दिल्ली की अदालत ने इंजीनियर रशीद की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा
अमित प्रशांत
- 15 Jul 2025, 06:54 PM
- Updated: 06:54 PM
नयी दिल्ली, 15 जुलाई (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने 21 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में शामिल होने को लेकर लोकसभा सदस्य इंजीनियर रशीद की अर्जी पर मंगलवार को अपना फैसला सुरक्षित रखा।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह ने बारामूला के सांसद रशीद की याचिका पर 21 जुलाई के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया। इंजीनियर रशीद ने इस याचिका में सांसद के तौर पर अपने कर्तव्य के निर्वहन के लिए अंतरिम जमानत या अभिरक्षा पैरोल का अनुरोध किया था।
अभिरक्षा पैरोल के तहत किसी बंदी को सशस्त्र पुलिस कर्मियों की निगरानी में (पेशी या निर्धारित कार्य) के लिए ले जाया जाता है।
रशीद के वकील विख्यात ओबेरॉय ने दलील दी कि उनके मुवक्किल को अंतरिम जमानत देकर संसद सत्र में शामिल होने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वैकल्पिक रूप से रशीद को अभिरक्षा पैरोल दी जा सकती है, जिसमें आने-जाने के खर्च का भुगतान नहीं करना पड़े।
वकील ने कहा कि निचली अदालत ने पिछले वर्ष राज्य चुनाव में प्रचार के लिए रशीद को 10 सितंबर को अंतरिम जमानत दी थी और उनके मुवक्किल को सुरक्षा के लिए कोई खतरा नहीं माना जा सकता।
विख्यात ओबेरॉय ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 10 और 25 फरवरी को उनके मुवक्किल को अभिरक्षा में रहते हुए संसद में शामिल होने की अनुमति दी थी।
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने इस याचिका का विरोध किया और कहा कि अंतरिम जमानत नहीं दी जानी चाहिए और अभिरक्षा पैरोल आने-जाने के खर्च के भुगतान के बाद ही दी जा सकती है।
रशीद के वकील ने आनेजाने के खर्च के भुगतान का विरोध किया और कहा कि सांसद संसद सत्र में शामिल होना चाहते हैं, वह इसे अपना सार्वजनिक कर्तव्य मानते हैं।
रशीद 2017 के आतंकी वित्तपोषण मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम के तहत राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से 2019 से तिहाड़ जेल में बंद हैं।
इंजीनियर रशीद बारामूला से सांसद हैं और उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में उमर अब्दुल्ला को हराया था। वह कथित आतंकी वित्तपोषण से संबंधित एक मुकदमे का सामना कर रहे हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने जम्मू कश्मीर में अलगाववादियों और आतंकवादी संगठनों का वित्तपोषण किया।
एनआईए की प्राथमिकी के अनुसार, रशीद का नाम व्यवसायी और मामले में सह-आरोपी जहूर वटाली से पूछताछ के दौरान सामने आया था।
अक्टूबर 2019 में आरोपपत्र दाखिल होने के बाद, मार्च 2022 में एक विशेष एनआईए अदालत ने रशीद और अन्य के खिलाफ आरोप तय किए थे। इन आरोपों में भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121 और 124ए शामिल हैं, साथ ही यूएपीए के तहत आतंकवादी गतिविधि और आतंकी वित्तपोषण से संबंधित अपराधों के तहत भी मुकदमा चलाया जा रहा है।
भाषा अमित