राज्य के दर्जे की मांग को लेकर मार्च के दौरान जम्मू में कांग्रेस के कई कार्यकर्ता हिरासत में लिए गए
शुभम रंजन
- 20 Jul 2025, 07:03 PM
- Updated: 07:03 PM
जम्मू, 20 जुलाई (भाषा) जम्मू कश्मीर के राज्य के दर्जे की बहाली की मांग को लेकर कांग्रेस द्वारा आयोजित मार्च के दौरान पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया जिनमें जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा भी शामिल थे।
यह पिछले दो दिनों में दूसरी बार है जब पुलिस ने कांग्रेस को 'हमारी रियासत हमारा हक' बैनर तले रैली निकालने की अनुमति नहीं दी।
शनिवार को श्रीनगर में पुलिस ने कांग्रेस की एक रैली रोक दी।
कर्रा और पार्टी महासचिव जी ए मीर के नेतृत्व में सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता जम्मू के मध्य शहीदी चौक स्थित पार्टी मुख्यालय में एकत्र हुए।
वे उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को ज्ञापन सौंपने के लिए राजभवन तक मार्च करने वाले थे, लेकिन पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर उन्हें रोक दिया। हिरासत में लिए गए लोगों में मीर भी शामिल हैं।
कर्रा ने अधिकारियों की निंदा करते हुए कहा, "इस कार्रवाई से उन्होंने अपनी हताशा और अपनी मानसिकता को दर्शाया है कि वे लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास नहीं करते हैं और लोगों की आवाज के प्रति कोई सम्मान नहीं रखते हैं।"
उन्होंने कहा कि वे अशांति फैलाने के लिए सड़कों पर नहीं हैं, बल्कि उन्होंने उपराज्यपाल के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक ज्ञापन सौंपने की योजना बनाई है, जिसमें राज्य के दर्जे के लिए लोगों की इच्छा को दर्शाया जाएगा।
कर्रा ने कहा, "कांग्रेस ऐसी कार्रवाइयों से नहीं डरेगी, बल्कि अपने अधिकारों के लिए लड़ने के अपने संकल्प को और मजबूत करेगी।"
उन्होंने कहा कि श्रीनगर और जम्मू में पुलिस कार्रवाई के बावजूद पार्टी मानसून सत्र के पहले दिन संसद घेरने के लिए सोमवार को अपने 'दिल्ली चलो' कार्यक्रम पर आगे बढ़ेगी।
पीसीसी अध्यक्ष ने कहा, "हम दिल्ली पहुंचकर संसद को घेरने की कोशिश करेंगे। हम इस बहरी, अंधी और विकलांग सरकार को जगाने की कोशिश करेंगे ताकि वे जल्द से जल्द जम्मू कश्मीर को राज्य बना सकें।"
उन्होंने कहा कि पूरे 'इंडिया' गठबंधन के सांसद जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य के दर्जे की मांग का समर्थन करते हैं।
हिरासत में लिए गए लोगों में एआईसीसी सचिव शाहनवाज चौधरी ने पुलिस पर लोगों की आवाज दबाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, "हमारी शांतिपूर्ण रैली के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई का कोई औचित्य नहीं है। हम राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए अपना संघर्ष जारी रखेंगे।"
भाषा शुभम