लोकसभा में हंगामे के कारण लगातार चौथे दिन नहीं हो सका कामकाज; कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित
सुभाष वैभव
- 24 Jul 2025, 02:45 PM
- Updated: 02:45 PM
नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) लोकसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर बृहस्पतिवार को हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
मानसून सत्र के चौथे दिन सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही विपक्षी दलों के सदस्य हंगामा करने लगे। विपक्षी सांसदों ने आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी की और तख्तियां लहराईं, जिन पर एसआईआर विरोधी नारे लिखे हुए थे।
उन्होंने बिहार में एसआईआर की कवायद पर तत्काल चर्चा की मांग करते हुए हंगामा किया। हालांकि, सदन में शोर-शराबे के बीच ही पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने प्रश्नकाल के दौरान कुछ पूरक प्रश्नों के उत्तर दिए।
वहीं, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आसन के समीप शोर-शराबा कर रहे विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और सदन चलने देने की अपील की।
उन्होंने कहा, ‘‘आपसे पहले भी कहा गया है कि प्रश्नकाल महत्वपूर्ण समय होता है। इसमें जनता के महत्वपूर्ण सवाल होते हैं और सरकार की जवाबदेही होती है...कई सांसदों ने कहा है कि प्रश्नकाल के दौरान उनके प्रश्न मुश्किल से आ पाते हैं और आप लोग नारेबाजी करते हैं।’’
बिरला ने कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा कि इतने पुराने राजनीतिक दल के लोग जिस तरह का व्यवहार कर रहे हैं, इसे पूरा देश देख रहा है।
हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने पूर्वाह्न करीब 11 बजकर सात मिनट पर सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे पुन: शुरू होने पर विधि और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विपक्षी सदस्यों से ‘गोवा राज्य विधानसभा के निर्वाचन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का समायोजन विधेयक, 2024’ पर चर्चा में भाग लेने की अपील की।
मेघवाल ने कहा, ‘‘यह अनुसूचित जनजाति (एसटी) के हितों से संबंधित विधेयक है। गोवा विधानसभा में एसटी को प्रतिनिधित्व मिले, इसके लिए यह विधेयक लाया गया है। लेकिन विपक्ष साथ नहीं दे रहा और वे शोरगुल कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्य एसटी के हित में भी साथ नहीं देना चाहते।
सदन में विपक्षी दलों के कुछ सदस्यों के तख्तियां लहराने को लेकर पीठासीन सभापति कृष्णा प्रसाद तेन्नेटी ने कहा कि कल (बुधवार को) भी गोवा के एसटी विधेयक को चर्चा के लिए सदन की कार्यसूची में लिया गया था, लेकिन आपने इसे आगे नहीं बढ़ने दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘जब तक आप तख्तियां दिखाएंगे, सदन की कार्यवाही नहीं चलेगी। इस तरह से तख्तियां दिखाना सदन के नियमों के विरूद्ध है।’’
पीठासीन सभापति ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और आप सदन में ऐसा कर उदाहरण स्थापित कर रहे हैं।
तेन्नेटी ने यह भी कहा, ‘‘कुछ विषयों पर कार्य स्थगन प्रस्ताव की सूचना प्राप्त हुई है। लोकसभा अध्यक्ष ने स्थगन प्रस्ताव की किसी भी सूचना के लिए अनुमति प्रदान नहीं की है। हालांकि, जो अनुरोध पहले प्राप्त हुए थे उन पर विचार किया गया है और यह कहा जा चुका है उन पर उपयुक्त समय पर चर्चा होगी।’’
हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने कुछ मिनट बाद ही सदन की कार्यवाही शुक्रवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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