विपक्ष के हंगामे के कारण लोस की कार्यवाही स्थगित, रीजीजू ने दोहरा मानदंड अपनाने का आरोप लगाया
सुभाष अविनाश
- 22 Jul 2025, 03:05 PM
- Updated: 03:05 PM
नयी दिल्ली, 22 जुलाई (भाषा) लोकसभा में मंगलवार को विपक्षी दलों के सदस्यों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) सहित कई मुद्दों पर हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
मानसून सत्र के दूसरे दिन निचले सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे फिर शुरू होने पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच पीठासीन सभापति दिलीप सैकिया ने नियम 377 के तहत चर्चा कराने की बात कही। उन्होंने विपक्षी सदस्यों को सदन में बोलने का पूरा मौका मिलने का आश्वासन दिया।
विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने हस्तक्षेप करते हुए कहा, ‘‘हमने किसी विषय पर चर्चा का अंतिम निर्णय अभी नहीं लिया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में यह चर्चा हुई थी कि सबसे पहले ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होगी। और उसका समय भी तय किया गया है। लेकिन आप एक साथ सारे मुद्दे पर चर्चा करना चाहते हैं, यह कैसे संभव हो सकता है।’’
रीजीजू ने कहा कि उन्होंने (विपक्षी नेताओं) भी सहमति दी है और समय भी तय किया गया है। लेकिन सदन में हर समय तख्तियां लेकर प्रदर्शन करना निदंनीय है।
उन्होंने कहा कि कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में उन्होंने (विपक्षी नेताओं ने) कहा था कि वे सदन में तख्तियां लेकर नहीं आएंगे, ‘‘लेकिन फिर भी पोस्टर-बैनर के साथ सदन की कार्यवाही में व्यवधान डाल रहे हैं और चर्चा नहीं होने दे रहे हैं। यह दोहरा मानदंड ठीक नहीं है।’’
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, ‘‘सरकार ने बार-बार कहा है कि हम चर्चा करना चाहते हैं। चर्चा के लिए तैयार भी हैं। फिर वे हंगामा क्यों रह रहे हैं। वे देश के करदादाताओं के पैसे और सदन का समय बर्बाद कर रहे हैं।’’
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी और उनके कुछ साथी दो दिन से हंगामा कर रहे हैं, उसका मैं खंडन करता हूं।’’
विपक्षी सदस्यों का हंगामा नहीं थमने पर पीठासीन पदाधिकारी ने अपराह्न दो बजकर पांच मिनट पर सदन की कार्यवाही बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले, सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे शुरू होने पर विपक्षी दलों के सदस्य नारेबाजी करने लगे और कुछ सदस्य आसन के समीप आकर हंगामा करते देखे गए। कुछ सदस्य तख्तियां लहरा रहे थे जिन पर मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के विरोध में नारे लिखे थे।
पीठासीन सभापति जगदंबिका पाल ने विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और कार्यवाही चलने देने की अपील करते हुए कहा, ‘‘कल आप चाहते थे कि ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा हो। कार्य मंत्रणा समिति ने इस मुद्दे पर 16 घंटे की चर्चा की मंजूरी दी है। आप एसआईआर पर चर्चा की मांग भी बीएसी (कार्य मंत्रणा समिति) में लाइए। वहां निर्णय होगा।’’
उन्होंने तख्तियां दिखा रहे सदस्यों से नाराजगी जताते हुए कहा, ‘‘यहां प्लेकार्ड मत दिखाइए। यह सदन की गरिमा और मर्यादा को ठेस पहुंचाता है। अगर आप इस विषय पर चर्चा चाहते हैं तो बीएसी की बैठक में इस मुद्दे को और अन्य मुद्दों को लाइए, वहां निर्णय लिया जाएगा। सरकार सभी विषयों पर चर्चा और जवाब के लिए तैयार है।’’
संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि आसन जिस भी विषय पर नियम के तहत चर्चा की अनुमति देगा, सरकार उस पर चर्चा के लिए तैयार है।
पीठासीन सभापति जगदंबिका पाल ने विपक्षी दलों के सदस्यों से कार्यवाही चलने देने की अपील करते हुए कहा, ‘‘शून्यकाल चलने दीजिए। मैं सदन चलाना चाहता हूं लेकिन आपसे सहयोग का अनुरोध है।’’
विपक्षी दलों का शोर-शराबा नहीं रुकने पर पीठासीन सभापति ने कार्यवाही शुरू होने के करीब 10 मिनट बाद ही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले, पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर भी विपक्षी दलों के सदस्यों ने एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा किया।
इसी दौरान, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज प्रश्नकाल में किसानों के मुद्दों पर चर्चा होनी है, इसलिए विपक्ष के लोगों को सदन चलने देना चाहिए।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से सदन चलने देने की अपील की।
उन्होंने कहा, ‘‘क्या आप लोग देश के किसानों और उनके मुद्दों पर चर्चा नहीं करना चाहते? आप हंगामा करने के लिए तख्तियां लेकर आएंगे, यह सदन की पंरपरा के अनुकूल नहीं है। आप लोग अपने स्थान पर बैठिए, सदन चलने दीजिए।’’
हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने 11 बजकर तीन मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
भाषा सुभाष