बारिश के बीच धराली में बचाव अभियान जारी, मलबे से एक शव निकाला गया
दीप्ति गोला
- 06 Aug 2025, 12:17 PM
- Updated: 12:17 PM
(तस्वीरों के साथ)
देहरादून, छह अगस्त (भाषा) उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के बाढ़ग्रस्त धराली में जमा मलबे से बचाव दलों ने बुधवार को एक शव बरामद कर लिया, जबकि भारी बारिश के बीच आपदा पीड़ितों की तलाश के लिए बचाव एवं राहत अभियान जारी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया और इस बीच, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फोन पर उनसे बातचीत कर स्थिति की जानकारी ली।
मंगलवार दोपहर बाद बादल फटने से खीरगंगा नदी में आयी भीषण बाढ़ में करीब आधा गांव तबाह हो गया था।
धराली गंगोत्री धाम से करीब 20 किलोमीटर पहले पड़ता है और यात्रा का प्रमुख पड़ाव है।
उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, विनाशकारी बाढ़ में चार लोगों की मृत्यु हो गयी जबकि विभिन्न एजेंसियों द्वारा चलाए जा रहे बचाव अभियान में 130 से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।
उत्तरकाशी जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, मलबे से एक शव बरामद हो गया है जिसकी पहचान धराली के रहने वाले 32 वर्षीय आकाश पंवार के रूप में हुई है।
जिला केंद्र ने बताया कि वर्तमान में गंगोत्री धाम में लगभग 400 यात्री हैं जो सुरक्षित हैं।
मुख्यमंत्री ने देहरादून में राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक कर राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने हेलीकॉप्टर से धराली, हर्षिल सहित आसपास के बाढ़ग्रस्त क्षेत्र का सर्वेक्षण किया ।
धामी ने ‘पीटीआई- वीडियो’ को बताया, ‘‘बचाव कार्य तेजी से किया जा रहा है। सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल और राज्य आपदा मोचन बल के दल मौके पर पहुंच गए हैं। करीब 70-80 लोगों को बचा लिया गया है...एक सड़क अवरुद्ध है। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी मौके पर रवाना हो चुके हैं। यह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति है क्योंकि अब भी वहां बारिश हो रही है।’’
उन्होंने कहा कि भोजन और दवाइयों की व्यवस्था की गयी है और राशन बांटने और उस पर निगरानी के लिए तीन पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों समेत 160 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गयी है। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को राहत और बचाव कार्य के लिए नोडल अधिकारी बनाया गया है ।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमारे लिए एक-एक जान कीमती है।’’
स्थानीय लोगों के अनुसार, बाढ़ में 50 से अधिक लोग लापता हो सकते हैं क्योंकि पानी के अचानक आने से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने का मौका ही नहीं मिला।
फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए भारतीय सेना ने एमआई-17 औैर चिनूक हेलीकॉप्टरों को तैयार रखा हुआ है जो मौसम साफ होते ही उड़ान भरेंगे।
सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने कहा कि लापता लोगों में 11 सैनिक भी शामिल हैं। ‘14 राज रिफ’ के कमांडिंग अधिकारी कर्नल हर्षवर्धन 150 सैनिकों की अपनी टीम के साथ मौके पर राहत और बचाव अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं।
लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीवास्तव ने कहा कि सैनिकों के लापता होने और बेस के प्रभावित होने के बावजूद टीम पूरे साहस और दृढ़ संकल्प के साथ काम कर रही है।
अधिकारियों ने यहां बताया कि आपदा में हुए जानमाल के भारी नुकसान को देखते हुए राहत एवं बचाव कार्यों तथा क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों की तत्काल मरम्मत के लिए राज्य आपदा मोचन निधि से 20 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गयी है।
प्रदेश की स्वास्थ्य महानिदेशक सुनीता टम्टा ने पांच विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम को तत्काल उत्तरकाशी पहुंचने के निर्देश दिए हैं ताकि प्रभावितों को समय से उचित इलाज उपलब्ध कराया जा सके। इन डॉक्टरों में एक जनरल शल्यचिकित्सक और दो हड्डीरोग शल्यचिकित्सक शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बातचीत कर धराली में आयी प्राकृतिक आपदा तथा वहां चल रहे बचाव एवं राहत कार्यों की जानकारी ली। धामी ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य सरकार पूरी तत्परता से बचाव एवं राहत कार्यों में जुटी हुई है। उन्होंने बताया कि लगातार भारी बारिश के कारण कुछ क्षेत्रों में कठिनाइयां आ रही हैं लेकिन सभी संबंधित एजेंसियां समन्वय के साथ काम कर रही हैं ताकि प्रभावितों को तुरंत सहायता मिल सके। प्रधानमंत्री ने उन्हें केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।
उधर, प्रदेश में विभिन्न जगहों पर बारिश हो रही है जिससे नदियां और नाले उफान पर हैं। हरिद्वार में गंगा नदी खतरे का निशान पार कर गयी है। अधिकारियों ने बताया कि पहाड़ों और मैदानी इलाकों में लगातार बारिश होने से हरिद्वार में गंगा 294 मीटर के अपने खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर उपर बह रही है।
उन्होंने बताया कि गंगा के किनारे बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है तथा लोगों से फिलहाल नदी से दूरी बनाए रखने की अपील की गयी है।
भाषा दीप्ति