बिहार मंत्रिमंडल ने स्कूल शिक्षकों की भर्ती में अधिवास नीति को मंजूरी दी
सुरभि माधव
- 05 Aug 2025, 04:53 PM
- Updated: 04:53 PM
पटना, पांच अगस्त (भाषा) बिहार मंत्रिमंडल ने मंगलवार को शिक्षकों की भर्ती में अधिवास (डोमिसाइल) नीति लागू करने को मंजूरी दे दी जिससे राज्य के ‘‘मूल निवासियों’’ के लिए लगभग 85 प्रतिशत पद आरक्षित हो जाएंगे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को घोषणा की थी कि स्कूली शिक्षकों की भर्ती के लिए यह नीति लागू की जाएगी।
इस वर्ष के अंत में होने विधानसभा चुनाव से पहले इस फैसले को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
कैबिनेट सचिवालय के अतिरिक्त मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने कैबिनेट बैठक के बाद कहा, ‘‘शिक्षकों की भर्ती परीक्षाओं में राज्य के मूल निवासियों को वरीयता देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य के निवासियों के लिए पहले से ही 50 प्रतिशत से अधिक सीट आरक्षित हैं क्योंकि अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) और अत्यंत पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लगभग 50 प्रतिशत है, जबकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षित है।’’
सिद्धार्थ ने कहा कि 35 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हैं और सरकार पहले ही यह निर्णय ले चुकी है कि उस आरक्षण में केवल राज्य के निवासियों को ही जगह दी जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘शेष सीट में से 40 प्रतिशत अब बिहार के मूल निवासियों के लिए आरक्षित होंगी, जिन्होंने अपनी 10वीं और 12वीं कक्षा राज्य में ही पूरी की है। इस प्रकार मूल निवासियों के लिए आरक्षण प्रभावी रूप से 85 प्रतिशत से अधिक होगा।’’
राज्य ने हाल के दिनों में इस मुद्दे पर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन देखा है।
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने उनके राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सत्ता में आने पर ‘‘100 प्रतिशत अधिवास’’ का वादा किया था।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान भी अधिवास नीति के कार्यान्वयन की मांग के समर्थन में सामने आए।
बड़ी संख्या में युवाओं ने इस मुद्दे पर एक अगस्त को पटना में एक प्रदर्शन किया था।
मंत्रिमंडल ने सरकारी स्कूलों के 2,350 शारीरिक शिक्षा शिक्षकों के मानदेय को 8,000 रुपये से बढ़ाकर 16,000 रुपये प्रति माह बढ़ा दिया। उन्हें 400 रुपये की वार्षिक वृद्धि भी मिलेगी।
राजधानी में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में काम करने वाले 6,000 नाइट गार्ड के मानदेय को प्रति माह 6,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये करने के प्रस्ताव का भी अनुमोदन किया गया है।
सिद्धार्थ ने कहा, ‘‘शिक्षा विभाग में मध्याह्न भोजन कार्यक्रम के तहत काम करने वाले 2.18 लाख रसोइयों के मानदेय को दोगुना करने का निर्णय भी लिया गया। यह 1,650 रुपये से बढ़कर 3,300 रुपये प्रति माह हो गया था।’’
मंत्रिमंडल ने मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (एएसएचए) और ममता स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए प्रोत्साहन में वृद्धि को भी मंजूरी दी।
अधिकारी ने कहा, ‘‘आशा कार्यकर्ताओं को अब 1,000 रुपये के बजाय 3,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इसी तरह, ममता कार्यकर्ताओं को 300 रुपये के बजाय 600 रुपये प्रति आपूर्ति की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।’’
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिहार लोहिया स्वच्छ अभियान के तहत स्वच्छता श्रमिकों और पर्यवेक्षकों के लिए मासिक प्रोत्साहन को बढ़ाकर क्रमशः 5,000 रुपये और 9,000 रुपये तक करने को मंजूरी दी गई है।
मंत्रिमंडल ने राज्य के सभी पंचायतों में डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक डिजिटल लाइब्रेरी में आगंतुकों के लिए कम से कम 10 कंप्यूटर होंगे।
भाषा सुरभि