ओडिशा के शिक्षण संस्थानों में छात्राओं की सुरक्षा के लिए ‘शक्तिश्री’ पहल शुरू
धीरज शफीक
- 19 Jul 2025, 10:58 PM
- Updated: 10:58 PM
भुवनेश्वर, 19 जुलाई (भाषा) ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने राज्य के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के परिसरों में छात्राओं और महिला कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शनिवार को ‘शक्तिश्री’ नाम से एक व्यापक पहल शुरू की।
मुख्यमंत्री ने यह घोषणा बालासोर के फकीर मोहन (स्वायत्त) महाविद्यालय में कथित यौन उत्पीड़न की घटना के बाद 20 वर्षीय छात्रा की आत्मदाह से हुई मौत के मद्देनजर की।
माझी ने ‘शक्तिश्री’ को एक परिवर्तनकारी सशक्तीकरण और आत्मरक्षा पहल बताते हुए कहा कि छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसे प्रदेश के 16 राज्य विश्वविद्यालयों और 730 सरकारी और सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में लागू किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘इस पहल से छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और हमारे उच्च शिक्षण संस्थानों के परिसर अधिक सुरक्षित और समावेशी होंगे।’’
अधिकारियों ने बताया, ‘‘शक्तिश्री में आठ ध्यान देने वाले बिंदु होंगे जिनमें शक्तिश्री सशक्तीकरण प्रकोष्ठ, शक्तिश्री मोबाइल एप्लीकेशन, शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए आचार संहिता, सेफ अभियान (महिला सशक्तीकरण के लिए शक्तिश्री कार्य), वार्षिक परिसर सुरक्षा रिपोर्ट, सीसीटीवी निगरानी, पोश अधिनियम, 2013 या कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 और यूजीसी विनियमों पर ऑनलाइन पाठ्यक्रम और शक्ति स्वरूपिणी शामिल है।’’
उन्होंने बताया कि महिलाओं को सहायता प्रदान करने के लिए, प्रत्येक जिला पांच वरिष्ठ महिला पेशेवरों को नामित करेगा, जिन्हें ‘शक्ति अप्स’ कहा जाएगा, जो छात्रों को मार्गदर्शन देंगी और हर तीन महीने में परिसरों का दौरा करेंगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि एक समर्पित मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया जाएगा जो महिला छात्रों और कर्मचारियों को गुमनाम रूप से शिकायत दर्ज करने के लिए एक सुरक्षित मंच प्रदान करेगा। इसके जरिये वे लिखित, ध्वनि या वीडियो माध्यम से शिकायत एवं परामर्श प्राप्त कर सकेंगी और राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पहल ‘टेली-मानस’ के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच प्राप्त कर सकेंगी।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा, लैंगिक मुद्दों और उत्पीड़न के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ‘सेफ’ (शक्तिश्री एक्शन्स फॉर फीमेल एम्पावरमेंट) नामक एक अर्धवार्षिक अभियान चलाया जाएगा। प्रत्येक संस्थान को हर साल 31 दिसंबर तक एक वार्षिक परिसर सुरक्षा रिपोर्ट भी प्रस्तुत करनी होगी।
माझी के मुताबिक सुरक्षा बढ़ाने के लिए परिसरों को 24 घंटे सीसीटीवी निगरानी के दायरे में लाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि छात्र और संकाय समन्वयकों को प्रशिक्षण प्राप्त करने, प्रतिक्रिया साझा करने और कार्यक्रम को मजबूत करने के लिए ‘शक्ति स्वरूपिणी’ नामक एक वार्षिक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा।
भाषा धीरज