ओडिशा की कॉलेज छात्रा के पिता ने बेटी की मौत के लिए आईसीसी सदस्यों को जिम्मेदार ठहराया
सिम्मी प्रशांत
- 15 Jul 2025, 07:10 PM
- Updated: 07:10 PM
भुवनेश्वर/बालासोर, 15 जुलाई (भाषा) आत्मदाह करने वाली ओडिशा की 20 वर्षीय छात्रा के पिता ने बेटी की मौत के लिए मंगलवार को उसके कॉलेज की आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) के सदस्यों को ‘‘पूरी तरह से जिम्मेदार’’ ठहराया।
छात्रा के पिता ने आरोप लगाया कि एक प्रोफेसर द्वारा यौन उत्पीड़न किए जाने की छात्रा की शिकायत के बाद आईसीसी सदस्यों ने एक ‘‘पक्षपाती रिपोर्ट’’ तैयार की जिसके कारण छात्रा ने परिसर में 12 जुलाई को खुद को आग लगा ली।
छात्रा 95 प्रतिशत तक जल गई और मंगलवार को भुवनेश्वर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
पिता ने कहा, ‘‘आईसीसी के सदस्य असली दोषी हैं। उन्होंने एक पक्षपातपूर्ण रिपोर्ट तैयार की जिसके कारण मेरी बेटी ने आत्महत्या कर ली। उन्होंने निष्पक्ष जांच नहीं की और मेरी बेटी के यौन एवं मानसिक उत्पीड़न में शामिल आरोपी शिक्षक के बजाय मेरी बेटी को ही दोषी ठहराया।’’
उन्होंने दावा किया कि प्राचार्य ने आईसीसी रिपोर्ट के आधार पर मेरी बेटी से कहा कि मामले में उसकी गलती थी और कॉलेज के शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष के खिलाफ झूठा आरोप लगाने के लिए उसे दंडित किया जा सकता है।
बालासोर के फकीर मोहन (स्वायत्त) महाविद्यालय में एकीकृत बी.एड. पाठ्यक्रम की द्वितीय वर्ष की छात्रा ने प्राचार्य के कक्ष से बाहर निकलने के कुछ ही देर बाद खुद को आग लगा ली थी। छात्रा ने तीन दिन तक जिंदगी की जंग से लड़ने के बाद सोमवार रात दम तोड़ दिया।
उसके पिता ने कहा, ‘‘आईसीसी के सदस्यों को भी जांच के दायरे में लाया जाए।’’
उन्होंने बालासोर के जिलाधिकारी सूर्यवंशी मयूर विकास और पुलिस अधीक्षक राज प्रसाद से आईसीसी के खिलाफ शिकायत की। वे राज्य सरकार की ओर से दी गई अनुग्रह राशि सौंपने छात्रा के घर गए थे तभी छात्रा के पिता ने शिकायत की।
बालासोर के सांसद प्रताप सारंगी ने भी छात्रा के यौन और मानसिक उत्पीड़न के आरोपों पर आईसीसी की रिपोर्ट को लेकर चिंता व्यक्त की।
सारंगी ने कहा, ‘‘मैंने आईसीसी की रिपोर्ट देखी है। यह आरोपी शिक्षक को बचाने के लिए तैयार की गई थी।’’
उन्होंने दावा किया कि इसमें विभागाध्यक्ष का महिमामंडन किया गया है।
प्राचार्य और आरोपी शिक्षक दोनों को निलंबित कर दिया गया और बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।
इस बीच, फकीर मोहन (स्वायत्त) महाविद्यालय दिन भर बंद रहा और परिसर में भारी पुलिस बल तैनात रहा।
कई छात्र संगठनों ने बालासोर शहर के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किया और छात्रा के लिए न्याय की मांग की।
छात्रा के पिता ने लोगों से इस मामले का राजनीतिकरण न करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी बेटी चली गई। मैं सभी से अपील करता हूं कि कृपया उसका राजनीतिक इस्तेमाल न करें। हालांकि, मैं उसे न्याय दिलाने के लिए लड़ता रहूंगा।’’
पिता ने बताया कि उन्हें मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी का संदेश मिला है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने मुझे एक एसएमएस भेजा और उचित जांच का आश्वासन दिया। मुझे सरकार, प्रशासन और कानून व्यवस्था पर पूरा भरोसा है।’’
उन्होंने अपनी बेटी के इलाज में सहयोग के लिए सरकार का भी आभार व्यक्त किया।
छात्रा की मां ने उम्मीद जताई कि उनकी बेटी की मौत के बाद महाविद्यालयों और विद्यालयों में अन्य छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
भाषा सिम्मी