बिकवाली दबाव में बाजार एक माह के निचले स्तर पर, सेंसेक्स 721 अंक फिसला
प्रेम रमण
- 25 Jul 2025, 05:24 PM
- Updated: 05:24 PM
(ग्राफिक्स के साथ)
मुंबई, 25 जुलाई (भाषा) विदेशी पूंजी की लगातार निकासी के बीच वित्तीय, आईटी और तेल एवं गैस शेयरों में भारी बिकवाली होने से शुक्रवार को स्थानीय शेयर बाजारों में लगातार दूसरे दिन गिरावट रही। सेंसेक्स 721 अंक लुढ़क गया जबकि निफ्टी में 225 अंकों की गिरावट दर्ज की गई।
बीएसई का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स 721.08 अंक यानी 0.88 प्रतिशत टूटकर एक महीने के निचले स्तर 81,463.09 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 786.48 अंक गिरकर 81,397.69 अंक पर आ गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला सूचकांक निफ्टी भी बिकवाली के दबाव में 225.10 अंक यानी 0.90 प्रतिशत की गिरावट के साथ एक महीने के निचले स्तर 24,837 अंक पर आ गया।
विश्लेषकों ने कहा कि एशियाई और यूरोपीय बाजारों में कमजोर रुख ने भी निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया।
साप्ताहिक आधार पर बीएसई सेंसेक्स में इस हफ्ते 294.64 अंक यानी 0.36 प्रतिशत और एनएसई निफ्टी में 131.4 अंक यानी 0.52 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
शुक्रवार को सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से बजाज फाइनेंस के शेयरों में जून तिमाही के नतीजों की घोषणा के बाद सर्वाधिक 4.73 प्रतिशत की गिरावट आई।
इसके अलावा, पावर ग्रिड, इन्फोसिस, टेक महिंद्रा, बजाज फिनसर्व, ट्रेंट, टाटा मोटर्स, एनटीपीसी और अदाणी पोर्ट्स के शेयर भी गिरावट के साथ बंद हुए।
दूसरी तरफ सन फार्मा और भारती एयरटेल के शेयरों में बढ़त दर्ज की गई।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "कंपनियों के नरम तिमाही नतीजों और निराशाजनक वैश्विक संकेतों के कारण घरेलू शेयर बाजारों में व्यापक बिकवाली हुई। प्रमुख शेयरों के ऊंचे मूल्यांकन और विदेशी संस्थागत निवेशकों की शॉर्ट पोजीशन ने भी गिरावट को बढ़ा दिया।"
छोटी कंपनियों के सूचकांक बीएसई स्मालकैप में 1.88 प्रतिशत और मझोली कंपनियों के मिडकैप सूचकांक में 1.46 प्रतिशत की गिरावट रही।
क्षेत्रवार सूचकांकों में से उपयोगिता खंड में 2.37 प्रतिशत, बिजली खंड में 2.36 प्रतिशत और तेल एवं गैस खंड में 2.11 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
बीएसई पर सूचीबद्ध 2,892 शेयरों में गिरावट रही जबकि 1,117 शेयर चढ़कर बंद हुए और 145 अन्य अपरिवर्तित रहे।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा ने कहा, "कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच बाजार में गिरावट का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा। कारोबार की शुरुआत से ही मानक सूचकांकों पर बिकवाली का दबाव रहा जिसके पीछे निराशाजनक नतीजों की अहम भूमिका है।"
मिश्रा ने कहा कि बाजार में हाल की गिरावट निवेशकों के भरोसे पर गहरा असर डाल रही है और विदेशी संस्थागत निवेशकों के लगातार बिकवाली से दबाव बढ़ गया है।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 2,133.69 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की। हालांकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 2,617.14 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की सूचकांक, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग गिरावट के साथ बंद हुए जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी सकारात्मक दायरे में बंद हुआ।
यूरोपीय बाजार गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। बृहस्पतिवार को अमेरिकी बाजार मिले-जुले रुख के साथ बंद हुए थे।
भारत और ब्रिटेन ने बृहस्पतिवार को ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए। अगले साल से 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात को ब्रिटेन में शुल्क-मुक्त प्रवेश मिलेगा जबकि कारों और व्हिस्की जैसे ब्रिटिश उत्पादों पर भारत में शुल्क कम हो जाएगा।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.32 प्रतिशत बढ़कर 69.40 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
बृहस्पतिवार को सेंसेक्स 542.47 अंक गिरकर 82,184.17 अंक जबकि निफ्टी 157.80 अंक गिरकर 25,062.10 अंक पर बंद हुआ था।
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