बिकवाली के बीच स्थिर रेपो दर से बाजार को मिला सहारा, सेंसेक्स 166 अंक फिसला
प्रेम रमण
- 06 Aug 2025, 06:29 PM
- Updated: 06:29 PM
(ग्राफिक्स के साथ)
मुंबई, छह अगस्त (भाषा) द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा के बीच स्थानीय शेयर बाजार में बुधवार को शुरूआती तेजी बरकरार नहीं रह पाई और बीएसई सेंसेक्स 166 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में बिकवाली से लगातार दूसरे दिन बाजार नुकसान में रहा।
बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक सेंसेक्स 166.26 अंक यानी 0.21 प्रतिशत टूटकर 80,543.99 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 261.43 अंक तक गिर गया था।
सेंसेक्स के समूह में शामिल 30 शेयरों में 18 नुकसान में रहे जबकि 12 शेयरों में तेजी रही।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला मानक सूचकांक निफ्टी 75.35 अंक यानी 0.31 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,574.20 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सूचकांक एक समय 110.35 अंक तक टूट गया था।
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में सन फार्मास्युटिकल्स, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, इन्फोसिस, बजाज फाइनेंस, इटर्नल, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज फिनसर्व, टाटा स्टील, आईटीसी और एलएंडटी प्रमुख रूप से नुकसान में रहे।
दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में एशियन पेंट्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, बीईएल, अदाणी पोर्ट्स, भारतीय स्टेट बैंक, ट्रेंट, एचडीएफसी बैंक शामिल हैं।
जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लि. के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘अमेरिका की चेतावनी से उपजे व्यापार तनावों के बावजूद घरेलू बाजार जुझारू बना रहा और निफ्टी 24,500 अंक के प्रमुख समर्थन स्तर के आसपास मजबूती से टिका रहा। हालांकि औषधि क्षेत्र का प्रदर्शन कमजोर रहा और इस क्षेत्र पर शुल्क चेतावनियों का असर दिखा।’’
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अमेरिकी शुल्क को लेकर अनिश्चितता के बीच बुधवार को प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 5.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का फैसला किया।
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। वहीं खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को घटाकर 3.1 प्रतिशत कर दिया है जबकि पहले इसके 3.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था।
छोटी कंपनियों के सूचकांक बीएसई स्मालकैप में 1.14 प्रतिशत की गिरावट रही जबकि मझोली कंपनियों का मिडकैप सूचकांक एक प्रतिशत गिर गया।
क्षेत्रवार सूचकांकों में से आईटी केंद्रित खंड में 1.78 प्रतिशत, स्वास्थ्य देखभाल खंड में 1.72 प्रतिशत और आईटी खंड में 1.64 प्रतिशत की गिरावट रही। सिर्फ बैंकिंग खंड ही बढ़त में रहा।
दो दिनों की गिरावट के बीच बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 3,50,296.28 करोड़ रुपये घटकर 4,45,19,999.04 करोड़ रुपये रह गया।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा ने कहा, "आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति का ब्याज दर को स्थिर रखने का फैसला बाजार की उम्मीदों के अनुरूप ही रहा। इस वजह से बाजार में कोई खास प्रतिक्रिया नहीं देखी गई।"
एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग सकारात्मक दायरे में बंद हुए, जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी स्थिर रहा।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में तेजी का रुख था। अमेरिकी बाजार मंगलवार को गिरावट के साथ बंद हुए।
वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 1.61 प्रतिशत बढ़कर 68.73 डॉलर प्रति बैरल पर रहा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को 22.48 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 3,840.39 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
मंगलवार को सेंसेक्स 308.47 अंक टूटा था जबकि एनएसई निफ्टी में 73.20 अंक की गिरावट आई थी।
भाषा
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