महमूद मदनी ने विपक्षी सांसदों से असम में बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का आग्रह किया
नोमान नोमान पवनेश
- 24 Jul 2025, 09:37 PM
- Updated: 09:37 PM
नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) असम में ध्वस्तीकरण अभियान की पृष्ठभूमि में प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद (एमएम) के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने विपक्षी दलों के सांसदों से एक बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल पूर्वोत्तर राज्य भेजने का आग्रह किया है। संगठन की ओर से बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई है।
बयान के मुताबिक, मदनी ने बुधवार रात यहां एक पांच सितारा होटल में विपक्षी दलों के सांसदों के लिए आयोजित रात्रि भोज के दौरान यह गुजारिश की। इस भोज में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), बीजू जनता दल, द्रमुक और ऑल इंडिया मुस्लिम लीग के 20 से अधिक सांसद मौजूद थे।
इसमें कहा गया है कि देश में चल रहे अल्पसंख्यक विरोधी रवैये, असम में बांग्ला भाषियों पर सरकारी अत्याचार, फलस्तीन पर सरकार का रुख, नफ़रत भरी घटनाओं व बिहार में जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर बातचीत की गई और जाति आधारित जनगणना जैसे संवेदनशील मुद्दों पर एक रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई।
बयान के मुताबिक, मदनी ने आरोप लगाया कि असम में कानून को ताक पर रखकर एक “विशेष समुदाय’’ को व्यवस्थित और योजनाबद्ध तरीके से निशाना बनाया जा रहा है जो “ किसी भी सूरत में देश के लिए अच्छा नहीं हो सकता है।”
मौलाना मदनी ने सुझाव दिया कि सभी दलों के एक प्रतिनिधिमंडल को असम का दौरा करना चाहिए और समान विचारधारा वाले दलों को एकजुट होकर अपने सांसदों को वहां भेजना चाहिए ताकि वे स्वयं तथ्यों को देख सकें और उन्हें देश-दुनिया के सामने प्रस्तुत कर सकें।
बयान के मुताबिक, ऑल इंडिया मुस्लिम लीग के नेता और मलप्पुरम से सांसद ई.टी. बशीर ने कहा कि यदि सभी धर्मों के बुद्धिजीवियों और सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल असम जाए, तो इसके अधिक प्रभावी परिणाम होंगे।
इसके अनुसार, टीएमसी सांसद नदीम-उल-हक ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में बांग्ला भाषी मुसलमानों को व्यवस्थित तरीके से निशाना बनाया जा रहा है, यह एक निंदनीय कृत्य है।
बयान के मुताबिक, आज़ाद समाज पार्टी के सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा कि आज देश में वैचारिक युद्ध चल रहा है और सत्ताधारी पार्टी हिंदुत्व के एजेंडे को लागू कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “हमें शुतुरमुर्गों की तरह रेत में मुंह छिपाकर नहीं, बल्कि सच्चाई के लिए खड़ा होना चाहिए।”
इसके अलावा राज्यसभा के पूर्व सदस्य मदनी ने इजराइल-फलस्तीन मसले पर कहा कि इज़राइल के संबंध में “हमारी सरकार द्वारा अपनाई गई नीति भारत की ऐतिहासिक स्थिति और नैतिक मूल्यों के विरुद्ध है। यह हमारे देश की वैश्विक पहचान को नुकसान पहुंचा रही है।”
उन्होंने कहा कि वर्तमान नीति ने हमें मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वाले समूहों के साथ खड़ा कर दिया है। मौलाना मदनी ने कहा कि फलस्तीन का मुद्दा अब केवल फलस्तीन समर्थक होने या न होने का नहीं रह गया है, बल्कि यह मानवता समर्थक मुद्दा बन गया है।
बयान के मुताबिक, इस भोज में कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी, इमरान मसूद, जेबी माथुर व श्रीजी कुमार नाइक, कैराना से सपा सांसद इकरा हसन चौधरी, जिया-उर-रहमान बर्क, टीएमसी सांसद अबू ताहिर खान, नेशनल कॉन्फ्रेंस से लोकसभा सदस्य आगा सैयद रुहुल्लाह मेहदी और द्रमुक सांसद मुहम्मद अब्दुल्ला समेत अन्य मौजूद थे।
भाषा नोमान नोमान