टीसीएस में छंटनी पर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की नजर, कर्मचारी संगठन ने श्रम मंत्री को पत्र लिखा
प्रेम प्रेम अजय
- 28 Jul 2025, 08:26 PM
- Updated: 08:26 PM
(ग्राफिक्स के साथ)
नयी दिल्ली, 28 जुलाई (भाषा) सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने देश की सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) में 12,000 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी किए जाने की घोषणा के बाद की स्थिति पर करीबी निगाह रखी हुई है। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय टीसीएस छंटनी मामले में पूरी स्थिति पर करीबी निगाह बनाए हुए है और लगातार कंपनी के संपर्क में है।
सूत्रों के मुताबिक, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इस घटनाक्रम को लेकर चिंतित है और इस फैसले के पीछे की असली वजह को समझने के लिए इसकी पड़ताल करेगा।
सरकार का यह रुख इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि भारत की सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी टीसीएस ने इस साल 12,261 कर्मचारियों की छंटनी करने की घोषणा की है जो उसके कुल वैश्विक कार्यबल का दो प्रतिशत है। इस कदम का सबसे ज़्यादा असर मध्यम और वरिष्ठ स्तर के कर्मचारियों पर पड़ेगा।
इस घोषणा के बाद टीसीएस के शेयर का भाव बीएसई पर 1.76 प्रतिशत गिरकर 3,079.05 रुपये पर आ गया।
इस बीच, आईटी कर्मचारियों के संगठन ने केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखकर टीसीएस प्रबंधन से स्पष्टीकरण मांगने का अनुरोध किया है।
'नैसेंट इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉईज सीनेट' (एनआईटीईएस) ने 12,000 कर्मचारियों की छंटनी के फैसले को अनैतिक, अमानवीय और पूरी तरह से अवैध करार दिया है।
कर्मचारी संगठन के मुताबिक, टीसीएस ने छंटनी के दौरान कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन भी किया है। एक साल से अधिक सेवा देने वाले किसी भी कर्मचारी को हटाने से पहले कंपनी को एक महीने का नोटिस या उसके एवज में वेतन देना, वैधानिक छंटनी मुआवजा देना और सरकार को सूचित करना अनिवार्य है। लेकिन टीसीएस ने इनमें से किसी भी नियम का पालन नहीं किया है।
एनआईटीईएस के अध्यक्ष हरप्रीत सिंह सलूजा ने टीसीएस के इस कदम को 'कॉरपोरेट शब्दाडंबर में छिपी सामूहिक बर्खास्तगी' बताते हुए कहा कि यदि टीसीएस जैसी बड़ी कंपनी को उचित प्रक्रिया के बगैर बड़े पैमाने पर छंटनी करने की अनुमति दी जाती है, तो यह उद्योग के लिए एक खतरनाक मिसाल कायम करेगा।
एनआईटीईएस ने सरकार से इस मामले का तत्काल संज्ञान लेने, टीसीएस को नोटिस जारी करने, सभी छंटनी रोकने का आग्रह किया है।
इसके पहले रविवार को टीसीएस ने कहा था कि छंटनी का फैसला ‘भविष्य के लिए तैयार संगठन’ बनने की उसकी रणनीति का हिस्सा है। इसके केंद्र में प्रौद्योगिकी, कृत्रिम मेधा (एआई) को अपनाना, बाजार विस्तार और कार्यबल पुनर्गठन में निवेश है।
टीसीएस ने छंटनी का शिकार होने वाले कर्मचारियों को उचित लाभ देने, नई नौकरी तलाशने में सहयोग देने, परामर्श और समर्थन देने की बात भी कही है।
भाषा प्रेम प्रेम