सिराज के जादुई स्पैल से भारत ने इंग्लैंड को हराकर श्रृंखला बराबर की
सुधीर मोना
- 04 Aug 2025, 05:19 PM
- Updated: 05:19 PM
(तस्वीरों के साथ)
लंदन, चार अगस्त (भाषा) इंग्लैंड को आखिरी दिन सिर्फ 35 रन चाहिये थे और भारत को लेने थे चार विकेट । कइयों को भरोसा नहीं था कि भारतीय टीम इस मुकाम से मैच जीत लेगी लेकिन मोहम्मद सिराज कुछ और सोचकर आये थे और उन्होंने वह कर दिखाया जो क्रिकेटप्रेमी बरसों तक याद रखेंगे ।
चार में से तीन विकेट चटकाकर सिराज ने भारत को छह रन से चमत्कारिक जीत और श्रृंखला में बराबरी दिलाई । इसके साथ ही पिछले कुछ अर्से की सबसे कड़ी और नाटकीय श्रृंखला में से एक का शानदार अंत हुआ।
मैच के आखिरी दिन सुबह अपने फोन पर ‘बिलीव’ इमोजी वॉलपेपर लगाने वाले सिराज ने 30 . 1 ओवर में 104 रन देकर पांच विकेट लिये ।
दूसरे छोर पर प्रसिद्ध कृष्णा (126 रन पर चार विकेट) ने भी उनका साथ बखूबी निभाया और अंतत: इंग्लैंड की टीम 374 रन के लक्ष्य से दूर रह गई और भारत ने पांच मैच की श्रृंखला 2-2 से बराबर कर दी।
चौथे दिन थोड़ी देर की बारिश के बाद समय से पहले दिन का खेल खत्म करने के फैसले पर स्टुअर्ट ब्रॉड और माइकल वॉन जैसे पूर्व खिलाड़ियों ने सवाल उठाए थे लेकिन यह उचित ही लगा कि बेहद कड़ी श्रृंखला का निर्णायक मैच भी बाकी चार मुकाबलों की तरह आखिरी दिन तक चला।
दिन की शुरुआत तेज धूप के साथ हुई लेकिन खेल शुरू होने से दो घंटे पहले साफ आसमान को काले बादलों को घेर लिया जिससे भारत और उनके प्रशंसकों की उम्मीदें और जग गई। पांचवें दिन द ओवल दर्शकों से खचाखच भरा था और 25 पाउंड के बावजूद 27,500 दर्शकों की क्षमता वाला स्टेडियम तुरंत भर गया।
मैच शुरू होने से पहले भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर के साथ अपनी बहस के लिए सुर्खियां बटोरने वाले मैदान के मुख्य क्यूरेटर ली फोर्टिस ने सुबह आखिरी बार भारी रोलर का इस्तेमाल किया जिससे आमतौर पर खेल के शुरुआती 30 मिनट में बल्लेबाजी थोड़ी आसान हो जाती है।
जब खेल शुरू हुआ तो भारत को 22 गेंद के बाद नई गेंद मिली थी लेकिन इंग्लैंड ने उम्मीद के मुताबिक शुरुआत से ही आक्रामक रुख अपनाया।
प्रसिद्ध कृष्णा के 23वें ओवर की चार गेंद बाकी थी और उन्हें शुरुआत शॉर्ट गेंद के साथ की जिसे जेमी ओवरटन (09) ने बाउंड्री के दर्शन कराए। अगली गेंद पर अंदरूनी किनारे से चौका लगा जिससे इंग्लैंड को मैच जीतने के लिए सिर्फ 27 रन की जरूरत थी।
सिराज ने इसके बाद पवेलियन छोर गेंदबाजी का जिम्मा संभाला और पुरानी गेंद से कहर बरपाया। उन्होंने खतरनाक जेमी स्मिथ (02) को तीसरी ही गेंद पर विकेटकीपर ध्रुव जुरेल के हाथों कैच कराया जिससे स्टेडियम में मौजूद भारतीय प्रशंसक एक साथ खुशी से झूम उठे।
अगली गेंद पर गस एटकिंसन (17) भाग्यशाली रहे कि गेंद उनके बल्ले से टकराने के बाद स्लिप में लोकेश राहुल के हाथों तक नहीं पहुंची।
अपने अगले ओवर में सिराज ने ओवरटन को तेजी से अंदर आती गेंद पर पगबाधा किया। सिराज ने डीआरएस का सहारा लिया लेकिन अंपायर्स कॉल के कारण उन्हें वापस पवेलियन लौटना पड़ा।
प्रसिद्ध ने इसके बाद जोश टंग (00) को फुल लेंथ की गेंद पर बोल्ड करके इंग्लैंड का स्कोर नौ विकेट पर 350 रन किया।
ऋषभ पंत पिछले मैच में जहां भारत के लिए पैर में फ्रेक्चर के बावजूद बल्लेबाजी के लिए उतरे तो इस मैच में क्रिस वोक्स ने कंधे की चोट के एक हाथ से बल्लेबाजी के लिए उतरकर सभी का सम्मान हासिल किया।
अदम्य साहस का वह क्षण 1963 की याद दिलाता है जब कॉलिन काउड्रे टूटे हुए हाथ के साथ बल्लेबाजी करने आए थे और उन्होंने इंग्लैंड को वेस्टइंडीज के खिलाफ ड्रॉ कराने में मदद की थी।
वोक्स बल्लेबाजी करने की स्थिति में नहीं थे इसलिए एटकिंसन के पास बड़े शॉट खेलने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
एटकिंसन ने लॉन्ग ऑन बाउंड्री को निशाना बनाया और आकाश दीप की ओर हवा में शॉट खेला जिन्होंने गेंद तक पहुंचने में सफल तो रहे लेकिन उनके हाथ से टकराकर गेंद सीमा रेखा के पार छह रन के लिए चली गई।
जल्द ही लक्ष्य एकल अंक में पहुंच गया। एटकिंसन ने दो बार अंतिम गेंद पर रन लेकर स्ट्राइक अपने पास रखी लेकिन अंतत: सिराज ने यॉर्कर पर उनका स्टंप उखाड़कर श्रृंखला का अविश्वसनीय अंत किया।
भाषा सुधीर