दस्तावेज होने के बावजूद बांग्ला भाषियों को निशाना बनाया जा रहा: टीएमसी सांसद समीरुल इस्लाम
रंजन
- 26 Jul 2025, 07:08 PM
- Updated: 07:08 PM
नयी दिल्ली, 26 जुलाई (भाषा) तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद और पश्चिम बंगाल प्रवासी श्रमिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष समीरुल इस्लाम ने आरोप लगाया है कि कुछ राज्यों में वैध दस्तावेज होने के बावजूद बांग्ला भाषी प्रवासियों को निशाना बनाकर उन्हें बांग्लादेशी करार दिया जा रहा है।
‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में इस्लाम ने कहा कि घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, लेकिन राज्य सरकार द्वारा नागरिकता की पुष्टि किये जाने के बावजूद, बांग्ला भाषी लोगों को हिरासत में लिया जा रहा है या सीमा पार भी भेजा जा रहा है।
इस्लाम ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘दस्तावेज सत्यापन के नाम पर भाजपा शासित राज्यों में बांग्ला भाषियों को निशाना बनाया जा रहा है। यह धर्म का मामला नहीं है, जो कोई भी बांग्ला बोल रहा है, वह निशाने पर है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वे आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र दिखाते हैं। कुछ लोगों ने अपने पासपोर्ट और जमीन के दस्तावेज भी दिखाए हैं। फिर भी उन्हें हिरासत में रखा जा रहा है और पश्चिम बंगाल सरकार के साथ कोई जानकारी साझा नहीं की जा रही है।’’
इस्लाम ने कहा कि जब भी उन्हें किसी बंगाली प्रवासी के खिलाफ मामले की सूचना मिलती है, तो वे स्थानीय पुलिस और संबंधित जिलाधिकारी से सत्यापन कराने के साथ उनकी पृष्ठभूमि की पूरी जांच करते हैं।
इस्लाम ने कहा, ‘‘सभी जांच पूरी होने और उसे (संबंधित अधिकारियों के साथ) साझा करने के बाद भी, वे हमारे साथ सहयोग नहीं करते। यह भाजपा शासित राज्यों द्वारा अपनाया जा रहा बंगाल विरोधी रवैया है।’’
उन्होंने कहा कि ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां जमीन के दस्तावेजों वाले पश्चिम बंगाल के निवासियों को बांग्लादेश भेजा जा रहा है।
इस्लाम ने कहा, ‘‘एक मामला 13 जून का था, जब बंगाल के कुछ निवासियों को बांग्लादेश भेज दिया गया था। जब हमने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को सूचित किया कि वे भारतीय नागरिक हैं, तो बीएसएफ ने एक फ्लैग मार्च किया और सात लोगों को वापस लाया। लेकिन 26 जून को एक नाबालिग और एक गर्भवती महिला सहित छह अन्य लोगों को बांग्लादेश भेज दिया गया। उन लोगों के पास 1956 के जमीन के दस्तावेज हैं।’’
उन्होंने कहा कि जून में पश्चिम बंगाल के सात प्रवासी श्रमिकों को, जिन्हें बांग्लादेशी होने के संदेह में पकड़ लिया गया था और बाद में भारत-बांग्लादेश सीमा के माध्यम से बांग्लादेश भेज दिया गया था, उन्हें उनकी भारतीय नागरिकता सत्यापित होने के बाद वापस लाया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ दिन पहले, मालदा (पश्चिम बंगाल) के कुछ लोगों, जिनके पास जमीन के दस्तावेज हैं, को राजस्थान पुलिस ने बांग्लादेश भेज दिया। यह सरासर अन्याय है।’’
राज्यसभा सांसद ने आरोप लगाया कि कुछ राज्यों के अधिकारी उन्हें दिए गए सबूतों को स्वीकार करने से इनकार कर देते हैं।
इस्लाम ने कहा, ‘‘वे कहते हैं, कृपया हमें संतुष्ट करें। हम आपको कैसे संतुष्ट कर सकते हैं? बंगाल में मैं प्रवासी श्रमिक कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष हूं। 21,67,000 बांग्ला प्रवासी विभिन्न राज्यों में काम करते हैं। वहीं, बंगाल में दूसरे राज्यों के 1.5 करोड़ से अधिक लोग काम करते हैं। आप एक भी ऐसी घटना नहीं बता पाएंगे जहां दूसरे राज्यों के श्रमिकों को बंगाल में किसी समस्या का सामना करना पड़ा हो।’’
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले बंगालियों को अब निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने नागरिकों से उनके लिए आवाज उठाने का अनुरोध किया।
बिहार में जारी और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल में होने वाले विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कवायद के बारे में पूछे जाने पर टीएमसी सांसद ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में एसआईआर नहीं होने देंगी।’’
उन्होंने कहा कि ‘घुसपैठियों’ के खिलाफ कार्रवाई तो होनी चाहिए, लेकिन असली भारतीय नागरिकों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए।
इस्लाम ने कहा, ‘‘अगर कोई घुसपैठ करता है, अगर कोई बांग्लादेशी है, तो कार्रवाई होनी चाहिए। हमें इससे कोई दिक्कत नहीं है। इसके लिए बीएसएफ जिम्मेदार है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप डेटा साझा नहीं करते या किसी भी चीज का सत्यापन नहीं करते, तो हमारी विविधता में एकता नष्ट हो जाएगी।’’
इस्लाम ने कहा कि टीएमसी सांसद विभिन्न माध्यमों से संसद में इस मुद्दे को उठाने की कोशिश कर रहे हैं।
भाषा संतोष