प्रधानमंत्री मोदी ने कर्तव्य भवन का उद्घाटन किया
शफीक पवनेश
- 06 Aug 2025, 03:22 PM
- Updated: 03:22 PM
(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, छह अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को ‘कर्तव्य भवन’ का उद्घाटन किया, जो प्रस्तावित दस साझा केंद्रीय सचिवालय भवनों में से पहला है।
इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को एक ही परिसर में लाना है ताकि प्रशासनिक कार्यकुशलता को बढ़ाया जा सके।
साझा केंद्रीय सचिवालय भवनों में से कर्तव्य भवन-03 पहली इमारत है जिसका आज प्रधानमंत्री ने उद्घाटन किया। इस इमारत में गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई), कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी), पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के दफ्तर और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय होगा।
वर्तमान में कई प्रमुख मंत्रालय शास्त्री भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन और निर्माण भवन जैसे पुरानी इमारतों में कार्यरत हैं। सरकार के मुताबिक, 1950 और 1970 के दशक के बीच बनाए गए ये भवन अब ‘‘संरचनात्मक रूप से पुराने’’ हो चुके हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर और मंत्रालय के सचिव के. श्रीनिवास के साथ नवनिर्मित भवन का दौरा किया। श्रीनिवास ने प्रधानमंत्री को कर्तव्य भवन की विशेषताओं के बारे में जानकारी दी।
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की योजना के अनुसार साझा केंद्रीय सचिवालय के अंतर्गत कुल दस भवनों का निर्माण किया जाना है। यह परियोजना केंद्र सरकार की ‘सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना’ का हिस्सा है।
निर्माणाधीन भवनों में से भवन संख्या-1 और 2 के कार्य अगले माह तक पूरे होने की उम्मीद है, जबकि साझा केंद्रीय सचिवालय (सीसीएस) भवन संख्या 10 का निर्माण कार्य अगले वर्ष अप्रैल तक पूरा हो जाएगा। सीसीएस भवन संख्या छह और सात का कार्य अक्टूबर 2026 तक पूरा किया जाना प्रस्तावित है।
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री खट्टर ने मंगलवार को बताया कि शास्त्री भवन, कृषि भवन, निर्माण भवन और उद्योग भवन में कार्यरत कार्यालयों को दो वर्षों की अस्थायी अवधि के लिए कस्तूरबा गांधी मार्ग, मिंटो रोड और नेताजी पैलेस में चार नए स्थानों पर स्थानांतरित किया जाएगा, जब तक सीसीएस के शेष भवनों का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो जाता।
सरकार ने कुछ भवनों को संरक्षित रखने का प्रस्ताव भी दिया है, जिनमें राष्ट्रीय संग्रहालय, राष्ट्रीय अभिलेखागार, जवाहरलाल नेहरू भवन (विदेश मंत्रालय), डॉ. आंबेडकर ऑडिटोरियम और वाणिज्य भवन शामिल हैं, जो अपेक्षाकृत नए भवन हैं।
‘सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना’ के तहत सरकार पहले ही नया संसद भवन, उपराष्ट्रपति एन्क्लेव और विजय चौक से इंडिया गेट तक फैले कर्तव्य पथ का पुनर्विकास कर चुकी है।
साझा केंद्रीय सचिवालय के अतिरिक्त, सरकार एक ‘एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव’ का निर्माण भी कर रही है, जिसमें नया प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), कैबिनेट सचिवालय, इंडिया हाउस और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय होंगे।
एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव के दूसरे चरण के अंतर्गत प्रधानमंत्री का नया आवास भी बनाया जाएगा।
कर्तव्य भवन-03 का क्षेत्रफल 1.5 लाख वर्ग मीटर है और बेसमेंट क्षेत्रफल 40,000 वर्ग मीटर है। इसकी पार्किंग में 600 कारें खड़ी हो सकती हैं।
आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने बताया कि कर्तव्य भवन-03 में एक शिशु गृह, एक योग कक्ष, एक चिकित्सा कक्ष, एक कैफै, एक रसोईघर और एक बहुउद्देशीय हॉल है। इसमें 24 मुख्य सम्मेलन कक्ष हैं, जिनमें से प्रत्येक में 45 लोगों के बैठने की क्षमता है। इसके अलावा 26 छोटे सम्मेलन कक्ष हैं, जिनमें से प्रत्येक में 25 लोगों के बैठने की क्षमता है।
भाषा शफीक