धराली में मची तबाही ने केदारनाथ, ऋषिगंगा आपदा की भयावह यादें ताजा कीं
दीप्ति जोहेब
- 05 Aug 2025, 07:50 PM
- Updated: 07:50 PM
उत्तरकाशी, पांच अगस्त (भाषा) उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली में मंगलवार दोपहर बादल फटने से मची भीषण तबाही ने 2013 की केदारनाथ और 2021 की ऋषिगंगा आपदा की भयावह यादें ताजा कर दीं।
केदारनाथ और ऋषिगंगा में आई बाढ़ की तरह ही धराली की खीरगंगा नदी में आया पानी और मलबे का विनाशकारी सैलाब कुछ क्षणों में ही बड़े-बड़े होटलों और मकानों को अपने साथ बहा ले गया और गंगोत्री धाम के रास्ते में स्थित खूबसूरत क्षेत्र पलक झपकते ही मलबे के ढेर के नीचे दब गया।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो में पानी की ऊंची लहरें उठती दिखाई दे रही हैं जिनकी चपेट में आकर मकान, होटल और अन्य इमारतें ढहती हुई दिख रही हैं।
एक अन्य वीडियो में कुछ लोग तेजी से आ रहे पानी के बहाव से अपनी जान बचाने का प्रयास करते हुए दिख रहे हैं, लेकिन पानी की लहरें उन्हें अपनी चपेट में ले लेती हैं।
धराली के पास स्थित प्रसिद्ध मुखबा गांव के लोग भी इस ह्रदयविदारक दृश्य को देखकर दहल गए।
मुखबा गांव के रहने वाले एक प्रत्यक्षदर्शी सुभाष चंद्र सेमवाल (60) ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में ऐसा भयावह दृश्य कभी नहीं देखा।
उन्होंने कहा कि दोपहर बाद जब वह आराम करने जा रहे थे कि तभी उन्हें तीव्र गति से पानी और पत्थरों के बहने की आवाज सुनाई दी, जिसे सुनकर वह और उनके परिवार के अन्य सदस्य बाहर निकल आए।
सेमवाल ने कहा, “जब हमने खीरगंगा में भारी मात्रा में पानी बहकर नीचे की ओर आते देखा तो हम सब पहले तो घबरा गए, फिर हमने धराली बाजार में रहने वाले लोगों को सतर्क करने के लिए सीटियां बजायीं और चिल्ला-चिल्ला कर उन्हें वहां से भागने को कहा।”
सेमवाल ने कहा कि उन लोगों की आवाज सुनकर कई लोग होटल से निकलकर भागे भी लेकिन बाढ़ का वेग इतना तेज था कि देखते ही देखते वे सब उसमें समा गए और सब कुछ वहीं दफन हो गया।
एक अन्य वीडियो में लोग अपने रिश्तेदारों का कुशलक्षेम जानने के लिए उन्हें फोन करते दिख रहे हैं। वीडियो में एक व्यक्ति को यह कहते हुए सुना गया, “सब कुछ खत्म हो गया।”
आपदा की सूचना मिलते ही मौके पर सबसे पहले सेना पहुंची और तुरंत राहत व बचाव कार्यों में जुट गयी।
जानकारी के अनुसार, सेना का हर्षिल कैंप घटनास्थल से केवल चार किलोमीटर दूर है और इस कारण सेना के करीब 150 जवान केवल 10 मिनट में ही वहां पहुंच गए और 20 लोगों को बचा लिया। कई जगह सेना के जवानों ने रस्सी के सहारे लोगों को खींचकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
सेना द्वारा सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए वीडियो में हर जगह मलबा दिखाई दे रहा है। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि लोगों को आपदाग्रस्त धराली से फिलहाल दूर रहने को कहा गया है।
एसडीआरएफ के सूत्रों ने बताया कि उनकी 50 जवानों की विशेषज्ञ टीम भी अपने आवश्यक उपकरणों जैसे ‘विक्टिम लोकेटिंग कैमरा’, ‘थमैल इमेजिंग कैमरा’, ‘कटिंग टूल्स’, ‘रोटरी हैमर’ के साथ राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई है ।
अधिकारियों के अनुसार, धराली के अलावा, हर्षिल में सेना के कैंप के पास एक और बादल फटने की घटना हुई है। हालांकि, उसमें हुए नुकसान के बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिली है।
भाषा दीप्ति