‘ग्लोबल स्टूडेंट प्राइज 2025’ के शीर्ष 50 प्रतिभागियों में पांच भारतीय भी
राजकुमार दिलीप
- 28 Jul 2025, 07:49 PM
- Updated: 07:49 PM
(अदिति खन्ना)
लंदन, 28 जुलाई (भाषा) भारत के पांच विद्यार्थी उन शीर्ष 50 प्रतिभागियों में शामिल हैं, जिन्हें शिक्षा और समाज पर वास्तविक प्रभाव डालने के लिए 100,000 डॉलर के एक प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुना गया है।
‘चेग डॉट ओआरजी ग्लोबल स्टूडेंट प्राइज’ 2025 उन सभी विद्यार्थियों के लिए खुला है, जो कम से कम 16 वर्ष के हैं और किसी शैक्षणिक संस्थान या प्रशिक्षण एवं कौशल कार्यक्रम में नामांकित हैं। अंशकालिक छात्र और ऑनलाइन पाठ्यक्रमों में नामांकित विद्यार्थी भी इसके लिए पात्र हैं।
चुने गए भारतीय विद्यार्थियों में जयपुर के जयश्री पेरीवाल इंटरनेशनल स्कूल के छात्र आदर्श कुमार और मन्नत सामरा, महाराष्ट्र के माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कसमपुरा के धीरज गतमाने, बेंगलुरु के ‘द इंटरनेशनल स्कूल’ के जहान अरोड़ा और दिल्ली एनसीआर क्षेत्र के ‘हेरिटेज इंटरनेशनल एक्सपीरियंस स्कूल’ के शिवांश गुप्ता शामिल हैं।
उनका चयन 148 देशों से प्राप्त लगभग 11,000 प्रविष्टियों और आवेदनों में से किया गया।
इस साल के पुरस्कार के शीर्ष अंतिम 10 प्रतिभागियों की घोषणा अगले महीने होने की उम्मीद है और विजेता का चयन इस वर्ष के अंत में, प्रतिष्ठित व्यक्तियों से बनी ‘ग्लोबल स्टूडेंट प्राइज अकादमी’ द्वारा उस सूची में से किया जाएगा।
चेग, इंक. के अध्यक्ष और सीईओ नाथन शुल्त्स ने कहा, ‘‘चेग में, हमें उन परिवर्तनकर्ताओं का समर्थन करने और उनका सम्मान करने पर गर्व है, जो न केवल एक बेहतर दुनिया की कल्पना कर रहे हैं - बल्कि वे इसका निर्माण भी कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पर्यावरण और सामाजिक न्याय से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य और युवा सशक्तीकरण तक, इस वर्ष के ‘ग्लोबल स्टूडेंट प्राइज’ के अंतिम दौर के प्रतिभागी साहस और नवाचार के साथ दुनिया की सबसे गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।’’
कुमार ने कम उम्र में ही कोडिंग सीख ली थी। उसने मिशन बदलाव की शुरुआत की, जिससे 1,300 परिवारों को कल्याणकारी योजनाओं तक पहुंचने में मदद मिली ।
जयपुर की ही 17 वर्षीय परिवर्तनकर्ता सामरा को आपराधिक न्याय, शरणार्थी शिक्षा और पर्यावरण नवाचार में सुधारों का नेतृत्व करने के लिए चुना गया है।
दादरा और नागर हवेली के आदिवासी क्षेत्रों में पले-बढ़े गतमाने ने वरिष्ठ नागरिकों को डिजिटल साक्षरता में प्रशिक्षण देने, इको-होम बनाने और स्वास्थ्य जांच करने में मदद करने के लिए ‘सेकंड सनराइज’ की स्थापना की।
अरोड़ा को एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों के लिए धन जुटाने के लिए प्रेरित करने वाले अभियान तथा बच्चों को सामुदायिक सेवा के लिए घंटों समय देने हेतु सशक्त बनाने वाले युवा टाइम-बैंकिंग प्लेटफॉर्म ‘सोशलक्रेड’ के लिए चुना गया है।
गुप्ता को लैंगिक समानता, समावेशन और नवाचार के क्षेत्र में उसके योगदान के लिए चुना गया है।
भाषा
राजकुमार