शिवसेना नेता पर गोलीबारी के मामले में अदालत ने भाजपा नेता गणपत गायकवाड़ की जमानत अर्जी खारिज की
यासिर सुरेश
- 05 Aug 2025, 05:49 PM
- Updated: 05:49 PM
मुंबई, पांच अगस्त (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने पिछले साल एक थाने के अंदर शिवसेना नेता महेश गायकवाड़ पर गोलीबारी करने के आरोप में गिरफ्तार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक गणपत गायकवाड़ को जमानत पर रिहाई का आदेश देने से मंगलवार को इनकार कर दिया।
अदालत ने कहा कि यह घटना चौंकाने वाली और सभ्य समाज में अस्वीकार्य है।
न्यायमूर्ति अमित बोरकर की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि मामला सिर्फ गोलीबारी तक ही सीमित नहीं था, बल्कि अभियोजन पक्ष का आरोप है कि इसके बाद भी पीड़ित के जिंदा बचने पर गणपत गायकवाड़ उसकी छाती पर बैठ गया और रिवॉल्वर के बट से उस पर हमला किया।
आदेश में कहा गया है, ‘‘अगर यह बात सच मानी जाए, तो यह न केवल हत्या की नीयत दिखाती है, बल्कि यह भी साफ करता है कि याचिकाकर्ता (गणपत गायकवाड़) जानलेवा नतीजे सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से तैयार था, चाहे जगह कोई भी हो और वहां पुलिस अधिकारी मौजूद हों या नहीं।’’
अदालत ने गणपत गायकवाड़ के ‘अंगरक्षक’ हर्षल केने तथा कुणाल दिलीप पाटिल और कथित तौर पर हमले में सहायता करने में सक्रिय रहे नागेश दीपक बादेराव की जमानत याचिका भी खारिज कर दी।
पीठ ने गणपत गायकवाड़ की जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा कि उनकी पत्नी वर्तमान में विधायक हैं, इसलिए उनका राजनीतिक कद और सत्ता से निकटता स्वाभाविक रूप से गवाहों पर भय और दबाव का माहौल पैदा कर सकती है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, पिछले साल दो फरवरी को दो प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक समूहों के सदस्य महाराष्ट्र के ठाणे जिले के उल्हासनगर में हिल लाइन थाने पर एकत्र हुए और एक-दूसरे के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने की मांग करने लगे।
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना के कल्याण अध्यक्ष महेश गायकवाड़ और दो अन्य नेता यहां वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक अनिल जगताप के केबिन में थे, तभी गणपत गायकवाड़ और उनके सहयोगी रात करीब साढ़े नौ बजे अंदर घुस आए।
इसके बाद दोनों गुटों में बहस होने पर हंगामा शुरू हो गया था।
भाषा यासिर