भाजपा नेता गोपाल शेट्टी और एक अन्य पार्टी कार्यकर्ता 2004 के मारपीट मामले में बरी
यासिर देवेंद्र
- 24 Jul 2025, 06:21 PM
- Updated: 06:21 PM
मुंबई, 24 जुलाई (भाषा) मुंबई की एक अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता एवं पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी तथा पार्टी के एक अन्य कार्यकर्ता को 2004 में पुलिस अधिकारियों पर हमला किए जाने और उनके साथ दुर्व्यवहार करने से संबंधित एक मामले में बरी कर दिया है।
अदालत ने यह आदेश 19 जुलाई को दिया था, जो बृहस्पतिवार को उपलब्ध हुआ।
आदेश में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सत्यनारायण नवंदर ने कहा कि यहां तक कि जांच अधिकारी ने भी प्राथमिकी में लगाए गए आरोपों की पुष्टि नहीं की।
अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा, ‘‘ये सामने आया है कि अभियोजन पक्ष के मामले के संबंध में गंभीर संदेह पैदा होता है.... ठोस, सुसंगत और विश्वसनीय साक्ष्य के अभाव में दोनों आरोपी संदेह का लाभ पाने के हकदार हैं।’’
अभियोजन पक्ष के अनुसार, नौ सितंबर 2004 को महाराष्ट्र खतरनाक गतिविधि रोकथाम (एमपीडीए) अधिनियम के तहत जांच के लिए भाजपा कार्यकर्ता नेताजी शिंदे को उपनगरीय कांदिवली के कस्तूरबा मार्ग थाने ले जाया गया था।
इसके अनुसार शेट्टी और गणेश खणकर दोनों ही भाजपा से जुड़े हैं, जो कथित तौर पर उसी रात थाने में घुस आए और पुलिस कांस्टेबल द्वारा यह पूछे जाने पर कि वे कौन हैं, उन्होंने उन्हें धक्का देकर गालियां दीं तथा धमकी दी।
अभियोजन पक्ष के अनुसार इसके बाद वे जांच कक्ष में घुस गए और वहां मौजूद अधिकारी के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया।
अगले दिन उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 353 (लोक सेवक को उनके कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 189 (लोक सेवक को चोट पहुंचाने की धमकी), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।
मुकदमे के दौरान, शिकायतकर्ता कांस्टेबल ने अदालत को बताया कि उन्हें धक्का दिया गया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया, लेकिन जिरह के दौरान उन्होंने कहा कि आरोपी जल्दबाजी में थे तो हो सकता है कि धक्का अनजाने में लगा होगा।
अदालत ने उनकी गवाही को ‘बेहद कमजोर और अविश्वसनीय’ पाया।
शेट्टी 2014 से 2024 तक दो बार मुंबई उत्तर संसदीय सीट से सांसद रहे, जबकि इससे पहले वह विधायक थे।
भाषा यासिर