यूरोपीय देशों और ईरान के बीच इस्तांबुल में बैठक समाप्त
देवेंद्र रंजन
- 25 Jul 2025, 09:37 PM
- Updated: 09:37 PM
इस्तांबुल, 25 जुलाई (एपी) ईरानी एवं यूरोपीय राजनयिकों के बीच इस्तांबुल में बातचीत शुक्रवार को समाप्त हो गई, जिसमें दोनों पक्षों ने तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर गतिरोध को दूर करने के लिए फिर से बैठक करने पर सहमति व्यक्त की।
ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के प्रतिनिधि ईरानी वाणिज्य दूतावास भवन में जून में ईरान के साथ इजराइल के 12-दिवसीय युद्ध के बाद पहली बार वार्ता के लिए एकत्र हुए।
इस युद्ध के दौरान अमेरिका ने भी ईरान के परमाणु केंद्रों को निशाना बनाते हुए हमले किए थे।
चार घंटे बाद समाप्त हुई वार्ता ईरान पर पुनः प्रतिबंध लगाने की संभावना पर केंद्रित थी, जिन्हें 2015 में तब हटाया गया था जब ईरान ने यह स्वीकार किया था कि उसके परमाणु कार्यक्रम पर प्रतिबंध और निगरानी रखी जा सकती है।
ईरान के उप विदेश मंत्री काजेम गरीबाबादी ने कहा कि “गंभीर, स्पष्ट और विस्तृत” बैठक में परमाणु मुद्दे और प्रतिबंधों की स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया गया तथा आगे की चर्चा पर सहमति व्यक्त की गई।
वार्ता की संवेदनशीलता के कारण नाम नहीं बताने की शर्त पर यूरोपीय देश के एक राजनयिक ने बताया कि ईरान पर फिर से प्रतिबंध लगाने की संभावना अब भी बनी हुई है। इसे ‘स्नैपबैक’ कहा जाता है, जिसका मतलब है कि अगर ईरान समझौते की शर्तों का पालन नहीं करता तो पहले हटाए गए प्रतिबंध तुरंत फिर से लागू किए जा सकते हैं।
राजनयिक ने कहा, ‘‘स्नैपबैक (प्रतिबंधों को दोबारा लागू करने) की प्रक्रिया शुरू करने में संभावित देरी का प्रस्ताव ईरान को दिया गया है लेकिन इसके बदले शर्त यह रखी गई है कि ईरान ईमानदारी से कूटनीतिक बातचीत करे, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के साथ पूरा सहयोग करे और अपने अत्यधिक समृद्ध यूरेनियम के भंडार को लेकर हो रही चिंताओं का समाधान करे।’’
यूरोपीय देशों के नेताओं ने कहा कि यदि ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर रोक लगाने में कोई प्रगति नहीं हुई तो अगस्त के अंत तक प्रतिबंध फिर से लागू कर दिए जाएंगे।
गरीबाबादी ने कहा था कि ईरान की भागीदारी ‘‘कुछ अहम सिद्धांतों’’ पर निर्भर करती है जिनमें एक यह भी है कि ‘‘अमेरिका पर ईरान का भरोसा दोबारा कायम किया जाए क्योंकि फिलहाल ईरान को अमेरिका पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है।’’
उन्होंने बृहस्पतिवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में यह भी कहा कि वार्ता का इस्तेमाल ‘‘सैन्य कार्रवाई जैसे छिपे एजेंडे के लिए एक मंच के रूप में नहीं किया जाना चाहिए।’’
ईरान ने कई बार धमकी दी है कि यदि उस पर प्रतिबंध वापस लगाए गए तो वह परमाणु अप्रसार संधि से हट जाएगा।
ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के एक प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को कहा कि इजराइल और अमेरिका के हाल के हमलों के बाद देश का परमाणु उद्योग ‘‘फिर से बढ़ेगा और फलेगा-फूलेगा’’।
एपी
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