संसद में गतिरोध के बीच सरकार ने अपना विधायी एजेंडा आगे बढ़ाया
हक हक सुरेश
- 05 Aug 2025, 09:00 PM
- Updated: 09:00 PM
नयी दिल्ली, 5 अगस्त (भाषा) सरकार ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर संसद में लगातार जारी गतिरोध के बीच मंगलवार को अपने विधायी एजेंडे को आगे बढ़ाया और वह विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के बावजूद लोकसभा में एक विधेयक तथा राज्यसभा में दो संकल्पों को पारित करवाने में सफल रही।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने सोमवार को कहा था कि अगर विपक्ष संसद में गतिरोध पैदा करता रहा, तो सरकार अपने विधायी एजेंडे के लिए संसद की मंजूरी लेने के लिए मजबूर होगी।
लोकसभा ने मंगलवार को ‘गोवा राज्य, सभा निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जनजाति प्रतिनिधित्व का पुन: समायोजन विधेयक, 2024’ विधेयक को पारित कर दिया, जिसमें गोवा विधानसभा में एसटी समुदाय के लिए सीट आरक्षित करने का प्रावधान है।
सदन ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के बीच ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी प्रदान की। इसे पिछले साल पांच अगस्त को निचले सदन में प्रस्तुत किया गया था और दिसंबर में संसद के शीतकालीन सत्र में इस पर चर्चा हुई थी।
विधेयक पारित होने के बाद, अध्यक्ष संध्या रे ने विपक्षी सांसदों के लगातार विरोध प्रदर्शन के कारण कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
राज्यसभा की कार्यवाही पहली बार सुबह लगभग 11.45 बजे स्थगित हुई और इसे दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित किया गया।
अपराह्न दो बजे जब राज्यसभा की कार्यवाही फिर शुरू हुई, तो विपक्षी सांसद एसआईआर पर चर्चा की मांग को लेकर खड़े हो गए।
हंगामे के बीच, उपसभापति हरिवंश ने दो सांविधिक संकल्प सदन के विचार के लिए पेश करने को कहा। इनमें मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की अवधि छह महीने और बढ़ाने का प्रस्ताव भी शामिल था।
उन्होंने कहा कि यह एक संवैधानिक दायित्व है और सदन ने अब तक इस सत्र में केवल एक विधेयक पारित किया है।
सभापति ने विपक्षी नेताओं को सदन में पारित संकल्प के अलावा किसी अन्य मुद्दे पर चर्चा की अनुमति नहीं दी।
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने का प्रस्ताव और वित्त मंत्रालय द्वारा सीमा शुल्क अधिनियम, 1975 की दूसरी अनुसूची में संशोधन करने का प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
इसके बाद सभापति ने विरोध प्रदर्शन जारी रहने पर सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
बीते 21 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से दोनों सदनों में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा को छोड़कर संसद में सामान्य कामकाज बहुत कम हुआ है।
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