बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर विपक्ष का हंगामा, राज्यसभा दिनभर के लिए स्थगित
मनीषा माधव
- 25 Jul 2025, 01:27 PM
- Updated: 01:27 PM
नयी दिल्ली, 25 जुलाई (भाषा) बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही शुक्रवार को एक बार के स्थगन के बाद दोपहर बारह बज कर पांच मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
उच्च सदन की बैठक अब सोमवार को सुबह 11 बजे होगी।
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे जब सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई, तो पीठासीन अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने प्रश्नकाल के तहत भाजपा सांसद के. लक्ष्मण से प्रश्न पूछने को कहा।
लक्ष्मण ने 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' पर अपना पूरक प्रश्न पूछा और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान से जवाब मांगा।
इस बीच विपक्षी सदस्यों ने एसआईआर सहित विभिन्न मुद्दों पर तत्काल चर्चा की मांग करते हुए हंगामा फिर से शुरू कर दिया।
लक्ष्मण के पूरक प्रश्न का जवाब देने के लिए खड़े हुए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह मुद्दा किसानों और महिलाओं के कल्याण से जुड़ा है, और वह इसका उत्तर देना चाहते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार का उद्देश्य यह है कि वैज्ञानिक अनुसंधान का लाभ किसानों को समय पर पहुंचे और इसी सोच के तहत 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' की शुरुआत की गई है।
पीठासीन अध्यक्ष तिवाड़ी ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शांत होने की अपील की, लेकिन सदन में व्यवस्था न बनते देख उन्होंने कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले, पूर्वाह्न 11 बजे बैठक शुरू होने पर, अभिनय की दुनिया से राजनीति में आए कमल हासन तथा द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की राजाथी, एस आर शिवलिंगम और पी विल्सन को राज्यसभा की सदस्यता की शपथ दिलाई गई।
इसके बाद उपसभापति हरिवंश ने बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत 28 स्थगन प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं जिनमें बिहार में एसआईआर, अन्य राज्यों में बंगाली प्रवासी श्रमिकों के साथ कथित भेदभाव, मणिपुर में निर्वाचित सरकार न होने और भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग की गई है।
उपसभापति ने कहा कि पूर्व की व्यवस्था के आलोक में ये नोटिस उपयुक्त नहीं पाए गए और इन्हें अस्वीकार कर दिया गया। इस पर विपक्षी सदस्यों ने विरोध जताया और अपने-अपने मुद्दों पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा करने लगे।
हरिवंश ने सदस्यों से शांत रहने और शून्यकाल चलने देने की अपील की। उन्होंने भाजपा के घनश्याम तिवाड़ी को शून्यकाल के तहत अपना मुद्दा उठाने के लिए कहा। लेकिन हंगामा थमते न देख उन्होंने 11 बजकर 20 मिनट पर बैठक को दोपहर बारह बजे तक स्थगित कर दिया।
पूर्व में बैठक शुरू होने पर हरिवंश ने सदस्यों से सदन में अनुशासन और मर्यादा बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार को देखा गया कि कुछ सदस्य अपनी निर्धारित सीट पर नहीं थे और वे वक्ता को बाधित करने का प्रयास कर रहे थे।
उन्होंने राज्यसभा की कार्य संचालन नियमावली का हवाला देते हुए कहा कि यदि कोई सदस्य जानबूझकर दूसरों को बोलने से रोकता है या सदन की कार्यवाही में बाधा उत्पन्न करता है, तो यह ‘विशेषाधिकार हनन’ माना जाएगा।
संसद के मानसून सत्र की शुरुआत 21 जुलाई को हुई थी और तब से उच्च सदन में गतिरोध बना हुआ है। विभिन्न मुद्दों पर तत्काल चर्चा की मांग पर अड़े विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सदन में अब तक शून्यकाल, प्रश्नकाल और अन्य विधायी कामकाज नहीं हो पाया है।
भाषा
मनीषा