विश्व भारत के उत्थान पर करीब से नजर रख रहा है, लेकिन इससे डरने की जरूरत नहीं: सुधांशु त्रिवेदी
संतोष नरेश
- 27 Jul 2025, 09:15 PM
- Updated: 09:15 PM
चंडीगढ़, 27 जुलाई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी ने रविवार को कहा कि दुनिया भारत के उत्थान को करीब से देख रही है, लेकिन इसे डरने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश के आर्थिक, रणनीतिक और सांस्कृतिक उत्थान पर प्रकाश डाला।
पंजाब विश्वविद्यालय में ‘एक मजबूत भारत दुनिया को क्यों डराता है’ विषय पर चौथे बलरामजी दास टंडन स्मृति व्याख्यान में त्रिवेदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत का योगदान अब वैश्विक डिजिटल लेनदेन में 48 प्रतिशत है, इसकी स्थापित बिजली क्षमता का 50 प्रतिशत स्वच्छ ऊर्जा से आता है, और यह प्रमुख देशों में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का हवाला देते हुए, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि वैश्विक विकास में भारत का योगदान 15 प्रतिशत होने जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मॉर्गन स्टेनली के अनुसार, भारत अगले दशक में वैश्विक विकास का इंजन बन जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘विश्व बैंक ने कहा कि 16 करोड़ लोगों को अत्यधिक गरीबी से बाहर निकाला गया है। आज हम दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं।’’
त्रिवेदी ने वैश्विक एआई शिखर सम्मेलन की भारत द्वारा सह-अध्यक्षता को भी भारत के बढ़ते अंतरराष्ट्रीय नेतृत्व का प्रतीक बताया।
प्रधानमंत्री मोदी का हवाला देते हुए त्रिवेदी ने जोर देकर कहा कि भारत के लिए ‘यह सही समय है’ और जो लोग भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, वे सफल नहीं होंगे।
उन्होंने कहा कि भारत की ताकत न केवल उसकी आर्थिक, सैन्य और बौद्धिक क्षमताओं में निहित है, बल्कि उसकी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक शक्ति में भी निहित है - ये अद्वितीय संपत्तियां हैं जो भारत को विश्व व्यवस्था को आकार देने की स्थिति में लाती हैं।
उन्होंने योग पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का हवाला दिया, जिसे 177 देशों ने सह-प्रायोजित किया था, और इसे भारत की बढ़ती ‘सॉफ्ट पावर’ का एक सशक्त उदाहरण बताया।
आतंकवाद के प्रति देश की कड़ी प्रतिक्रिया का ज़िक्र करते हुए उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट हवाई हमले और ऑपरेशन सिंदूर का ज़िक्र किया और इस बात पर जोर दिया कि नया भारत आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करता।
भाजपा सांसद ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने साबित कर दिया कि पाकिस्तान की परमाणु धमकियां काम नहीं आतीं, और इस तरह भारत के एक ‘नरम देश’ होने के युग का अंत हो गया।
उन्होंने कहा, ‘‘वे दिन अब लद गए जब भारत को एक नरम देश माना जाता था।’’
भारत के विदेश मंत्री (एस. जयशंकर) और उनके पाकिस्तानी समकक्ष (मुहम्मद इसहाक डार) के बीच हुए संवाद की व्याख्या करते हुए त्रिवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर रात 1:05 बजे शुरू हुआ और 1:27 बजे समाप्त हुआ।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को रात 1:30 बजे सूचित किया गया और यह स्पष्ट किया गया कि यह हमला आतंकवादियों के खिलाफ था, न कि पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठानों के खिलाफ।
उन्होंने इसे एक ऐसा जाल बताया जिसे पाकिस्तान पहचान नहीं पाया, जिससे पड़ोसी देश के भीतर सरकारी और गैर-सरकारी तत्वों की मिलीभगत उजागर हो गई।
त्रिवेदी ने यह भी कहा कि दुनिया औद्योगिक निवेश के लिए चीन के विकल्प तलाश रही है और भारत इसे पेश करने के लिए सबसे उपयुक्त स्थिति में है।
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का एकमात्र देश है जिसे रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली और अमेरिका से उन्नत ड्रोन प्रणालियां मिली हैं।
उन्होंने कहा कि रूस किसी भी ‘क्वाड’ सदस्य देश को हथियार नहीं देता है, जबकि रूस से हथियार प्राप्त करने वाले किसी भी देश को अमेरिका रक्षा उपकरण नहीं देता है, जो भारत की चतुराई को दर्शाता है।
व्यापार संबंधों पर त्रिवेदी ने कहा कि भारत की तुलना में ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए अधिक उत्सुक है, जो देश के बढ़ते आर्थिक कद को दर्शाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत लगातार एक आर्थिक महाशक्ति बन रहा है।’’ बलरामजी दास टंडन को ‘पथ प्रदर्शक दीपक’ बताते हुए त्रिवेदी ने आरएसएस, भाजपा और क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
इस अवसर पर बोलते हुए पंजाब भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने समाज और राष्ट्र के प्रति उनके योगदान के लिए बलरामजी टंडन को मरणोपरांत पद्म पुरस्कार देने की मांग का समर्थन किया।
भाषा संतोष