रोत्साहित किया था। हमने एक कानून भी बनाया था जिसके तहत दो से ज्यादा बच्चे वालों को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।”
उन्होंने आगे कहा कि आज कानून में संशोधन की आवश्यकता है ताकि दो से अधिक बच्चों वाले लोगों को भी चुनाव लड़ने की अनुमति मिल सके। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र केवल उसकी भूमि, क्षेत्रों, कस्बों या सीमाओं के बारे में नहीं है, यह उसके लोगों के बारे में है।
नायडू ने कहा कि जहां विकसित देश वृद्ध होती आबादी से जूझ रहे हैं, वहीं भारत का युवा आबादी का लाभ बरकरार है, हालांकि जब तक सुधारात्मक नीतियां शीघ्रता से नहीं अपनाई जातीं, इसकी गारंटी नहीं है।
शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा, “हमारी युवा आबादी घट रही है, जबकि बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है। मानव संसाधन संकट से बचने के लिए हमें बड़े परिवारों को प्रोत्साहित करना होगा।”
नायडू ने जनसंख्या नीति पर जनता से सुझाव प्राप्त करने के लिए एक सर्वेक्षण शुरू किया, जिसमें घोषणा की गई कि, “आपकी आवाज हमारी नीति की मार्गदर्शक है” तथा उन्होंने जनकल्याण को जनता की पसंद के अनुरूप बनाने के महत्व पर भी जोर दिया।
उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि जहां वैश्विक जनसंख्या बढ़ रही है, वहीं जन्म दर घट रही है, युवा जनसंख्या घट रही है, जबकि वृद्ध जनसंख्या बढ़ रही है।
नायडू ने कहा कि जापान, हंगरी और सिंगापुर जैसे देश अब अधिक बच्चों वाले परिवारों को नकद राशि, कर छूट और आवास लाभ प्रदान कर रहे हैं।
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