झामुमो संस्थापक शिबू सोरेन का निधन, राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री समेत कई नेताओं ने जताया शोक
गोला माधव
- 04 Aug 2025, 04:23 PM
- Updated: 04:23 PM
(तस्वीरों के साथ)
रांची/नयी दिल्ली, चार अगस्त (भाषा) झारखंड के गठन में अहम भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ आदिवासी नेता एवं झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक शिबू सोरेन ने सोमवार को अंतिम सांस ली। वह 81 वर्ष के थे।
उनके बेटे और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निधन की जानकारी दी।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन गुर्दे संबंधी समस्याओं के कारण एक महीने से ज्यादा समय से दिल्ली के एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहे थे।
हेमंत सोरेन ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सबको छोड़कर चले गए... मैं आज ‘शून्य’ हो गया हूं।’’
झारखंड विधानसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया, जबकि राज्य सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री के निधन के बाद तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया।
देशभर से विभिन्न नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है।
झामुमो ने बताया कि शिबू सोरेन का पार्थिव शरीर शाम साढ़े पांच बजे दिल्ली से रांची लाया जाएगा।
पार्टी ने बताया कि उनका पार्थिव शरीर मंगलवार को रामगढ़ जिले में उनके पैतृक गांव ले जाया जाएगा और वहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री के सम्मान में झारखंड विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई।
सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने कहा, ‘‘दिशोम गुरु शिबू सोरेन आज स्वर्ग सिधार गए... उनका निधन न केवल झारखंड के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है... वह गरीबों के लिए अपनी लड़ाई के लिए जाने जाते थे...।’’
झारखंड विधानसभा का पांच दिवसीय मानसून सत्र एक अगस्त से शुरू हुआ था।
झारखंड सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के सम्मान में तीन दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, सरकार ने इस अवधि के दौरान अपने सभी निर्धारित कार्यक्रम भी रद्द कर दिए हैं। राज्य सरकार के सभी कार्यालय चार और पांच अगस्त को बंद रहेंगे।
शिबू सोरेन का सर गंगा राम अस्पताल के ‘नेफ्रोलॉजी’ विभाग के अध्यक्ष डॉ. ए. के. भल्ला की निगरानी में 19 जून से उपचार किया जा रहा था।
डॉ. भल्ला ने बताया कि शिबू सोरेन को सुबह आठ बजकर 56 मिनट पर मृत घोषित कर दिया गया।
डॉक्टर ने कहा, ‘‘वह गुर्दे की बीमारियों से पीड़ित थे और उन्हें डेढ़ महीने पहले दौरा भी पड़ा था। वह पिछले एक महीने से जीवन रक्षक प्रणाली पर थे।’’
अस्पताल ने एक बयान में कहा, ‘‘हमारी बहु-विषयक चिकित्सा टीम के अथक प्रयासों के बावजूद, शिबू सोरेन का चार अगस्त, 2025 को निधन हो गया। उनके अंतिम सांस लेने के दौरान उनका परिवार उनके पास मौजूद था।’’
शिबू सोरेन पिछले 38 वर्षों से झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता थे और पार्टी के संस्थापक संरक्षक भी थे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शिबू सोरेन के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि उनका निधन सामाजिक न्याय के क्षेत्र में एक बड़ी क्षति है।
मुर्मू ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘श्री शिबू सोरेन जी का निधन सामाजिक न्याय के क्षेत्र में एक बड़ी क्षति है। उन्होंने आदिवासी पहचान और झारखंड राज्य के गठन के लिए संघर्ष किया।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि शिबू सोरेन जनजातीय समुदायों, गरीबों और वंचितों को सशक्त बनाने को लेकर प्रतिबद्ध थे।
उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘शिबू सोरेन जी एक जमीनी नेता थे जो लोगों के प्रति अटूट समर्पण के कारण जननेता बने। वे जनजातीय समुदायों, गरीबों और वंचितों को सशक्त बनाने के लिए विशेष रूप से समर्पित थे।’’
