आपके आहार में मौजूद तांबा मस्तिष्क के स्वास्थ्य में निभा सकता है कहीं बड़ी भूमिका
(द कन्वरसेशन) देवेंद्र सुभाष
- 27 Jul 2025, 05:25 PM
- Updated: 05:25 PM
(ईफ होगेरवॉर्स्ट, लॉफबोरो विश्वविद्यालय द्वारा)
लाफबॉरो (ब्रिटेन), 27 जुलाई (द कन्वरसेशन) ज्यादातर शोध से पता चलता है कि आपके आहार में मौजूद तांबा मस्तिष्क के स्वास्थ्य में हमारी सोच से कहीं ज्यादा बड़ी भूमिका निभा सकता है। हाल के एक अध्ययन में पाया गया है कि जिन वृद्ध अमेरिकियों ने ज्यादा तांबा युक्त खाद्य पदार्थ खाए, उनकी याददाश्त और एकाग्रता बेहतर रही।
‘नेचर साइंटिफिक रिपोर्ट्स’ में प्रकाशित निष्कर्षों में विस्तृत खाद्य विवरण का इस्तेमाल करके लोगों के आहार का अध्ययन किया गया।
जिन लोगों ने तांबा युक्त खाद्य पदार्थ अधिक खाए - जिनमें डार्क चॉकलेट और मेवे शामिल हैं। उन्होंने उन परीक्षणों में बेहतर प्रदर्शन किया जिनका उपयोग उम्र से संबंधित स्मृति कम होने और मनोभ्रंश के शुरुआती लक्षणों का पता लगाने के लिए किया जाता है।
लेकिन नतीजे बिल्कुल सरल नहीं हैं। ज्यादा तांबा-युक्त खाद्य पदार्थ खाने वाले लोग ज्यादातर पुरुष, गोरे, विवाहित और अधिक आय वाले थे।
उनमें धूम्रपान करने, उच्च रक्तचाप या मधुमेह होने की संभावना भी कम थी – ये सभी कारक मनोभ्रंश के कम जोखिम से जुड़े हैं। जिन लोगों ने अधिक तांबे का सेवन किया, उनके आहार में जिंक, आयरन और सेलेनियम भी अधिक था, और कुल मिलाकर उन्होंने अधिक कैलोरी का सेवन किया।
उच्च आय वाले लोगों को अक्सर स्वस्थ भोजन, चिकित्सा देखभाल, स्वच्छ वातावरण और अधिक शिक्षा तक बेहतर पहुंच मिलती है - ये सभी चीजें स्मृति कम होने और मनोभ्रंश से बचाने में मदद करती हैं।
मनोभ्रंश से पीड़ित लोगों को याददाश्त, सोचने, तर्क करने और भाषा का उपयोग करने में कठिनाई हो सकती है।
आहार के प्रभावों को इन अन्य फायदों से अलग करना कठिन है, हालांकि हमने जिन शोधों की समीक्षा की है, उनसे पता चलता है कि पोषण में सुधार करना विशेष रूप से कम सुविधा प्राप्त पृष्ठभूमि वाले लोगों के लिए सहायक हो सकता है।
अन्य शोध हमें क्या बताते हैं
वर्तमान अध्ययन की सीमाएं उल्लेखनीय हैं। इसने केवल एक समय पर मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को समझा और तांबे के स्तर के रक्त माप के बजाय प्रतिभागियों की खाद्य डायरियों पर निर्भर रहा।
हालांकि, दीर्घकालिक अध्ययन इस विचार का समर्थन करते हैं कि तांबा मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। समय के साथ लोगों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों के आहार में तांबा कम था, उनकी याददाश्त और सोच में अधिक गिरावट देखी गई।
अधिक दिलचस्प बात यह है कि जब शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क के ऊतकों में तांबे के स्तर को सीधे मापा, तो उन्होंने पाया कि उच्च सांद्रता का संबंध धीमी मानसिक गिरावट और विषाक्त एमिलॉयड प्लेक की कम मात्रा से था।
दिलचस्प बात यह है कि मस्तिष्क में तांबे के स्तर का आहार से कोई संबंध नहीं है। इस बात की एक अच्छी जैविक व्याख्या है कि तांबा मस्तिष्क की रक्षा में कैसे मदद कर सकता है।
यह आवश्यक धातु कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाती है: यह एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव के माध्यम से मस्तिष्क कोशिकाओं को होने वाली क्षति को रोकने में मदद करती है, साथ ही रसायनों (न्यूरोट्रांसमीटर) के उत्पादन में मदद करती है।
तांबे की कमी को अपेक्षाकृत असामान्य माना जाता है, लेकिन यह कई समस्याएं पैदा कर सकती है। यदि कोई व्यक्ति थका हुआ और कमजोर महसूस करता है और उसे एनीमिया है, जो आयरन या विटामिन बी12 की खुराक से ठीक नहीं होता है, तो इसका कारण तांबे की कमी हो सकती है। अन्य लक्षणों में बार-बार बीमार पड़ना, हड्डियों की ताकत कम होना, तथा तंत्रिका क्षति शामिल हो सकती है जो समय के साथ बदतर होती जाती है।
तांबा प्राकृतिक रूप से बीफ, मेवों, बीजों और मशरूम जैसे खाद्य पदार्थों में उच्च मात्रा में पाया जाता है। इसे कुछ अनाजों में भी मिलाया जाता है और यह साबुत अनाज और डार्क चॉकलेट में भी पाया जाता है।
जैसे-जैसे शोधकर्ता पोषण और मस्तिष्क स्वास्थ्य के बीच संबंधों को जानने का प्रयास कर रहे हैं, तांबे की भूमिका हमें याद दिलाती है कि स्वस्थ उम्र बढ़ने का मार्ग, प्रत्येक भोजन में हमारे द्वारा किए गए सावधानीपूर्वक चयन से ही प्रशस्त हो सकता है।
(द कन्वरसेशन) देवेंद्र