एसआईआर वोटों की ‘डकैती’, इस पर संसद में चर्चा होना जरूरी: विपक्ष
हक हक वैभव
- 06 Aug 2025, 01:06 PM
- Updated: 01:06 PM
नयी दिल्ली, छह अगस्त (भाषा) विपक्षी दलों ने बिहार में जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को बुधवार को वोटों की ‘‘डकैती’’ करार दिया और कहा कि इस विषय पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा कराना देशहित के लिए जरूरी है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने विपक्ष के कई नेताओं के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यदि सरकार एसआईआर पर चर्चा कराने के लिए तैयार नहीं होती तो समझा जाएगा कि वह लोकतंत्र और संविधान में विश्वास नहीं करती है।
उनका कहना था कि एसआईआर पर चर्चा की मांग को लेकर समूचा विपक्ष एकजुट है।
खरगे ने कहा, ‘‘सभी विपक्षी पार्टियां एसआईआर पर चर्चा चाहती हैं। सभी पार्टियों ने लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा के उप सभापति और सरकार से बार-बार कहा है कि ‘वोट चोरी’ पर चर्चा की जाए। मौजूदा सरकार को जहां समझ आता है, वहां वे वोट बढ़ा लेती है और अब वो बिहार में वोट काट रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें एसआईआर पर चर्चा करने का मौका मिलना चाहिए, ताकि जहां गड़बड़ी हुई है, असंवैधानिक तरीके से काम किया जा रहा है, उस बारे में बात हो और लोगों के अधिकार सुरक्षित हो सकें।’’
खरगे के मुताबिक, अगर लोगों का नाम मतदाता सूची में नहीं होगा तो उनकी नागरिकता पर भी खतरा होगा और संदेह की स्थिति बनेगी।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘‘अब यह कहा गया कि अदालत में विचाराधीन मामले पर चर्चा नहीं हो सकती। लेकिन 21 जुलाई, 2023 को तत्कालीन सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा था कि यह सदन हर विषय पर चर्चा कर सकता है।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘अल्पसंख्यकों, दलितों, आदिवासियों, मनरेगा कामगारों के नाम मतदाता सूची से कट रहे हैं। जो गरीबों का हक छीनना चाहते हैं, वो चोर ही हो सकते हैं।’’
खरगे ने कहा, ‘‘हमारी मांग है कि एसआईआर पर चर्चा होनी चाहिए। इस मुद्दे पर सभी विपक्षी दल एकजुट हैं और हम (सरकार को) मनवाएंगे। अगर वो (सरकार) नहीं मानेंगे तो हम समझेंगे कि वो संविधान और लोकतंत्र को नहीं मानते हैं।’’
उन्होंने कहा कि विपक्षी दल देशहित में यह विषय उठा रहे हैं।
तृणमूल कांग्रेस की सांसद सागरिका घोष ने कहा, ‘‘एसआईआर वोट चोरी करने का माध्यम है और हम इसके खिलाफ लगातार लड़ रहे हैं। एसआईआर हमारे संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा शासित राज्यों में बांग्लाभाषी लोगों पर अत्याचार किया जा रहा है।
सागरिका ने कहा, ‘‘बंगाल का घोर अपमान किया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा कि एसआईआर के खिलाफ आगामी सोमवार को निर्वाचन आयोग तक मार्च किया जाएगा।
द्रमुक नेता तिरुचि शिवा ने कहा, ‘‘हमें लोकतंत्र के इस मंदिर पर पूरा विश्वास है। इसमें एसआईआर पर चर्चा होनी चाहिए।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि एसआईआर के माध्यम से बहुत सारे नागरिकों को मताधिकार से वंचित करने का प्रयास किया जा रहा है।
द्रमुक सांसद ने कहा, ‘‘नागरिकता का प्रमाण मांगना निर्वाचन आयोग का काम नहीं है...हमें चिंता है कि विपक्ष के समर्थक मतदाताओं को मताधिकार से वंचित किया जा सकता है।’’
उनका कहना था, ‘‘सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि एसआईआर पर चर्चा के लिए समय आवंटित हो।’’
राष्ट्रीय जनता दल के नेता मनोझ झा ने दावा किया, ‘‘मेरे साथी इसे वोट की चोरी बता रहे हैं। लेकिन चोरी नहीं, बल्कि डकैती है। दिन-दहाड़े डकैती की जा रही है।’’
उनका कहना था, ‘‘अगर हम संसद को सुरक्षित नहीं रख पाए, तो यह लोकतंत्र भी सुरक्षित नहीं रहेगा।’’
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