सोने में इस साल पहली छमाही में लगभग 27 प्रतिशत रिटर्न, पर नये निवेश से बचने की जरूरत: विशेषज्ञ
अजय
- 27 Jul 2025, 01:18 PM
- Updated: 01:18 PM
(राधा रमण मिश्रा)
नयी दिल्ली, 27 जुलाई (भाषा) सोना एक सुरक्षित निवेश परिसंपत्ति के रूप में अपनी मजबूती बनाये हुए है और 2025 की पहली छमाही में इस बहुमूल्य धातु ने निवेशकों को लगभग 27 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में सुधार के साथ निवेशकों को मौजूदा स्तर पर सोने में नए निवेश से बचने की जरूरत है।
उनका कहना है कि सोने में मौजूदा तेजी लंबी खिंचती दिख रही है। ऐसे में कीमतें फिर से बढ़ने से पहले कुछ समय के लिए थम सकती हैं और इसमें कुछ गिरावट आ सकती है। मेहता इक्विटीज लि. के उपाध्यक्ष (जिंस) राहुल कलंत्री ने कहा, ‘‘सोना एक सुरक्षित निवेश परिसंपत्ति के रूप में अपनी पारंपरिक मजबूती बनाये हुए है। एमसीएक्स में सोना इस साल की पहली छमाही में करीब 27 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 76,772 रुपये प्रति 10 ग्राम से जून, 2025 के अंत में 96,075 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। और अगर हम चालू वित्त वर्ष की शुरुआत अप्रैल, 2025 से बात करें, तो सोने ने निवेशकों को लगभग 33 प्रतिशत का उल्लेखनीय रिटर्न दिया है। पिछले साल के बेहतर रिटर्न के साथ यह सभी परिसंपत्ति वर्गों में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले निवेश उत्पादों में से एक बन गया है।’’
मौजूदा हालात में सोने में निवेश के बारे में पूछे जाने पर कलंत्री ने कहा, ‘‘2025 की पहली छमाही निश्चित रूप से सोने के लिए अनुकूल थी, लेकिन अब वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में सुधार के साथ, सोने की कीमतों में कमी आ सकती है।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में हमारी निवेशकों को मौजूदा स्तर पर सोने में नए निवेश से बचने की सलाह है। अल्पकाल के लिए निवेश करने वाले निवेशक अपने पोर्टफोलियो का कुछ हिस्सा चांदी में लगाने पर विचार कर सकते हैं। औद्योगिक सुधार और आर्थिक विस्तार से चांदी में अधिक लाभ हो सकता है। लेकिन निवेश रणनीतिक और अनुशासित होना चाहिए।’’
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लि. के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस, मुद्रा शोध) मानव मोदी ने भी कहा, ‘‘मौजूदा तेजी लंबी खिंचती दिख रही है। कीमतें फिर से बढ़ने से पहले कुछ समय के लिए थम सकती हैं और इसमें कुछ गिरावट आ सकती है, जिसका इस्तेमाल लंबी अवधि के नजरिये से निवेश के लिए किया जा सकता है।’’
विशेषज्ञों के अनुसार, विभिन्न देशों खासकर उभरती अर्थव्यवस्थाओं में केंद्रीय बैंकों की सोने की आक्रामक खरीद, वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने, अमेरिकी डॉलर सूचकांक में कमजोर रुख, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर घटाने की उम्मीद, महंगाई और नरमी को लेकर चिंता के बीच गोल्ड ईटीएफ में मजबूत निवेश के साथ भारत तथा चीन में अच्छी खुदरा मांग से इस साल मूल्यवान धातु के दाम में तेजी आई है।
अगले छह महीने में परिदृश्य के बारे में पूछे जाने पर कलंत्री ने कहा, ‘‘ अल्पकालिक सुधार संभव है। जबतक कि ब्याज दरों की अपेक्षाएं या वैश्विक स्तर पर जोखिम के स्तर पर में महत्वपूर्ण परिवर्तन न हो, अगले छह महीनों के लिए व्यापक परिदृश्य स्थिर से नकारात्मक बना हुआ है।’’
मोदी ने भी कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर जोखिम (ईरान-इजराइल युद्ध समाप्त होने आदि के कारण) कम होने के साथ सोने की कीमतों में वृद्धि को गति देने के लिए कोई नया संकेत नहीं दिख रहा है। हालांकि ब्याज दरों में कटौती, आर्थिक आंकड़ों के प्रतिकूल होने या अनिश्चितताओं में एक बार फिर वृद्धि के संकेत सोने की कीमतों को समर्थन दे सकते हैं।’’
यह पूछे जाने पर कि सोने में निवेश के लिए, गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने या भौतिक रूप से सोना खरीदने बेहतर है, कलंत्री ने कहा, ‘‘जब हम निवेश के रूप में सोने की बात करते हैं, तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप इसे किस रूप में रखते हैं। यह मूल रूप से आपके ज्ञान और खरीद के सबसे सुविधाजनक साधन पर निर्भर करता है। अंततः, प्रत्येक व्यक्ति की पसंद उसके व्यक्तिगत लक्ष्यों, उपयोग की आवश्यकताओं और निवेश में बने रहने की अवधि के आधार पर अलग-अलग होगी।’’
सोने में निवेश भौतिक रूप से मूल्यवान धातु खरीदकर, ईटीएफ या सोने में निवेश से जुड़े म्यूचुअल फंड के जरिये किया जा सकता है।
विश्लेषकों के अनुसार, प्रत्येक विकल्प के अपने फायदे और नुकसान हैं, इसलिए निवेशकों के लिए यह आकलन करना महत्वपूर्ण है कि कौन सा विकल्प उनके लक्ष्यों के अनुकूल है।
कलंत्री ने कहा, ‘‘ यदि आप कर लाभ और ब्याज आय चाहते हैं, सरकारी स्वर्ण बॉन्ड (हालांकि सरकार अब इसे जारी नहीं कर रही) अच्छा है। अगर आपको उच्च नकदी और कारोबार में आसानी चाहिए, गोल्ड ईटीएफ बेहतर है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यदि आप एसआईपी निवेश पसंद करते हैं, गोल्ड म्यूचुअल फंड अच्छा है। यदि आप भौतिक रूप से संपत्ति को महत्व देते हैं, सोने के सिक्के/छड़ (बनाने के शुल्क के कारण आभूषण नहीं) बेहतर हैं।’’
भाषा रमण