आतंकी हमले के बाद पहलगाम के लोगों को बेसब्री से पर्यटकों का इंतजार
वैभव नरेश
- 22 Jul 2025, 06:24 PM
- Updated: 06:24 PM
(सुमीर कौल)
पहलगाम, 22 जुलाई (भाषा) अमरनाथ यात्रा जारी रहने के बीच पहलगाम के लोग यहां 22 अप्रैल को आतंकी हमले के बाद से बुरी तरह प्रभावित हुए पर्यटन के फिर से शुरू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। उन्हें पूरा विश्वास है कि ‘‘अब पहलगाम की आत्मा को आतंकवाद के हाथों बंधक नहीं बनने दिया जाएगा’’।
अमरनाथ गुफा मंदिर की 38 दिन की वार्षिक तीर्थयात्रा अनंतनाग जिले के पहलगाम और गांदेरबल जिले के बालटाल मार्गों से होती है।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद यहां लगभग खाली हो गए होटलों में अब कुछ पर्यटक आ रहे हैं जो अपनी छुट्टियां बिताने के लिए पहलगाम को चुन रहे हैं।
ठाणे जिले के निवासी सचिन वाघमारे कहते हैं, ‘‘मैं 1988 में यहां आया था और उसके बाद मैंने अपने परिवार के साथ अब फिर से यहां छुट्टियां बिताने का फैसला किया। यहां के स्थानीय लोग हमारी सुरक्षा को लेकर ज्यादा सतर्क हैं और हमारा सही मार्गदर्शन करते हैं।’’
उन्होंने कहा कि उन्हें आस-पास के अन्य दर्शनीय स्थलों को देखने की उम्मीद थी, लेकिन एहतियात के तौर पर वे बंद हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सिर्फ बेताब घाटी ही जा पाया हूं।’’
बाघमारे ने कहा कि इस जगह पर जाने का फैसला उन्होंने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के इस शहर की सड़कों पर साइकिल चलाते हुए की तस्वीरें देखने के बाद लिया था।
पहलगाम के विधायक अल्ताफ कालू पर्यटन उद्योग से जुड़े प्रतिनिधिमंडलों के साथ रोजाना बैठकें कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अधिक से अधिक पर्यटक फिर से आएं, इसलिए दरें कम की गई हैं।’’
उन्होंने 22 अप्रैल को हुए नरसंहार को लेकर कहा, ‘‘सरकार और लोग, वे अब भी इस बड़े सदमे से उबरने की कोशिश कर रहे हैं। लोग अब भी सोच रहे हैं कि यह कैसे और क्यों हुआ। स्थानीय लोग गहरे सदमे में हैं। यह कैसे हुआ।’’
पहलगाम में आतंकवादियों ने छुट्टियां मनाने आए लोगों पर हमला किया था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इनमें 25 पर्यटक और एक स्थानीय टट्टू संचालक था।
कालू की आवाज में लोगों की पीड़ा महसूस की जा सकती थी, लेकिन उन्होंने जल्द ही खुद को संभाला और कहा, ‘‘ये सभी प्रतिनिधिमंडल हमारे पास आए। पर्यटक बहुत सहज हैं। हम अपने मेहमानों की सुरक्षा पर कड़ी नजर रख रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि उनकी सुरक्षा में कोई कसर न छोड़ी जाए।’’
उन्होंने कहा कि इस साल, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री के साथ बैठक के बाद, स्थानीय लोगों और पर्यटकों को पहलगाम आने की अनुमति दे दी गई। उन्होंने कहा, ‘‘इससे बहुत मदद मिली है।’’
अहद होटल्स एंड रिसॉर्ट्स के प्रबंध निदेशक आसिफ बुर्जा कहते हैं कि पर्यटक आने लगे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार की ओर से काफी जोर दिया गया है, और मुख्यमंत्री ने भी आगे बढ़कर इस पुनरुद्धार में अहम भूमिका निभाई है। केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र शेखावत की मदद से भारत सरकार की ओर से भी काफी जोर दिया गया है, और वे निकट भविष्य में बड़े आयोजनों की योजना बना रहे हैं।’’
इस क्षेत्र के निवासी और सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता उमेश तलाशी ने कहा कि 22 अप्रैल के हमले ने हर शांतिप्रिय नागरिक के दिल पर गहरा घाव छोड़ दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘फिर भी, इतिहास गवाह है कि बेजोड़ सुंदरता वाली यह धरती इसे अस्थिर करने की हर कोशिश के बाद भी हमेशा मजबूती से उभरी है।’’
तलाशी ने कहा कि पहलगाम में फिर से पुरानी रौनक लौटेगी क्योंकि इसके लोग भय और हिंसा के खिलाफ एकजुट हैं।
उन्होंने कहा कि स्थानीय समुदाय, सुरक्षा बल और नागरिक प्रशासन विश्वास बहाल करने, सुरक्षा सुनिश्चित करने और पीड़ितों व उनके परिवारों की सहायता के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘पहलगाम की आत्मा, पर्यटन आतंकवाद के हाथों बंधक नहीं बनेंगे।’’
तलाशी ने कहा कि बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाएगा, तीर्थयात्रा मार्गों को सुरक्षित किया जाएगा और आतिथ्य सेवाओं को और बेहतर बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘यह सिर्फ एक सुधार नहीं है, यह फिर से भरोसा दिलाना है। पहलगाम आतंक के आगे नहीं झुकेगा। यह गरिमा, दृढ़ संकल्प और शांति में अटूट विश्वास के साथ उभरेगा।’’
ईडन रिसॉर्ट के महाप्रबंधक उमर मलिक कहते हैं, ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि अमरनाथ यात्रा के बाद, पर्यटन में तेजी आएगी।’’
पहाड़ी की तलहटी में, फैज रिसॉर्ट्स और ग्रीन हाइट्स होटल चलाने वाले अमीर भट ने भी ऐसी ही भावना व्यक्त की।
टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष गुलाम नबी टैक्सी स्टैंड पर अपनी धूल भरी गाड़ी से टिककर खड़े हुए तीन महीने बाद पर्यटन के फिर से पटरी पर आने के संकेतों पर सिर हिला रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘यह थोड़ा बेहतर है। लेकिन पर्यटन स्थलों की सैर ज्यादा आजादी से होनी चाहिए।’’
भाषा वैभव