कोलकाता: दुष्कर्म मामले में जमानत पर रिहा छात्र को आईआईएम ने कक्षाओं में आने की अनुमति दी
खारी मनीषा
- 28 Jul 2025, 11:38 AM
- Updated: 11:38 AM
कोलकाता, 28 जुलाई (भाषा) भारतीय प्रबंधन संस्थान कलकत्ता (आईआईएम-सी) के अधिकारियों ने दुष्कर्म मामले में जमानत पर रिहा, इस प्रतिष्ठित संस्थान के छात्र को कक्षाओं में आने की अनुमति देने का फैसला किया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
पिछले हफ्ते एक बैठक में अकादमिक परिषद ने छात्र परमानंद महावीर टोन्प्पन्नावार (26) को 28 जुलाई से कक्षाओं में आने की अनुमति देने का फैसला किया।
हालांकि, यह तय किया गया कि जब तक कोलकाता पुलिस का विशेष जांच दल (एसआईटी) अपनी जांच पूरी नहीं कर लेता, तब तक छात्र परिसर स्थित छात्रावास में नहीं रह सकता।
अधिकारी ने बताया कि द्वितीय वर्ष के छात्र ने कक्षाओं में आने की इजाजत मांगने के लिए संस्थान परिसर पहुंचकर आवेदन किया था जिसके बाद शुक्रवार को अकादमिक परिषद की बैठक हुई।
अधिकारी ने बताया कि हालांकि, उसने एक और आवेदन दिया जिसमें उसने ‘लेक व्यू’ छात्रावास में रहने देने के लिए इजाजत मांगी, लेकिन उसके इस आवेदन को यह कहकर खारिज कर दिया गया कि इस छात्रावास में लड़के-लड़कियां एक साथ रहते हैं और जांच अभी पूरी नहीं हुई है।
छात्र पहले इसी ‘लेक व्यू’ छात्रावास में रहता था और इसी जगह से उसे गिरफ्तार किया गया था।
अधिकारी ने बताया कि परमानंद को पुस्तकालय में जाने की अनुमति रहेगी जबकि कक्षाओं में भाग न ले पाने के कारण 12 से 22 जुलाई तक की अवधि के दौरान उसकी संपूरक उपस्थिति की अपील पर विचार बाद में किया जाएगा।
परमानंद को दो साल के पाठ्यक्रम में आठ और महीनों तक कक्षाओं में भाग लेना होगा।
अधिकारी ने बताया कि कानूनी सलाह पर आधारित परिषद की बैठक में आईआईएम-सी के कार्यवाहक निदेशक सैबल चट्टोपाध्याय, डीन और अन्य वरिष्ठ संकाय सदस्यों/अधिकारियों ने भाग लिया।
खुद को परामर्शदाता बताने वाली एक महिला ने आरोप लगाया था कि परमानंद ने 11 जुलाई को आईआईएम-सी के छात्रावास में उसके पेय पदार्थ में नशीला पदार्थ मिलाकर उससे दुष्कर्म किया जिसके बाद छात्र को गिरफ्तार कर लिया गया। पीड़िता का शिक्षण संस्थान से कोई संबंध नहीं है।
हालांकि, बाद में जब पुलिस ने जांच में मदद करने के लिए महिला को बुलाया तो वह नहीं आई। महिला के पिता ने दावा किया कि उसे इस तरह के आरोप लगाने के लिए मजबूर किया गया था और 11 जुलाई को ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी।
भाषा खारी