महुआ मोइत्रा से तकरार के बीच तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक का पद छोड़ा
अमित प्रशांत
- 04 Aug 2025, 08:03 PM
- Updated: 08:03 PM
कोलकाता, चार अगस्त (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद कल्याण बनर्जी ने सोमवार को लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा दे दिया। बनर्जी ने आरोप लगाया कि सांसदों के बीच समन्वय की कमी के लिए उन्हें गलत तरीके से दोषी ठहराया जा रहा है, जबकि कुछ सांसद संसद में बमुश्किल ही आते हैं।
कल्याण बनर्जी ने यह कदम पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी की अध्यक्षता में तृणमूल सांसदों की डिजिटल तरीके से आयोजित एक बैठक के कुछ घंटे बाद उठाया। बैठक के दौरान ममता बनर्जी ने कथित तौर पर पार्टी के संसदीय दल में खराब समन्वय पर नाराजगी जतायी।
बनर्जी ने एक समाचार चैनल से कहा, ‘‘मैंने लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक का पद छोड़ दिया है, क्योंकि 'दीदी' (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी) ने डिजिटल बैठक के दौरान कहा था कि पार्टी सांसदों के बीच समन्वय की कमी है। इसलिए दोष मुझ पर है। इसलिए, मैंने पद छोड़ने का फैसला किया है।’’
श्रीरामपुर से चार बार के सांसद कल्याण बनर्जी एक वरिष्ठ अधिवक्ता भी हैं। उन्होंने कहा कि वह इस बात से अपमानित महसूस कर रहे हैं कि अनुशासनहीनता और कम उपस्थिति के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने की बजाय पार्टी उन्हें ही दोषी ठहरा रही है।
कल्याण बनर्जी ने कहा, ‘‘ममता बनर्जी ने जिन्हें सांसद बनाया है, वे लोकसभा आते भी नहीं हैं। दक्षिण कोलकाता, बैरकपुर, बांकुड़ा, उत्तर कोलकाता के तृणमूल सांसदों में से शायद ही कोई संसद आता है। मैं क्या कर सकता हूं? मेरा क्या कसूर है? मुझे ही हर चीज के लिए दोषी ठहराया जा रहा है।’’
सूत्रों ने बताया कि कृष्णानगर से तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा के साथ उनकी कथित तकरार और पूर्व क्रिकेटर एवं पार्टी सांसद कीर्ति आजाद के साथ सार्वजनिक रूप से हुई बहस की वजह से पार्टी अजीब स्थिति का सामना कर रही थी।
ऐसा माना जा रहा है कि विशेष तौर पर मोइत्रा के साथ हालिया तकरार ने तृणमूल को पार्टी की रणनीति टीम के पुनर्गठन के लिए प्रेरित किया।
भावुक होते हुए बनर्जी ने कहा कि वह एक साथी सांसद द्वारा उनके "अपमान" पर पार्टी की चुप्पी से बहुत आहत हैं। उनका इशारा परोक्ष तौर पर मोइत्रा की ओर था।
नब्बे के दशक के उत्तरार्ध से तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी के साथ रहे वरिष्ठ नेता कल्याण बनर्जी ने कहा, "दीदी कहती हैं कि लोकसभा सदस्य लड़ रहे हैं और झगड़ा कर रहे हैं...क्या मुझे उन लोगों को बर्दाश्त करना चाहिए जो मुझे अपशब्द कहते हैं? मैंने पार्टी को सूचित किया, लेकिन मेरा अपमान करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय, वे मुझे ही दोषी ठहरा रहे हैं। ममता बनर्जी जिस तरीके से चाहें पार्टी को चलायें।’’
उन्होंने पार्टी के आंतरिक मामलों पर अपनी असहमति व्यक्त करते हुए कहा, "मैं इतना क्षुब्ध हूं कि मैं राजनीति छोड़ने के बारे में भी सोच रहा हूं।’’
हालांकि, देर शाम के घटनाक्रम में कल्याण बनर्जी ने कहा कि उन्हें तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी का फोन आया, जिन्होंने उनसे कुछ और दिनों के लिए मुख्य सचेतक के रूप में काम जारी रखने का अनुरोध किया।
कल्याण बनर्जी ने कहा, "कुछ ही मिनट पहले अभिषेक बनर्जी ने मुझे फ़ोन किया और कहा कि मुझे कुछ और दिन काम करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह सात अगस्त को मुझसे मिलेंगे और बात करेंगे।’’
सोमवार को डिजिटल तरीके से आयोजित तृणमूल की बैठक में लोकसभा और राज्यसभा दोनों के पार्टी सदस्यों ने भाग लिया।
तृणमूल के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, ममता बनर्जी ने स्पष्ट किया कि सांसदों के बीच गुटबाजी “अस्वीकार्य” है और कहा कि पार्टी को संसद में एकता प्रदर्शित करनी चाहिए।
हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन कई सांसदों का मानना है कि उनकी टिप्पणी महुआ मोइत्रा और कल्याण बनर्जी पर लक्षित थी, जिनके बीच सार्वजनिक विवाद हाल ही में सुर्खियों में रहा था।
भाषा अमित