धनबाद खदान का ‘ढहना’: सटीक स्थान की जानकारी न होने से एनडीआरएफ शुरू नहीं कर पाई बचाव अभियान
नोमान पवनेश
- 24 Jul 2025, 05:42 PM
- Updated: 05:42 PM
धनबाद/गिरडीह/रांची/ 24 जुलाई (भाषा) झारखंड के धनबाद जिले में एक बंद पड़ी कोयला खदान में अवैध खनन के दौरान कथित रूप से फंसे खनिकों को बचाने के लिए तैनात राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक टीम अब तक अभियान शुरू नहीं कर पाई है, क्योंकि घटनास्थल के सटीक स्थान के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
गिरिडीह के सांसद सी.पी. चौधरी द्वारा बाघमारा थाने में धरना दिए जाने के बाद बुधवार को एनडीआरएफ को तैनात किया गया था। चौधरी ने खदान ढहने की खबर के बाद तत्काल बचाव कार्य शुरू करने की मांग की थी।
आरोपों के बावजूद, धनबाद जिला प्रशासन, बीसीसीएल (भारत कोकिंग कोल लिमिटेड) और पुलिस के अधिकारियों ने दावा किया कि अब तक ऐसी किसी घटना के कोई संकेत नहीं मिले हैं।
एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, "दुर्घटनास्थल की सही जानकारी अभी तक नहीं मिल सकी है, इसलिए बचाव अभियान दोपहर डेढ़ बजे तक शुरू नहीं हो सका। धनबाद प्रशासन और बीसीसीएल भी घटनास्थल की पहचान नहीं कर पाए हैं।"
हालांकि, चौधरी ने मंगलवार शाम को अवैध खनन गतिविधियों के दौरान एक खदान की छत गिरने के बाद कथित तौर पर फंसे पांच लोगों की सूची सौंपी।
स्थानीय निवासियों ने दावा किया कि बीसीसीएल के ब्लॉक-2 में बंद पड़ी भूमिगत खदान धंस गई, जिससे अवैध खनन गिरोह से जुड़े करीब आधा दर्जन मजदूर फंस गए।
इस बीच, गिरिडीह के ताराटांड इलाके में एक अजीब सा सन्नाटा पसरा हुआ है, जहां से धनबाद के बाघमारा में कथित खदान ढहने की घटना के बाद से चार श्रमिक लापता हैं।
ग्रामीणों ने दावा किया कि चारों बाघमारा के लिए निकले थे और अब तक वापस नहीं आए हैं। इनमें कुंडलवाड़ा गांव निवासी 35 वर्षीय अजीज अंसारी उर्फ चरकू अंसारी, 35 वर्षीय अफजल अंसारी उर्फ खान साहब, अंबाबेड़ा गांव निवासी 32 वर्षीय दिलीप साहब और मथुरासिंघा गांव निवासी 30 वर्षीय जमशेद अंसारी शामिल है।
लापता श्रमिकों में से एक के परिवार के सदस्य ने कहा, "चारों लोग खदानों में काम करते थे। धनबाद पुलिस ने हमें घटनास्थल पर जाने की अनुमति नहीं दी।"
कुंडलवादा पंचायत के मुखिया कादिर अंसारी ने कहा कि रोजगार की कमी के कारण क्षेत्र के कई श्रमिक खदानों में काम करने के लिए धनबाद जाते हैं।
धनबाद के उपायुक्त आदित्य रंजन ने बुधवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, "हमने सुझाए गए स्थान पर एनडीआरएफ की एक टीम भेजी है, लेकिन अब तक ऐसी किसी घटना का कोई संकेत नहीं मिला है।"
चौधरी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में दावा किया, "बाघमारा के केसरगढ़ा में अवैध कोयला खनन के दौरान खदान धंसने से नौ लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोगों के फंसे होने की आशंका है। सूचना मिलते ही मैं तुरंत घटनास्थल पर पहुंचा और निरीक्षण किया। मैं बाघमारा थाने पहुंचा और प्रशासन से जल्द से जल्द घटना की पूरी जांच की मांग की और सख्त निर्देश दिया कि जब तक सभी मृतकों को बाहर नहीं निकाल लिया जाता, हम यहीं बैठे रहेंगे।"
ऑल झारखंड स्टूडेंट मूवमेंट (आजसू) के सांसद ने आरोप लगाया कि जब वह घटनास्थल पर पहुंचे तो प्रशासन की मौजूदगी में कोयला माफिया ने उनका विरोध किया।
उन्होंने आरोप लगाया, "जब एक जनप्रतिनिधि के साथ ऐसा व्यवहार हो सकता है, तो आम आदमी के साथ क्या होता होगा, यह अकल्पनीय है। यह भी जानकारी मिली है कि खदान का मुहाना माफिया द्वारा रातोंरात बंद कर दिया गया था, ताकि मामले को दबाया जा सके।"
जनता दल (यू) नेता सरयू राय ने आरोप लगाया कि यह घटना जिला प्रशासन और बीसीसीएल प्रबंधन की विफलता को दर्शाती है।
उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय संपत्ति की सुरक्षा के लिए कोयला खदान में सीआईएसएफ कर्मियों की भारी तैनाती के बावजूद कोयला चोरी और अवैध खनन की घटनाएं बेरोकटोक जारी हैं, जो चिंता का विषय है।"
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की झारखंड इकाई के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, "धनबाद के बाघमारा इलाके में अवैध खनन के कारण लोगों के हताहत होने की खबरें हैं। इस पूरे हादसे को बड़े पैमाने पर दबाने की कोशिश की जा रही है।"
उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री, कोयला मंत्रालय, झारखंड के मुख्यमंत्री कार्यालय और पुलिस से घटना का संज्ञान लेने का आग्रह किया।
धनबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रभात कुमार ने बुधवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि एक टीम घटनास्थल पर भेजी गई थी, लेकिन ऐसी किसी घटना का कोई सुराग नहीं मिला।
बीसीसीएल के क्षेत्रीय नोडल सुरक्षा अधिकारी राजीव रंजन ने भी बताया कि ब्लॉक-2 क्षेत्र में बंद भूमिगत खदान से किसी घटना की सूचना नहीं मिली है।
हालांकि, सामाजिक कार्यकर्ता बिजय झा ने दावा किया कि घटना वास्तव में घटित हुई थी और मंगलवार की रात अवैध खनन गिरोहों द्वारा घटनास्थल तक पहुंचने के मार्ग को अवरुद्ध कर दिया गया था।
भाषा नोमान