मुस्लिम संगठनों ने भारत सरकार व वैश्विक शक्तियों से गाजा में अत्याचार रोकने की अपील की
नोमान पवनेश
- 25 Jul 2025, 09:10 PM
- Updated: 09:10 PM
नयी दिल्ली, 25 जुलाई (भाषा) देश के प्रमुख मुस्लिम संगठनों और मुस्लिम नागरिक समाज के सदस्यों ने शुक्रवार को एक संयुक्त बयान जारी कर भारत सरकार और वैश्विक शक्तियों से गाजा में ‘जारी अत्याचारों” को रोकने की अपील की।
बयान में भारत सरकार, अंतरराष्ट्रीय नेताओं और दुनियाभर के विवेकशील लोगों से अन्याय के खिलाफ खड़े होने और गाजा में इजराइल के निरंतर हमलों को रोकने में त्वरित पहल करने की अपील की है।
इसमें यह भी कहा गया है कि हजारों टन आवश्यक खाद्य और चिकित्सा आपूर्ति सीमा पर रुकी पड़ी है और पानी और सफाई की उचित व्यवस्था नहीं होने की वजह से गाजा में संक्रमित एवं घातक बीमारियों का तेजी से फैलाव हो रहा है। बयान में कहा गया है कि नाकेबंदी को तत्काल समाप्त नहीं किया गया तो गाजा को व्यापक अकाल के खतरे का सामना करना पड़ सकता है।
इस संयुक्त बयान पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद (एएम) के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी, जमात-ए-इस्लामी हिंद के प्रमुख सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी, मरकज़ी जमीयत अहल-ए-हदीस के अध्यक्ष मौलाना अली असगर इमाम महदी, जमीयत उलेमा-ए-हिंद (एमएम) के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी,चांदनी चौक स्थित फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ़्ती मुकर्रम अहमद, जामिया मिल्लिया इस्लामिया के इस्लामी अध्ययन विभाग में प्रोफेसर एमेरिटस अख्तर-उल-वासे समेत 13 मुस्लिम नेताओं, नागरिक समाज के सदस्यों और धर्मगुरुओं ने हस्ताक्षर किए हैं।
बयान में कहा गया है, “हम भारत के शांतिप्रिय नागरिक गाजा में हो रहे नरसंहार और मानवीय संकट की कड़ी निंदा करते हैं। हम 20 करोड़ से अधिक भारतीय मुसलमानों और हमारे देश भारत के सभी शांतिप्रिय नागरिकों की ओर से फलस्तीन के लोगों के प्रति अपना अटूट समर्थन और एकजुटता व्यक्त करते हैं।”
बयान में कहा गया है कि भारत ऐतिहासिक रूप से पीड़ितों के साथ खड़ा रहा है, यह उस विरासत को पुनः पुष्ट करने का समय है और “हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि वह फलस्तीनी जनता के न्यायोचित संघर्ष में उनके साथ दृढ़ता से खड़े होकर अपनी दीर्घकालिक नैतिक और कूटनीतिक परंपरा का सम्मान करे। ”
बयान में कहा गया है कि नरसंहार को देखकर चुप रहना या तटस्थ रहना कूटनीति नहीं है बल्कि यह न्याय को कायम रखने में विफलता है।
बयान के मुताबिक, गाजा की स्थिति पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय मूकदर्शक नहीं रह सकता और “ हम सभी देशों से इज़राइल के साथ सैन्य और आर्थिक संबंध तोड़ने और अवैध कब्जे को समाप्त करने के संयुक्त राष्ट्र महासभा के आह्वान के समर्थन की अपील करते हैं। हम सभी मुस्लिम बहुल देशों से आग्रह करते हैं कि वे इस तबाही को रोकने के लिए इज़राइल और अमेरिका पर कड़ा दबाव डालें।”
भाषा नोमान