छत्तीसगढ़ में अलग-अलग जगहों पर पांच बच्चों की पानी में डूबने से मौत
खारी
- 04 Aug 2025, 09:30 PM
- Updated: 09:30 PM
मोहला/जगदलपुर, चार अगस्त (भाषा) छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों में पानी में डूबने से पांच बच्चों की मौत हो गई। पुलिस अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि रविवार को राज्य के मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के छछानपहरी गांव के एक तालाब में डूबने से तीन बच्चों की तथा बस्तर जिले के हजारीगुड़ा गांव की एक खाली पत्थर खदान में डूबने से दो बच्चों की मौत हो गई।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बच्चों की मौत पर दुख व्यक्त किया है तथा अधिकारियों को प्रत्येक मृतक के परिजनों को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है।
छछानपहरी गांव के सरपंच पंचराम चंद्रवंशी ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार गांव के छह से सात वर्ष के बच्चे नव्यांश कुमार, हिमांशु साहू और लक्ष्य रविवार शाम खेलते हुए तालाब के किनारे गए थे और जब बच्चे देर तक घर नहीं लौटे तो उनके परिवार के सदस्यों ने उनकी तलाश शुरू की।
उन्होंने बताया कि तलाश के दौरान कुछ ग्रामीणों ने तालाब के किनारे बच्चों के कपड़े देखे।
चंद्रवंशी ने बताया, ‘‘जब परिजनों को घटना की जानकारी मिली तब उन्होंने अन्य ग्रामीणों को वहां बुलाया और बच्चों को तालाब से बाहर निकाला गया। परिजन बच्चों को लेकर अंबागढ़ चौकी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे जहां चिकित्सकों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया।’’
उन्होंने बताया कि सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद गांव में ही तीनों बच्चों का अंतिम संस्कार किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि एक अन्य घटना में बस्तर जिले के हजारीगुड़ा गांव के खाली पड़ी पत्थर खदान में पानी में डूबने से दो बच्चों की मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है तथा मामलों की जांच की जा रही है।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी क्षेत्र और जगदलपुर में पांच बच्चों की डूबने से हुई मृत्यु पर शोक जताया है।
साय ने इस घटना को अत्यंत पीड़ादायक बताते हुए दिवंगत आत्माओं की शांति और शोक संतप्त परिजनों को इस दुःखद घड़ी को सहन करने की शक्ति प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार इस कठिन समय में पीड़ित परिवारों के साथ है।
उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि पीड़ित परिवारों को शासन के नियमानुसार चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि तत्काल प्रदान की जाए।
मुख्यमंत्री साय ने बरसात के मौसम में नदी-नालों और गहरे जल स्रोतों में बढ़ते जलस्तर और तेज प्रवाह को देखते हुए आम नागरिकों से विशेष सतर्कता बरतने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि विशेषकर बच्चों को ऐसे खतरनाक स्थलों के पास जाने से रोका जाए, जिससे इस प्रकार की दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सामाजिक जागरुकता बढ़ाने, जलभराव वाले स्थानों की पहचान कर चिन्हांकन करने तथा जोखिम वाले इलाकों में चेतावनी बोर्ड लगाने जैसे सतर्कता उपायों को प्राथमिकता के साथ लागू किए जाने के निर्देश दिए हैं।
भाषा सं संजीव