मोदी ने कहा, ‘‘उनके निधन से बहुत दुःख हुआ। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी से बात की और संवेदना व्यक्त की। ओम शांति।’’
प्रधानमंत्री मोदी, शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि देने के लिए अस्पताल भी गए।
मोदी ने शिबू सोरेन के बेटे और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बात कर अपनी संवेदना व्यक्त की।
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘श्री शिबू सोरेन जी को श्रद्धांजलि देने के लिए सर गंगा राम अस्पताल गया। उनके परिवार से भी मुलाकात की। हेमंत जी, कल्पना जी और श्री शिबू सोरेन जी के प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।’’
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘श्री शिबू सोरेन जी के निधन से गहरा दुख हुआ है। वह भारतीय राजनीति के एक प्रमुख चेहरे थे, जिन्होंने अपना जीवन हाशिए पर पड़े लोगों के उत्थान और झारखंड की पहचान बनाने के लिए समर्पित कर दिया। उनकी विरासत पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। उनके परिवार और अनगिनत प्रशंसकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। ओम शांति।’’
झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार और विभिन्न दलों के नेताओं ने झामुमो संरक्षक के निधन पर शोक जताया है।
गंगवार ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी का निधन अत्यंत दुखद और पीड़ादायक है। वह आदिवासी अस्मिता और अधिकारों की एक सशक्त आवाज थे। समाज के लिए उनका योगदान अविस्मरणीय रहेगा। शोक संतप्त परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं।’’
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के झारखंड इकाई के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि शिबू सोरेन एक नेता होने के साथ-साथ एक समाज सुधारक भी थे।
मरांडी ने कहा, ‘‘अपने शुरुआती जीवन में उन्होंने साहूकारों के खिलाफ मुहिम छेड़ी थी और शराबबंदी के लिए भी संघर्ष किया था। इन दोनों आंदोलनों के लिए उन्हें भारी समर्थन मिला था।’’
उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, तमिलनाडु, मेघालय और तेलंगाना के मुख्यमंत्रियों क्रमश: योगी आदित्यनाथ, ममता बनर्जी, नीतीश कुमार, मोहन चरण माझी, एम के स्टालिन, सी. के. संगना और ए. रेवंत रेड्डी ने भी शिबू सोरेन के निधन पर शोक जताया।
कांग्रेस नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा, ‘‘वह गरीबों, दलितों और राज्य की जनता की आवाज थे। झारखंड को आज एक अपूरणीय क्षति पहुंची है।’’
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने कहा कि ‘गुरुजी’ उनके लिए पिता तुल्य थे और उनके निधन से एक शून्य पैदा हो गया है।
दास ने कहा, ‘‘गुरुजी मेरे लिए पिता तुल्य थे। मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है। मैं उनके मंत्रिमंडल में मंत्री था। उन्होंने हमेशा शोषितों, वंचितों और आदिवासियों के लिए संघर्ष किया। उन्होंने सादा जीवन जिया। झारखंड के लिए उनकी क्षति अपूरणीय है। गुरुजी को हमेशा याद रखा जाएगा।’’
शिबू सोरेन के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए भाजपा विधायक पूर्णिमा दास ने कहा, ‘‘आदरणीय दिशोम गुरु का झारखंड में बड़ा योगदान था। मेरे ससुर (पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास) का उनसे लंबा जुड़ाव था। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।’’
शिबू सोरेन के करीबी रहे पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा, ‘‘दिशोम गुरु आदरणीय शिबू सोरेन जी के निधन की खबर सुनकर मर्माहत हूं। मरांग बुरु दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें। यह एक युग का अंत है। झारखंड आंदोलन के दौरान पहाड़ों, जंगलों और सुदूर गांवों से लेकर विधानसभा तक आपके साथ बिताए पल मुझे याद हैं।’’
कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि अलग झारखंड का सपना शिबू सोरेन के संघर्ष के कारण ही साकार हुआ।
भाषा
गोला