बिहार में मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण कोई मुद्दा नहीं, विपक्ष नाटक कर रहा : राजीव रंजन सिंह 'ललन'
अविनाश मनीषा
- 28 Jul 2025, 03:48 PM
- Updated: 03:48 PM
नयी दिल्ली, 28 जुलाई (भाषा) केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ‘ललन’ ने सोमवार को आरोप लगाया कि विपक्ष ‘नाटक’ कर रहा है और ऑपरेशन सिंदूर के मुद्दे पर लोकसभा में चर्चा नहीं होने दे रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) ‘कोई मुद्दा नहीं’ है।
उन्होंने यह टिप्पणी ऐसे दिन की जब संसद के दोनों सदनों में एसआईआर मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष ने हंगामा किया जिससे कार्यवाही बाधित हुई।
भाजपा के सहयोगी जनता दल (यूनाइटेड) के नेता सिंह ने जोर दिया कि बिहार में कानून और व्यवस्था का कोई मुद्दा नहीं है।
लोकसभा में व्यवधानों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘सरकार सदन में सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। यह एक बड़ी घटना (आपरेशन सिंदूर) थी, लेकिन विपक्ष अनावश्यक नाटक करके चर्चा में बाधा डाल रहा है... लोकतंत्र चर्चा के आधार पर कार्य करता है, नाटक पर नहीं।’’
लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा सूचीबद्ध थी लेकिन विपक्ष के सदस्य एसआईआर पर चर्चा की मांग कर रहे थे। हालांकि बाद में सदन में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू हुई।
सिंह ने कहा, ‘‘विपक्ष की मंशा लोकतंत्र का मजाक बनाने की है, वे यही कर रहा है।’’
विपक्ष एसआईआर पर चर्चा की मांग कर रहा है और उसका कहना है कि इस प्रक्रिया के तहत कई पात्र लोगों के नाम मतदाता सूची से हट जाएंगे। इस बारे में पूछे जाने पर जद (यू) नेता ने कहा, ‘‘एसआईआर क्या है? यह कुछ भी नहीं है। यह विपक्ष का बनाया हुआ है।’’
भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल जद (यू) ने एसआईआर का समर्थन किया है, हालांकि, पार्टी के कुछ नेताओं ने इस कवायद पर सवाल उठाए हैं।
बांका से पार्टी सांसद गिरधारी यादव उन नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने
एसआईआर को लेकर चिंता जतायी है। पार्टी ने इस संबंध में अपने सांसद को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
बिहार के गया में एम्बुलेंस में बलात्कार की कथित घटना के बाद राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर जद (यू) नेता सिंह ने कहा कि ‘‘घटनाएं कहीं भी हो सकती हैं... यह कानून और व्यवस्था की बात नहीं है, घटनाएं कहीं भी हो सकती हैं। कोई घटना और कानून- व्यवस्था के बीच बहुत बड़ा अंतर है। जो लोग ऐसी घटनाओं में शामिल होते हैं, उन्हें 24 से 36 घंटों के भीतर पकड़ लिया जाता है।’’
भाषा अविनाश