केजरीवाल ने जिसका उद्घाटन ब्रिटिशकालीन 'फांसी घर' के रूप में किया, वह टिफिन रूम था: विस अध्यक्ष
अमित अविनाश
- 05 Aug 2025, 09:40 PM
- Updated: 09:40 PM
नयी दिल्ली, पांच अगस्त (भाषा) दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच तब तीखी बहस छिड़ गई जब विधानसभाध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सदन को बताया कि 2022 में विधानसभा परिसर में जीर्णोद्धार के बाद जिसका उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा बड़े धूमधाम से किया गया था वह तथाकथित ब्रिटिशकालीन "फांसीघर" वास्तव में एक "टिफिन रूम" था।
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री प्रवेश वर्मा ने दिल्ली की पूर्ववर्ती आप सरकार पर तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया और कहा कि कमरे में लगी स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरें हटायी जाएंगी।
विधानसभा की कार्यवाही के दौरान गुप्ता ने एक नक्शे का हवाला दिया, जब दिल्ली विधानसभा भवन का निर्माण हुआ था और कहा कि विधानसभा परिसर से लालकिले तक सुरंग होने का दावा भी गलत है।
भाजपा ने सदन को ‘‘गुमराह’’ करने के लिए आप प्रमुख केजरीवाल से माफी की मांग की, जबकि आप विधायकों ने मुद्दा ऐसे समय उठाने पर विधानसभा अध्यक्ष से सवाल किया जब राष्ट्रीय राजधानी कई गंभीर समस्याओं से जूझ रही है।
सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गरमागरम बहस हुई और ब्रिटिश संसद के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी इस शोरगुल भरे दृश्य को देखा।
गुप्ता ने कहा कि मानचित्र से यह भी पता चलता है कि वर्तमान अध्यक्ष का कक्ष पहले सदस्यों का पुस्तकालय था और उपाध्यक्ष का कक्ष ब्रिटिश शासन के दौरान वायसराय का कक्ष था।
उन्होंने कहा कि नक्शे में पुराने समय में एक धूम्रपान कक्ष की मौजूदगी का भी संकेत मिलता है। उन्होंने 9 अगस्त 2022 को टिफिन रूम का "फांसीघर" के रूप में उद्घाटन करने के लिए पिछली आप सरकार की आलोचना की।
उन्होंने कहा, ‘‘इतिहासकारों के साथ एक बैठक भी हुई, जिसमें बताया गया कि तथाकथित फांसीघर और उससे जुड़ी संरचना वास्तव में टिफिन रूम और एक लिफ्ट थी। हमें उपलब्ध कराये गए राष्ट्रीय अभिलेखागार के दस्तावेजों से भी यह बात साबित हुई है।’’
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, "विधानसभा से लालकिले तक सुरंग होने का दावा भी गलत है। इतिहासकारों का कहना है कि पुराने समय में ऐसी इमारतों में भूमिगत ‘वेंटिलेशन डक्ट’ होते थे। पुराने संसद भवन में भी ऐसी जगह है।’’
भाजपा के मुख्य सचेतक अभय वर्मा ने कहा कि तथाकथित "फांसीघर" वास्तव में एक रस्सी से चलने वाली लिफ्ट प्रणाली थी जो "टिफिन रूम" के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले एक कक्ष से जुड़ी थी।
भाजपा विधायकों ने मांग की कि आप प्रमुख एवं दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल "झूठे दावों" से लोगों को "गुमराह" करने और इतिहास को "तोड़-मरोड़कर" पेश करने के लिए माफी मांगें। भाजपा विधायक अजय महावर ने इस मामले पर आम आदमी पार्टी (आप) के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने का प्रस्ताव रखा।
विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्षी आप सदस्यों से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा।
आप विधायक जरनैल सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा इतिहास को "तोड़-मरोड़कर" पेश करने की कोशिश कर रही है और विधानसभा परिसर में फांसीघर की मौजूदगी के दावे का बचाव करने के लिए ‘चैटजीपीटी’ का हवाला दिया।
विपक्ष की नेता आतिशी ने इस मुद्दे को उठाने की प्रासंगिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि दिल्ली के लोगों के सामने कई गंभीर समस्याएं हैं जिन पर सदन का ध्यान देने की आवश्यकता है।
दिल्ली के मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा, "तत्कालीन दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने इसकी खोज की थी और इसे फांसीघर बताया था। लेकिन यह हमारे द्वारा प्राप्त नक्शों के अनुरूप नहीं है।’’
गुप्ता ने कहा कि मामला आप सरकार से जुड़ा है।
बाद में, वर्मा ने कहा, "पिछली सरकार ने तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया। बिना किसी जांच-पड़ताल या दिल्ली अभिलेखागार या एएसआई से बातचीत किए, उन्होंने इसे फांसीघर का नाम दे दिया।’’
वर्मा ने कहा, ‘‘उन्होंने बहुत पैसा खर्च किया। हमारे अध्यक्ष महोदय ने इसकी जांच करवाई और पाया कि यह सच नहीं था। रस्सियां और जूते मिले थे। जूते मज़दूरों के हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे अध्यक्ष महोदय ने सभी तथ्य सुरक्षित रखे हैं। सभी नक्शे, तस्वीरें और दस्तावेज़ साबित करते हैं कि वहां कोई फांसीघर नहीं था, बल्कि एक लिफ़्ट थी। हम सब कुछ हटा देंगे और इसे वैसा कर देंगे जैसा वह था।’’
भाषा अमित