बिहार में एसआईआर को लेकर रास में हंगामा, दो बार के स्थगन के बाद बैठक दिन भर के लिए स्थगित
मनीषा वैभव
- 23 Jul 2025, 05:36 PM
- Updated: 05:36 PM
नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर तत्काल चर्चा कराए जाने की मांग कर रहे विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण बुधवार को राज्यसभा की बैठक दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे सदन की बैठक पुन: शुरू होने पर पीठासीन अध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता की अनुमति से पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने ‘समुद्र द्वारा माल वहन विधेयक 2025’ पर चर्चा और पारित करने के लिए प्रस्ताव रखा।
चर्चा के लिए विधेयक पेश करते हुए उन्होंने बताया कि यह विधेयक भारतीय समुद्र द्वारा माल वहन अधिनियम, 1925 का स्थान लेगा और इसमें समुद्री परिवहन के दौरान वस्तुओं के वाहकों की जिम्मेदारियों, अधिकारों और दायित्वों से जुड़े प्रावधान किए गए हैं।
यह विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है।
सोनोवाल ने प्रस्ताव पेश किया जिसके बाद कालिता ने कुछ सदस्यों का विधेयक पर चर्चा शुरू करने के लिए नाम पुकारा। इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) तथा अन्य मुद्दों पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। ये सदस्य ‘एसआईआर वापस लो’ के नारे भी लगा रहे थे। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को बोलने देने की मांग भी उठाई।
कालिता द्वारा नाम पुकारे जाने के बाद अन्नाद्रमुक के डॉ एम थंबीदुरै ने समुद्र द्वारा माल वहन विधेयक 2025 पर बोलना शुरू किया। हंगामे के चलते पीठासीन अध्यक्ष कालिता ने उन्हें कहा कि वह इस विधेयक पर बाद में चर्चा के दौरान अपनी बात रख सकते हैं।
इसके बाद कालिता ने दोपहर दो बजकर पांच मिनट पर बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई सोमवार से शुरू हुआ है। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सदन में इस सत्र में अब तक शून्यकाल, प्रश्नकाल तथा अन्य विधायी कामकाज नहीं हो पाया है।
सदन की बैठक जैसे ही पूर्वाह्न 11 बजे शुरू हुई, विपक्षी सदस्यों के हंगामे के चलते कुछ ही मिनटों में कार्यवाही स्थगित कर दी गई। इस दौरान आसन पर उपसभापति हरिवंश थे।
कार्यवाही शुरू होने पर उप सभापति ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने सूचित किया कि नियत कामकाज स्थगित कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए उन्हें नियम 267 के तहत 25 नोटिस मिले हैं।
हरिवंश ने बताया कि कांग्रेस के अखिलेश प्रताप सिंह, रजनी अशोक राव पाटिल, नीरज डांगी, डॉ सैयद नासिर हुसैन, रेणुका चौधरी, तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले, महुआ मांझी, सुष्मिता देव, द्रमुक के तिरुचि शिवा और राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा सहित कुछ सदस्यों ने बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए नोटिस दिए हैं।
उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी के संदीप कुमार पाठक तथा संजय सिंह ने अवैध अतिक्रमण हटाए जाने की वजह से विस्थापित हुए लोगों के मुद्दे पर तथा तृणमूल कांग्रेस के रीताव्रता बनर्जी ने बांग्लाभाषी प्रवासियों के साथ अन्य राज्यों में कथित भेदभाव के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए नोटिस दिए हैं।
उपसभापति ने बताया कि पूर्व में दी गई व्यवस्था के अनुपालन में ये नोटिस अस्वीकार कर दिए गए। नोटिस अस्वीकार किए जाने पर विपक्षी सदस्यों ने कड़ा विरोध जताया और हंगामा करने लगे। कुछ सदस्य अपने स्थानों से आगे भी आ गए।
हरिवंश ने सदस्यों से अपने स्थानों पर जाने और शून्यकाल चलने देने की अपील की। शून्यकाल के तहत उन्होंने एमडीएमके सदस्य एम वाइको को उनका मुद्दा उठाने की अनुमति दी। हंगामा कर रहे सदस्यों से उन्होंने आग्रह किया कि कम से कम वाइको को शून्यकाल में बोलने की अनुमति दी जाए, क्योंकि उनका राज्यसभा में कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है।
वाइको ने तमिलनाडु के मछुआरों को श्रीलंका की नौसेना द्वारा पकड़े जाने का मुद्दा उठाया। इस बीच हंगामा तेज हो गया और हरिवंश ने सदन में व्यवस्था समान्य बनते न देख 11 बजकर आठ मिनट पर बैठक दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर बारह बजे जब उच्च सदन की बैठक पुन: शुरू हुई तब पीठासीन अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने प्रश्नकाल शुरू करने के लिए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पी संदोष कुमार और फिर बीजू जनता दल की सुलता देव का नाम पुकारा। संदोष ने एसआईआर का मुद्दा उठाने का प्रयास किया। इसी बीच विपक्षी सदस्यों ने अपने-अपने मुद्दों पर तत्काल चर्चा की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत कई विपक्षी दलों के नेता अपने-अपने मुद्दों पर चर्चा कराए जाने की मांग कर रहे थे। कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी भी सदन में मौजूद थीं।
तिवाड़ी ने सदस्यों से शांत रहने और प्रश्नकाल चलने देने की अपील करते हुए भाजपा के भुवनेश्वर कालिता से उनका प्रश्न पूछने को कहा। लेकिन सदन में हंगामा थमते न देख उन्होंने बैठक को बमुश्किल एक मिनट के भीतर ही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया।
भाषा मनीषा