एआई एजेंट का जमाना आया; जानिए वे क्या कर सकते हैं और कहां है उनसे गड़बड़ी होने की आशंका
(द कन्वरसेशन) खारी पारुल
- 28 Jul 2025, 05:08 PM
- Updated: 05:08 PM
(दासविन डी सिल्वा, ला ट्रोब विश्वविद्यालय)
मेलबर्न, 28 जुलाई (द कन्वरसेशन) हम कृत्रिम मेधा (एआई) के तीसरे चरण में प्रवेश कर रहे हैं। पहले दौर में चैटबोट आए। उसके बाद ‘एआई असिस्टेंट’ (सहायक) ने दस्तक दी। अब हमारे बीच ‘एआई एजेंट’ हैं, जो ज्यादा स्वतंत्र तरीके से काम करने की क्षमता रखते हैं और ‘टीम’ बनाकर या ‘टूल’ का इस्तेमाल करके जटिल कार्यों को पूरा कर सकते हैं।
‘ओपनएआई’ का ‘चैटजीपीटी’ एजेंट सबसे नवीनतम और चर्चित उत्पाद है। डेवलपर के अनुसार, यह पहले से मौजूद दो उत्पादों (ऑपरेटर और डीप रिसर्च) को मिलाकर ऐसा शक्तिशाली ‘सिस्टम’ बनाता है, जो ‘‘अपने दम पर सोच-समझकर काम करता है।’’
ये नये ‘सिस्टम’ पहले के ‘एआई टूल’ से एक कदम आगे हैं। लेकिन यह जानना भी जरूरी होता जा रहा है कि वे कैसे काम करते हैं और क्या कर सकते हैं, साथ ही उनकी कमियां और जोखिम क्या हैं।
-चैटबोट से एजेंट तक-
चैटजीपीटी ने नवंबर 2022 में चैटबोट युग की शुरुआत की, लेकिन इसकी अपार लोकप्रियता के बावजूद इसका बातचीत आधारित ‘इंटरफेस’ इस प्रौद्योगिकी की संभावनाओं को सीमित कर रहा था।
इसके बाद ‘एआई असिस्टेंट’ या ‘को-पायलट’ काल की शुरुआत हुई। ये उसी ‘जनरेटिव एआई मॉडल’ पर आधारित ‘सिस्टम’ हैं, जिन पर ‘चैटबोट’ काम करते हैं, लेकिन इनकी खासियत यह है कि ये इंसानी दिशा-निर्देशों के मुताबिक और निगरानी में किसी काम को पूरा करने के लिए बनाए गए हैं।
‘एजेंट एआई’ इन सभी से एक कदम और आगे हैं। ये लक्ष्य को पूरा करने के लिए बनाए गए हैं। ये कुछ हद तक अपने आप काम कर सकते हैं और इनमें सोचने-समझने और याद रखने जैसी उन्नत क्षमता होती है।
जटिल समस्याओं को हल करने के लिए कई ‘एआई एजेंट’ प्रणाली आपस में मिलकर काम कर सकती हैं, एक-दूसरे से संचार करके किसी काम की योजना बना सकती हैं, समय निर्धारित कर सकती हैं, फैसले ले सकती हैं और समन्वय स्थापित कर सकती हैं।
‘एआई एजेंट’ को ‘टूल उपयोगकर्ता’ भी कहा जाता है, क्योंकि ये खास कामों के लिए ‘वेब ब्राउजर’, ‘स्प्रेडशीट’, भुगतान प्रणाली और अन्य ‘सॉफ्टवेयर टूल’ का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
-तेजी से विकास का एक साल-
पिछले साल के अंत से ही यह अनुमान लगाया जा रहा था कि ‘एजेंटिक एआई’ दस्तक दे सकते हैं। एक बड़ा बदलाव पिछले अक्टूबर में देखने को मिला, जब ‘एंथ्रोपिक’ ने अपने ‘क्लाउड चैटबोट’ को कंप्यूटर के साथ उसी तरह काम करने में सक्षम बनाया, जैसे कोई इंसान करता है। अब यह प्रणाली कई डेटा स्रोतों में खोज कर जरूरी जानकारी निकाल सकती है और ऑनलाइन फॉर्म भी भर सकती है।
दूसरी ‘एआई’ कंपनियों ने भी इस ओर ध्यान दिया। ‘ओपनएआई’ ने ‘ऑपरेटर’ नाम के एक ‘वेब ब्राउजिग एजेंट’ की शुरुआत की, माइक्रोसॉफ्ट ने ‘कोपायलट एजेंट’ की घोषणा की और गूगल ने ‘वर्टेक्सएआई’ व मेटा ने ‘लामा एजेंट’ पेश किया।
इस साल की शुरुआत में चीन के स्टार्टअप ‘मोनिका’ ने अपने ‘मानुसएआई’ एजेंट का प्रदर्शन किया, जो जमीन की खरीद-फरोख्त और व्याख्यान रिकॉर्डिंग को लिखित दस्तावेज में बदलने जैसे काम कर सकता है।
चीन के एक और स्टार्टअप ‘जेनस्पार्क’ ने एक ‘सर्च इंजन’ एजेंट की शुरुआत की, जो गूगल की तरह एक पेज पर सारा निष्कर्ष देता है और उसमें खरीदारी के सबसे अच्छे सौदे जैसे ऑनलाइन गतिविधियों के लिए सीधे लिंक भी शामिल होते हैं।
-एजेंट के गड़बड़ी करने की आशंका भी अधिक-
भले ही ‘एआई एजेंट’ को लेकर काफी चर्चा हो रही है, लेकिन इनके साथ कई चेतावनियां भी दी जा रही हैं। उदाहरण के तौर पर ‘एंथ्रोपिक’ और ‘ओपनएआई’ दोनों ही कहते हैं कि एजेंट का इस्तेमाल करते समय मानवीय निगरानी जरूरी है, ताकि गलतियों का जोखिम कम किया जा सके।
‘ओपनएआई’ ने तो यह भी कहा है कि उसका चैटजीपीटी एजेंट ‘‘उच्च जोखिम’’ वाला है, क्योंकि इसमें जैविक और रासायनिक हथियारों को बनाने में मदद करने की आशंका हो सकती है।
हालांकि, कंपनी ने इस दावे से जुड़ा डेटा सार्वजनिक नहीं किया, जिससे इसकी सटीकता को समझना थोड़ा कठिन हो जाता है। लेकिन ‘एआई एजेंट’ वास्तविक दुनिया में किस तरह के जोखिम पैदा कर सकते हैं, इसका एक उदाहरण एंथ्रोपिक के ‘प्रोजेक्ट वेंड’ से देखने को मिला, जिसमें एक एआई एजेंट को एक ‘वेंडिंग मशीन’ को एक छोटे व्यवसाय की तरह संचालित करने की जिम्मेदारी दी गई थी।
हालांकि, इस प्रयोग में हास्यास्पद चीजें और चौंकाने वाली गड़बड़ियां सामने आईं, जब एजेंट ने खाने-पीने की चीजों की जगह फ्रिज को धातु के टुकड़ों से भर दिया।
एक और आगाह करने वाली घटना में, एक ‘कोडिंग एजेंट’ ने एक डेवलपर का पूरा डेटाबेस की खत्म कर दिया और बाद में कहा कि उसने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि वह ‘‘हड़बड़ा गया था।’’
(द कन्वरसेशन) खारी