सरस्वती में शेयर का हस्तांतरण कभी पूरा नहीं हुआ: शर्मिला के खिलाफ जगन की याचिका पर एनसीएलटी
नरेश
- 30 Jul 2025, 01:20 PM
- Updated: 01:20 PM
हैदराबाद, 30 जुलाई (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की हैदराबाद पीठ ने कहा है कि आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी ने सरस्वती पावर एंड इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड में अपने और अपनी पत्नी के शेयर को अपनी मां व बहन को उपहार में देने पर सहमति व्यक्त की थी, लेकिन शेयर का वास्तविक हस्तांतरण कभी पूरा नहीं हुआ।
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की हैदराबाद पीठ ने जगन की याचिका मंगलवार को स्वीकार करके उनके पक्ष में निर्देश जारी किए थे।
जगन ने तीन सितंबर 2024 को दाखिल याचिका में सरस्वती पावर एंड इंडस्ट्रीज में उनके तथा उनकी पत्नी भारती के शेयर को उनकी बहन वाई. एस. शर्मिला और मां विजयम्मा के नाम पर किए गए ‘‘अवैध हस्तांतरण’’ को रद्द करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।
न्यायिक सदस्य राजीव भारद्वाज और तकनीकी सदस्य संजय पुरी की पीठ ने अपने आदेश में सरस्वती पावर को निर्देश दिया कि वह अपने सदस्यों के रजिस्टर में सुधार करते हुए जगन, भारती और विजयम्मा के नाम शेयरधारकों के रूप में बहाल करे और उचित प्रक्रिया के माध्यम से कंपनी रजिस्ट्रार (आरओसी) को इसकी सूचना दे।
जगन, भारती और विजयम्मा के पास सरस्वती पावर में क्रमशः 74.26 लाख (29.88 प्रतिशत), 41 लाख (16.30 प्रतिशत) और 1.22 करोड़ शेयर (48.99 प्रतिशत) हैं, जबकि शेष शेयर क्लासिक रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड के पास हैं।
आदेश में कहा गया, ‘‘ ये (उपहार) औपचारिक रूप से निष्पादित किए गए प्रतीत होते हैं, लेकिन दानकर्ताओं द्वारा मूल शेयर प्रमाणपत्र न भेजे जाने के कारण इच्छित हस्तांतरण कभी भी कानूनी रूप से पूरा नहीं हुआ जो शेयर के वैध हस्तांतरण के लिए एक आवश्यक शर्त है। इसके अभाव में कंपनी को उन लोगों के नाम पर शेयर को कानूनी रूप से पंजीकृत करने से रोक दिया गया जिन्हें ये शेयर हस्तांतरित किए जाने थे।’’
याचिका में जगन ने कहा था कि उन्होंने शर्मिला के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया था जिसमें उन्होंने कहा है कि ‘‘ प्यार एवं स्नेह के कारण’’ वह कंपनी में अपने और अपनी पत्नी के शेयर को एक उपहार स्वरूप अपनी अलग हो चुकी बहन को हस्तांतरित करेंगे। हालांकि, यह प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कुर्की सहित कुछ संपत्तियों के संबंध में लंबित मामलों के अधीन है।
उन्होंने हालांकि बाद में समझौता ज्ञापन रद्द करने की इच्छा व्यक्त करते हुए कहा था कि दोनों भाई-बहनों के बीच अब अच्छे संबंध नहीं हैं।
अपने भाई के साथ मतभेद के बाद शर्मिला 2023 में कांग्रेस में शामिल हो गई थीं। उन्हें आंध्र प्रदेश की कांग्रेस इकाई का अध्यक्ष बनाया गया। मई 2024 के आम चुनाव में शर्मिला ने कडप्पा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
भाषा निहारिका नरेश
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