एफटीए से वित्तीय सेवा कंपनियों को ब्रिटेन में विस्तार करने में मिलेगी सहूलियत
प्रेम प्रेम अजय
- 24 Jul 2025, 05:39 PM
- Updated: 05:39 PM
नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) से भारतीय वित्तीय सेवा कंपनियों को ब्रिटेन में मौजूदगी बढ़ाने, प्रतिस्पर्धा करने और भारतीय प्रवासियों एवं कंपनियों को सेवा देने में आसानी होगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर की मौजूदगी में बृहस्पतिवार को लंदन में ‘व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते’ नाम के एफटीए पर हस्ताक्षर किए गए।
यह समझौता तेजी से बढ़ते भारतीय बाजार में ब्रिटिश कंपनियों के निवेश के लिए भी अवसर खोलेगा।
वाणिज्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इस निवेश समझौते में नवीन, अभिनव और प्रतिस्पर्धी वित्तीय सेवाओं को लाने की क्षमता है। ऐसा होने पर भारतीय वित्तीय सेवा क्षेत्र की स्थिरता से कोई समझौता न करते हुए वित्तीय सेवाओं के ग्राहकों और व्यापक अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा।
अधिकारी ने कहा कि गैर-भेदभाव संबंधी नियम यह सुनिश्चित करेंगे कि ब्रिटेन को सेवाएं देते समय भारतीय कंपनियों के साथ निष्पक्ष व्यवहार हो। इसके साथ व्यापक पारदर्शिता प्रतिबद्धताओं से यह गारंटी मिलेगी कि भारतीय वित्तीय सेवा कंपनियों को अधिकृत करने के लिए ब्रिटेन के नियम निष्पक्ष, पारदर्शी और वस्तुनिष्ठ हों।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में की गई प्रतिबद्धताओं से इलेक्ट्रॉनिक भुगतान, वित्तीय-प्रौद्योगिकी, वित्तीय विविधता, स्थिरता एवं बाजार एकीकरण को फायदा होने की उम्मीद है।
डिजिटल रूप से दी जाने वाली वित्तीय सेवाओं के लिए ब्रिटेन ने बीमा और उससे संबंधित सेवाएं तथा बैंकिंग एवं अन्य वित्तीय सेवाओं के तहत विभिन्न उप-क्षेत्रों के संबंध में बाजार पहुंच दी है।
बीमा क्षेत्र के संबंध में एफटीए से गैर-जीवन बीमा सेवाओं और बीमा मध्यस्थता (समुद्री परिवहन और अंतरराष्ट्रीय पारगमन में उत्पाद), पुनर्बीमा तथा बीमा की सहायक सेवाओं को भारत में अपने परिचालन का विस्तार करने में सक्षम होने की उम्मीद है।
यह समझौता अन्य वित्तीय सेवाओं के आपूर्तिकर्ताओं द्वारा वित्तीय सूचना के प्रावधान एवं हस्तांतरण, तथा वित्तीय डेटा प्रसंस्करण और संबंधित सॉफ्टवेयर जैसे क्षेत्रों के संबंध में भी प्रतिबद्धताएं जताता है।
भाषा प्रेम प्रेम