पंजाब की पंचायतों ने विवादों और झगड़ों का हवाला देते हुए एक ही गांव में विवाह का विरोध किया
शुभम नरेश
- 04 Aug 2025, 06:33 PM
- Updated: 06:33 PM
चंडीगढ़, चार अगस्त (भाषा) पंजाब में कुछ ग्राम पंचायतें प्रेम विवाहों का कड़ा विरोध कर रही हैं, खासकर यदि युगल एक ही गांव से हों।
कई लोगों ने एक ही गांव के पुरुषों और महिलाओं के बीच विवाह के खिलाफ फरमान जारी कर दिए हैं या ऐसे जोड़ों और उनके परिवारों के सामाजिक बहिष्कार की घोषणा कर दी है।
वे इस निर्णय के पीछे हिंसक विवाद, पारिवारिक झगड़े और सामाजिक सद्भाव में व्यवधान को कारण मानते हैं।
पिछले कुछ दिनों में फरीदकोट जिले की सिरसारी और अनोखपुरा पंचायतों, मोहाली जिले की मानकपुर शरीफ पंचायत और मोगा जिले की घाल कलां पंचायत ने एक ही गांव के लोगों के बीच विवाह के खिलाफ प्रस्ताव पारित किए हैं।
घाल कलां गांव की एक महिला पर पिछले महीने कथित तौर पर तब हमला किया गया जब उसका बेटा गांव की एक लड़की के साथ भाग गया।
जसबीर कौर के बेटे ने मई में शादी की थी, जिसके बाद परिवार को घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। 21 जुलाई को जब कौर घाल कलां लौटीं, तो लड़की के परिवार की दो महिलाओं ने कथित तौर पर उनके साथ मारपीट की। पंजाब राज्य महिला आयोग के हस्तक्षेप के बाद मामला दर्ज किया गया।
घाल कलां गांव की पंचायत ने पहले एक ही गांव में विवाह के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर चेतावनी दी थी कि ऐसे जोड़ों और उनके परिवारों का बहिष्कार किया जाएगा।
मोहाली जिले की मानकपुर शरीफ पंचायत ने 31 जुलाई को इसी प्रकार का प्रस्ताव पारित किया था।
प्रस्ताव में कहा गया है, "यदि कोई लड़का या लड़की अपने परिवार की मंजूरी के बिना कोर्ट मैरिज करते हैं तो उन्हें मानकपुर शरीफ या आसपास के गांवों में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी।" प्रस्ताव में आगे कहा गया है, "यदि कोई परिवार का सदस्य या ग्रामीण जोड़े की मदद करते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"
यह प्रस्ताव उस समय पारित किया गया जब गांव के एक जोड़े ने लड़की के परिवार की इच्छा के विरुद्ध भागकर शादी कर ली।
सरपंच दलवीर सिंह ने कहा कि गांव में सद्भाव बनाए रखने के उपाय के रूप में यह प्रस्ताव "सर्वसम्मति से" पारित किया गया।
पटियाला के नाभा स्थित गलवट्टी गांव में 2016 में भागकर शादी करने वाले एक जोड़े को बहिष्कार का सामना करना पड़ा। तरनजीत सिंह (जिसने दिलप्रीत कौर से शादी की थी और जिसके दो बच्चे हैं) छह महीने पहले ही गांव लौटा था।
पंचायत ने दम्पति के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया।
तरनजीत सिंह ने कहा, "हम इस समय गलवट्टी में रह रहे हैं। गांव वालों का कहना है कि हम यहां नहीं रह सकते, उन्होंने हमें यहां से जाने को कहा है। हमें जबरन बाहर निकालने के लिए एक अवैध प्रस्ताव पारित किया गया है। हमने इसके खिलाफ अदालत में मामला दायर किया है। अगर हमें न्याय नहीं मिला तो हम उच्च न्यायालय जाएंगे।"
कुछ दिन पहले फरीदकोट जिले की सिरसारी और अनोखपुरा पंचायतों ने भी संयुक्त रूप से एक गांव के भीतर लोगों के बीच विवाह के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था। इसमें कहा गया था कि ऐसी शादियों से कभी-कभी हिंसक विवाद पैदा होते हैं तथा सामाजिक सद्भाव भी प्रभावित होता है।
प्रस्तावों में कहा गया है कि अगर ऐसी शादियां हुईं तो पूरी ग्राम पंचायत और स्थानीय निवासी उस जोड़े का बहिष्कार करेंगे। प्रस्तावों में उन घटनाओं पर भी चिंता व्यक्त की गई है जहां विवाहित महिलाएं उसी गांव के पुरुषों के साथ भाग गई हैं।
ग्राम पंचायतों ने यह भी मांग की कि राज्य सरकार एक ही गांव में विवाह पर प्रतिबंध लगाए तथा इस मामले पर प्राथमिकता के आधार पर विधानसभा में चर्चा करे।
भाषा
शुभम