शोध सेवाओं से जुड़े लोगों को एक साल के भीतर लेना होगा प्रमाणपत्र, सेबी ने जारी किया एफएक्यू
रमण अजय
- 23 Jul 2025, 08:35 PM
- Updated: 08:35 PM
नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) पूंजी बाजार नियामक सेबी ने बुधवार को कहा कि शोध सेवाओं से जुड़े व्यक्तियों को एक वर्ष के भीतर राष्ट्रीय प्रतिभूति बाजार संस्थान (एनआईएसएम) से प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा कि यह एक वर्ष का समय इस परिपत्र की तिथि से लागू होगा।
परिपत्र के अनुसार, इसके अलावा, संस्थागत निवेशकों को सबसे महत्वपूर्ण नियम और शर्तों (एमआईटीसी) सहित नियमों और शर्तों पर हस्ताक्षर के साथ सहमति देने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, अनुसंधान विश्लेषक (आरए)/अनुसंधान संस्थाएं अब भी इन शर्तों को उनके साथ साझा करेंगी।
ये निर्णय शोध विश्लेषक और अनुसंधान संस्थाओं से प्राप्त प्रतिक्रिया के आधार पर और अनुपालन को आसान बनाने को लेकर लिए गए हैं।
इसके अतिरिक्त, नियामकीय प्रावधानों के साथ शोध विश्लेषकों द्वारा अनुपालन के लिए स्पष्टता और मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए, सेबी ने अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) के रूप में स्पष्टीकरण जारी किए हैं।
इसके तहत, सेबी ने कहा कि किसी शोध रिपोर्ट में प्रतिभूति बाजार के सामान्य रुझानों, व्यापक सूचकांकों पर चर्चा या आर्थिक, राजनीतिक या बाजार की स्थितियों पर टिप्पणियों से संबंधित सूचनाएं शामिल नहीं होती हैं।
परिपत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि शोध रिपोर्ट में म्यूचुअल फंड या वैकल्पिक निवेश फंड के यूनिट धारकों या पोर्टफोलियो प्रबंधकों और निवेश सलाहकारों के ग्राहकों के लिए तैयार की गई समय-समय पर जारी होने वाली रिपोर्ट, वर्तमान या संभावित ग्राहकों के साथ साझा नहीं किए गए आंतरिक संचार, कंपनियों के वित्तीय आंकड़ों का सांख्यिकीय सारांश, और किसी क्षेत्र या सूचकांक में मांग और आपूर्ति से संबंधित तकनीकी विश्लेषण शामिल नहीं हैं।
सेबी ने स्पष्ट किया कि समाचार पत्रों या टेलीविजन जैसी मीडिया एजेंसियों में काम करने वाले पत्रकारों को पंजीकरण कराना आवश्यक नहीं है। हालांकि, यदि वे प्रतिभूतियों या सार्वजनिक प्रस्तावों पर सिफारिशें करते हैं या राय देते हैं, तो ऐसी सिफारिशें पंजीकृत शोध विश्लेषकों या शोध रिपोर्ट जारी करने की अनुमति वाले अन्य सेबी-पंजीकृत मध्यस्थों की शोध रिपोर्टों पर आधारित होनी चाहिए।
नियामक ने कहा कि भारत से बाहर स्थित कोई भी व्यक्ति भारतीय शेयर बाजारों में सूचीबद्ध या सूचीबद्ध होने के लिए प्रस्तावित प्रतिभूतियों पर शोध रिपोर्ट या विश्लेषण जारी कर सकता है।
हालांकि, ऐसा करने से पहले, उस व्यक्ति को शोध विश्लेषक विनियमों के तहत पंजीकृत किसी शोध विश्लेषक या शोध संस्थान के साथ एक समझौता करना होगा।
सेबी ने व्यापार प्रतिबंधों के संबंध में कहा कि स्वतंत्र शोध विश्लेषक, अंशकालिक शोध विश्लेषक, शोध विश्लेषक के रूप में कार्यरत व्यक्ति या उनके सहयोगी, संबंधित कंपनी पर शोध रिपोर्ट के प्रकाशन से 30 दिन पहले और पांच दिन बाद तक शोध विश्लेषक की सिफारिश या अनुसरण की गई किसी भी प्रतिभूति में लेन-देन या कारोबार नहीं करेंगे।
भाषा रमण