राजस्थान: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अतिवृष्टि और जलभराव प्रभावित इलाकों का किया हवाई सर्वेक्षण
पृथ्वी राजकुमार
- 04 Aug 2025, 07:31 PM
- Updated: 07:31 PM
जयपुर, चार अगस्त (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को सवाई माधोपुर, करौली एवं धौलपुर जिलों में अतिवृष्टि और जलभराव से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने आपदा राहत कार्यों की समीक्षा कर प्रभावितों को सभी जरूरी सहायता तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
उन्होंने सवाई माधोपुर जिले के चक चैनपुरा, करौली जिले के मण्डरायल एवं धौलपुर जिले के बिश्नोदा में प्रभावित लोगों से संवाद कर उनकी समस्याएं जानी तथा संबंधित अधिकारियों को आपदा राहत कार्य मुस्तैदी से किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने सवाई माधोपुर जिले के भारी बारिश से प्रभावित गांवों-- चकेरी, जडावता, अजनोटी, मेनपुरा, धनोली, सूरवाल एवं खण्डार की क्षतिग्रस्त बोदल पुलिया, करौली जिले के अतिवृष्टि प्रभावित गांवों-- कसेड़, केमकछ, टोड़ी, मल्हापुरां, रांचौली, रहुघाट, मण्डरायल तथा धौलपुर जिले के राजाखेड़ा उपखंड के अतिवृष्टि प्रभावित गांवों-- कठूमरा, महमदपुरा, बक्सपुरा, चीलपुरा, चाडियान का पुरा, गढ़ी जाफर, बसई घीयाराम, अंधियारी के साथ ही निभी का ताल एवं उर्मिला सागर बांध (बाड़ी) का हवाई सर्वेक्षण कर अतिवृष्टि से नुकसान का जायजा लिया।
आधिकारिक बयान के अनुसार शर्मा प्रभावित लोगों से संवाद करते हुए कहा कि राज्य सरकार इस कठिन समय में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और उनकी हरसंभव मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष असामान्य और अत्यधिक वर्षा के कारण उत्पन्न हालात पर राज्य सरकार लगातार नजर बनाए हुए है।
उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर, स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों से नियमित रूप से बैठक कर फीडबैक लिया जा रहा है।
शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्कूल, आंगनबाड़ी, अस्पताल और सड़कों की मरम्मत के काम प्राथमिकता से पूरे करवाए जाएं।
मुख्यमंत्री का कहना था कि फसल नुकसान की भरपाई हेतु गिरदावरी आकलन की कार्रवाई शीघ्र पूरी की जाए। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में तत्परता बरतते हुए बुनियादी सुविधाओं जैसे बिजली, सड़क एवं संचार व्यवस्था को जल्द से जल्द बहाल किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बारिश और बाढ़ से हर साल होने वाली समस्याओं के दीर्घकालिक समाधान की दिशा में भी कार्य कर रही है तथा जल निकासी, नालों की सफाई और बाढ़ रोकथाम हेतु बुनियादी ढांचा सुदृढ़ करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि चंबल नदी के किनारे बसे जिन गांवों में अतिवृष्टि होने पर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है, वहां स्थायी समाधान की दिशा में प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।
राज्य के अतिवृष्टि एवं जलभराव वाले क्षेत्रों में नागरिक सुरक्षा एवं आपदा राहत बलों की टीम निरंतर काम कर रही हैं। धौलपुर जिले में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए एवं राहत बचाव कार्य के लिए राज्य आपदा मोचन बदल (एसडीआरएफ) की दो टीम राजाखेडा एवं 1-1 टीम धौलपुर एवं सरमथुरा उपखण्डों में तैनात की गई हैं।
इसी तरह राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक टीम धौलपुर मुख्यालय पर तैनात है। राहत और बचाव कार्यों के लिए धौलपुर में सेना के एक दल को भी बुलाया गया था। इन क्षेत्रों के प्रभावित गांवों में से 2700 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। सवाई माधोपुर में भी बचाव दल द्वारा लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है।
भाषा पृथ्वी